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Parenting Tips - अक्सर छोटी उम्र में हो जाता है बच्चों का प्यार, पता चलने पर माता-पिता ना करें ये काम

माता-पिता के लिए यह मान पाना बड़ा मुश्किल होता है कि उनके बच्चे का किसी के साथ अफेयर चल रहा है। खासकर तब जब उनका बच्चा छोटा होता है। जिसके कारण अधिकतर पेरेंट्स को काफी गुस्सा आता है। आइए ऐसे में जानते हैं टीनेज लव और और रिलेशनशिप को कैसे डील कर सकते हैं पेरेंट्स। 

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अक्सर छोटी उम्र में हो जाता है बच्चों का प्यार, पता चलने पर माता-पिता ना करें ये काम 

HR Breaking News, Digital Desk- भारतीय पेरेंट्स के लिए इस बाद को डाइजेस्ट करना काफी मुश्किल होता है कि उनके बच्चे का किसी के साथ अफेयर चल रहा है खासतौर पर अगर बच्चा छोटा है तो यह  पेरेंट्स के लिए काफी बड़ी बात होती है. बच्चों के रिलेशनशिप के बारे में पता चलने पर अधिकतर पेरेंट्स को काफी गुस्सा आता है.

अपने इसी गुस्से के चलते पेरेंट्स बच्चों पर कई तरह के बैन लगा देते हैं. कई लोग बच्चों को कठोर सजा देते हैं तो कुछ उनके बाहर जाने या फोन इस्तेमाल करने पर बैन लगा देते हैं. इन  सभी पाबंदियों के चलते कई बार बच्चे काफी डर जाते हैं और पेरेंट्स से अपने मन की बात शेयर करने में कतराने लगते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं टीनेज लव और और रिलेशनशिप को कैसे डील कर सकते हैं पेरेंट्स.


 कुछ साल पहले बेंगलुरू में एक मामला सामने आया था जहां 15 साल की एक लड़की ने अपने 19 साल के ब्वॉयफ्रेंड के साथ मिलकर पिता का मर्डर कर दिया.  मर्डर का कारण पूछने पर लड़की ने बताया कि उसके पिता को उनकी यह रोमांटिक रिलेशनशिप बिल्कुल भी पसंद नहीं था. लड़की ने बताया जब पिता को उनके रिलेशनशिप के  बारे में पता चला तो उन्होंने उसे बहुत मारा और उसका फोन भी छीन लिया. ऐसे में अपनी आजादी वापस पाने के लिए लड़की और उसके ब्वॉयफ्रेंड ने मिलकर पिता का मर्डर कर दिया. ऐसे भी कई मामले सामने आते रहते हैं कि पैरेंट्स की पाबंदियों की वजह से टीनेजर कपल खुदकुशी जैसा कदम उठा लेते हैं.  


ऐसे में सवाल उठता है कि अगर बच्चे किसी रोमांटिक रिलेशनशिप में हैं तो माता-पिता को इस परिस्थिति का सामना किस तरह से करना चाहिए.  


आमतौर पर भारतीय परिवारों में जब माता-पिता को बच्चे के रिलेशनशिप के बारे में पता चलता है तो वह अपने गुस्से से इस परिस्थिति को सुधारने की बजाय और भी ज्यादा खराब कर देते हैं. ऐसे में यह जानना काफी जरूरी है कि आपके बच्चे बड़े हो रहे हैं और इस उम्र में आप उन्हें डरा-धमका कर अपनी बात नहीं मनवा सकते. 


किशोरावस्था वह स्टेज होती है जिसमें बच्चों के शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. इस स्थिति में किसी की ओर आकर्षित होना काफी आम होता है. ऐसे में माता-पिता के लिए जरूरी है कि वह अपने बच्चे को समझें और उन्हें प्यार से चीजों को समझाएं. अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा आपसे हर बात को खुलकर शेयर करे तो जरूरी है कि आप उसे एहसास दिलाएं कि आप दोनों एक ही टीम हैं. इसके लिए आपको कुछ चीजें करनी होंगी. आइए जानते हैं उनके बारे में- 


जब आप अपने बच्चे से माता-पिता बनकर बात करते हैं तो इस स्थिति में आपका बच्चा आपसे कई चीजें छिपा सकता है. कई बार जब माता पिता को बच्चों के रिलेशनशिप के बारे में पता चलता है तो उनके दिमाग में कई तरह की बातें आती हैं जैसे- 'ये सब कैसे हो गया, उसकी ये सब करने की हिम्मत कैसे हुई, लोग क्या कहेंगे, तुमने हमारे परिवार का नाम बदनाम कर दिया है.' 


माता पिता के दिमाग में इस तरह के ख्याल आने से उन्हें काफी गुस्सा आता है. ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों को कंट्रोल करना शुरू कर देते हैं और इसके लिए वह बच्चों को कई बार सजा भी देते हैं. इस तरह के बर्ताव से पेरेंट्स कहीं ना कहीं बच्चों को खुद से दूर कर देते हैं जिससे बच्चा माता-पिता से हर काम छिपाकर करना शुरू कर देता है.

