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Vidur Niti : इन आदतों से आप जीवनभर होंगे अपमानित , कभी नहीं मिलेगा सुख

विदुर निति में कुछ ऐसी आदतों के बारे में बताया गया है जो आपको उम्रभर अपमानित क्र सकती है।  इन्हे जल्दी से जल्दी बदलने की जरूरत है।  कौनसी है ये बातें, आइये जानते हैं 

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HR Breaking News, New Delhi: महत्मा विदुर हस्तिनापुर के महामंत्री थे. वे धर्मशील और न्यायप्रिय थे. उनकी बातें व्यक्ति को विकास के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं. Vidur Niti में व्यक्ति के उन दुर्गुणों के बारे में बताया गया है. जो व्यक्ति की उन्नति में बाधक होते हैं, इन दुर्गुणों की वजह से व्यक्ति जीवन भर दुःख झेलता है तथा हर जगह अपमानित भी होता हैं. आइए जानें इनके बारे में


लालच: महात्मा विदुर जी कहते हैं कि लालची व्यक्ति जीवन में कभी सुखी नहीं रह सकता है. वह अपनी लालच को पूरा करने के लिए कोई भी पाप कर सकता है. इससे उसके मान-सम्मान को धक्का लगता है. 

अभिमान या घमंड: Vidur Niti के अनुसार, जो व्यक्ति हर समय खुद ही अपनी प्रशंसा करता रहता है और अपने को दूसरों से अधिक समझदार मानता है. ऐसा व्यक्ति अभिमानी होता है. अभिमानी व्यक्ति को जीवन भर पैसों की तंगी बनी रहती है. 

क्रोध:  विदुर के मुताबिक, क्रोध, व्यक्ति के नाश का मूल है. लोग अधिक क्रोध में अपनी समझ और निर्णय लेने की क्षमता खो देते हैं. ऐसे में अधिक क्रोध के चलते वे कभी –कभी ऐसा काम कर बैठते हैं जो उनका खुद का नुकसान कर देते हैं. यही नहीं अधिक गुस्सा करने वाला व्यक्ति समाज में अपना मान-सम्मान और धन वैभव भी खो देता है.


त्याग और सर्मपण की भावना का आभाव: विदुर जी कहते हैं कि जिस व्यक्ति के अंदर त्याग और समर्पण की भावना रहती है. वह व्यक्ति अपने जीवन में सुखी रहता है. वहीं जो व्यक्ति केवल अपने हित के बारे में सोचता है और अपने हित के लिए ही कार्य करता है तो उसे समाज में अपमान सहना पड़ता है. Vidur Niti के अनुसार ऐसे व्यक्ति जीवन में हमेशा दुखी ही रहते हैं.  

सटीक बोलना : विदुर जी कहते हैं कि जो व्यक्ति खूब सोच समझकर उचित ही बोलता है. उसे समाज में मान –सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है. इसलिए इंसान को निरर्थक नहीं बोलना चाहिए. ज्यादा और व्यर्थ बोलेन वाले व्यक्ति का कोई सम्मान नहीं करता है. ऐसे व्यक्ति ज्यादा बोलने के चक्कर में कुछ ऐसा बोल जाते हैं जो उनका खुद का नुकसान हो जाता है. ऐसे लोग जीवन में कभी सुखी नहीं रहते हैं.