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देवर संग रोमांस: पति के रिश्तेदारों के ताने सुन परेशान हुई महिला, बच्चे की चाहत में देवर संग करना पड़ा ये काम

मेरे पति के रिश्तेदार मुझे बेबी प्लान करने की नसीहत देते रहते हैं। मेरी चाची सास ने तो इंफर्टिलिटी एक्सपर्ट के बारे में भी मुझे बता दिया। मुझे समझ नहीं आ रहा कि इस सबसे कैसे निपटना चाहिए।
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देवर संग रोमांस: पति के रिश्तेदारों के ताने सुन परेशान हुई महिला, बच्चे की चाहत में देवर संग करना पड़ा ये काम
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HR Breaking News] डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, मैं 28 साल की एक विवाहित महिला हूं। मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं। मैं और मेरे पति एक-दूसरे को कॉलेज टाइम से जानते हैं। हमने लव मैरिज की थी। मेरी शादीशुदा जिंदगी में तो किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन मैं अपने पति के रिश्तेदारों से बहुत ज्यादा परेशान हो चुकी हूं। दरअसल, मेरे पति एक रूढ़िवादी व्यावसायिक परिवार से आते हैं। हम जॉइंट फैमिली में रहते हैं। मेरे सास-ससुर और देवर के अलावा पति के चाचा-चाची और उनके बच्चे भी हमारे ही साथ रहते हैं।

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हमारा घर काफी बड़ा है। यहां कई लोग हैं। ऐसे में मैंने अपने पति को शादी से पहले ही बता दिया था कि मैं होटल मैनेजमेंट का कोर्स पूरा करने और नौकरी मिलने के बाद ही फैमिली के बारे में सोचूंगी। हालांकि, इस पर उन्हाेंने अपनी अनिच्छा जताते हुए कहा था कि उनके घर की महिलाएं पैसों के लिए काम नहीं करती हैं। हां, अगर में किसी एनजीओ के साथ जुड़ जाती हूं, तो उन्हें कोई हर्ज नहीं है। मेरे कोर्स का आखिरी साल चल रहा है। मुझे अब तक कोई जॉब भी नहीं मिली है। लेकिन मेरे पति के रिश्तेदारों ने मुझसे पूछना शुरू कर दिया है कि मैं बच्चा कब पैदा करूंगी?

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सबसे बुरी बात तो यह है कि मेरे सास-ससुर भी जानते हैं कि पढ़ाई पूरी किए बिना मैं परिवार आगे बढ़ाने के बारे में सोच भी नहीं सकती, लेकिन फिर भी वह इस तरह के सवालाें पर कोई आपत्ति नहीं जताते। ऐसे में हद तो तब हो गई, जब मेरी चाची सास ने मुझे इनफर्टिलिटी एक्सपर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यदि जरूरी हो, तो वह मेरा माइंड मेकअप करा सकती हैं। हालांकि, बच्चा पैदा करना पूरी तरह मेरे और मेरे पति की पर्सनल चॉइस है, लेकिन हर बार उनका यह सवाल मुझे बहुत ज्यादा परेशान करता है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि इस तरह के दकियानूसी रिश्तेदारों से कैसे निपटना चाहिए?

एक्सपर्ट का जवाब
फोर्टिस हेल्थकेयर में मानसिक स्वास्थ्य और व्यवहार विज्ञान विभाग की प्रमुख कामना छिब्बर कहती हैं कि हर परिवार की अपनी संस्कृति और मानदंड होते हैं। उनकी सोच को बदलना आपके लिए काफी ज्यादा मुश्किल है। जब तक बात आपके हाथ में थी, तो आपने इसे अच्छे से मैनेज किया था।

लेकिन अब यह मामला आपके लिए मुश्किल होता जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि आप जॉइंट फैमिली में रह रही हैं। इतना ही नहीं, यह वो रिश्तेदार हैं, जिन्‍हें खुद से ज्‍यादा दूसरों से मतलब होता है। दूसरों की जिंदगी में दखल देना इनका मुख्‍य काम है। ऐसे में मैं यही कहूंगी कि इनकी बातों पर ज्‍यादा ध्‍यान न दें।

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