बच्चों के रिलेशनशिप से कैसे करें डील-

 
 इन सभी मामलों में कई बार बच्चों को माता -पिता के सपोर्ट की काफी ज्यादा जरूरत होती है लेकिन उनके गुस्से और बेरुखी की वजह से कहीं ना कहीं बच्चे दूरी बना लेते है.


बच्चों के रिलेशनशिप के बारे में जानने के बाद आइए जानते हैं आप कैसे इस परिस्थिति को समझ सकते हैं और बच्चों से बात कर सकते हैं-  


बच्चों के रिलेशनशिप को दें मंजूरी-

जब माता-पिता को बच्चे के रिलेशनशिप के बारे में पता चलता है तो उनके लिए बच्चे के रिलेशनशिप को मंजूरी देना काफी मुश्किल होता है. ऐसे में सीधा इंकार करने की बजाय आप ये चीजें कर सकते हैं जैसे, 

अगर आप अपने बच्चे के रिलेशनशिप को लेकर परेशान हैं तो इसके लिए किसी से बात करें.

सबसे पहले अपने दिमाग को शांत करें ताकि आप चीजों को लेकर शांति से सोच सकें. 
रिलेशनशिप के बारे में पता लगने के बाद जरूरी है कि आप इस बारे में सीधा बच्चे पर गुस्सा करने की बजाय अपने पार्टनर से बात करें. 


अपने बच्चे की फीलिंग्स को समझें- माता-पिता होने के नाते आपको बच्चे के शरीर में प्यूबर्टी के दौरान होने वाले बदलावों को समझना काफी जरूरी होता है. आमतौर पर लोग प्यूबर्टी के दौरान बच्चे के शरीर में होने वाले फिजिकल बदलावों के बारे में तो सब कुछ जानते हैं लेकिन इमोशनल बदलावों से अनजान रहते हैं. ऐसे में जरूरी है कि आप अपने बच्चे की फीलिंग्स और इमोशन्स को समझें. 

इस दौरान बच्चे के दिमाग और मन में कई तरह के बदलाव हो रहे होते हैं. इस स्टेज में बच्चे कई बार काफी ज्यादा इमोशनल महसूस करते हैं. किशोरावस्था एक ऐसी स्टेज होती है जब बच्चे माता-पिता से अलग होकर अपनी आजादी को महसूस करना चाहते हैं. इस दौरान बच्चे अपने नए दोस्त बनाते हैं और नई-नई चीजों का अनुभव करना चाहते हैं. इस स्टेज में जरूरी है कि आप उन्हें माता-पिता बनकर नहीं बल्कि एक दोस्त की तरह तरह ट्रीट करें. 

आपको यह समझने की जरूरत है कि आपके बच्चे को अभी भी आपकी जरूरत है. लेकिन एक अलग तरीके से.

प्यूबर्टी के दौरान बच्चों को कई तरह के हार्मोनल बदलावों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अगर आपका बच्चा कुछ अलग तरह से रिएक्ट करता है या गुस्सा करता है तो इसे दिल पर ना लें.

बच्चे की चीजों पर ध्यान दें लेकिन उनकी प्राइवेसी का भी ख्याल रखें. जबरदस्ती किसी चीज से बारे में जानने के लिए उसके पीछे ना पड़े.


लव और रिलेशनशिप को लेकर करें बच्चे से बात-  

अक्सर माता-पिता को बच्चों से इन टॉपिक्स पर बात करना काफी अजीब लगता है लेकिन जरूरी है कि आप अपने कंफर्ट ज़ोन से बाहर निकलें और बच्चे से इन टॉपिक्स पर खुलकर बात करें. बच्चे चाहते हैं कि उनके माता-पिता उनसे खुलकर सभी बातें शेयर करें. इसी तरीके से बच्चे आपकी बात को ध्यान से सुनेंगे और खुद को आपके करीब महसूस कर सकेंगे. बात करने से सभी परेशानियों का हल निकल सकता है. 


इन टिप्स के जरिए टीनेज लव और रिलेशनशिप से डील कर सकते हैं पेरेंट्स-

अगर आपको अपने बच्चे के रिलेशनशिप के बारे में कुछ भी पता चतला है तो आप उससे इस बारे में बात करें ना कि उसे कठोर सजा दें. 

 पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे को लड़की और लड़कों दोनों के साथ ही दोस्ती करने के लिए प्रेरित करें. 

बच्चे से रोमांस, सेक्सुअल अट्रैक्शन जैसी चीजों के बारे में खुलकर बात करें. अगर आपको इस बारे में बात करने में शर्म आती है तो आप बच्चे को काउंसलर के पास ले जा सकते हैं. 

पेरेंट्स के लिए जरूरी है कि आप अपने बच्चे के दोस्तों के बारे में भी जानें. उन्हें समय-समय पर घर पर आमंत्रित करें और उनके साथ टाइम स्पेंड करें.