दिल्ली - मुंबई एक्सप्रेस वे में क्यों लग रहा है इतना समय ? आखिर कब पूरा होगा गडकरी का सपना
फरीदाबाद: केंद्र सरकार एक ओर अपने महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे के निर्माण को लेकर गंभीर है और जल्द से जल्द लोगों को इसे समर्पित करना चाहती है, मगर दूसरी ओर हरियाणा के फरीदाबाद में इस प्रोजेक्ट को लेकर तमाम अड़चनें आ खड़ी हुई हैं,जिन्हें दूर करना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है।
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यही वजह है कि फरीदाबाद की वजह से यह प्रोजेक्ट हर रोज लेटलतीफी का कारण बना हुआ है। प्रशासन के अधिकारी चाहकर भी इस परियोजना को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, यही वजह है कि दिल्ली से मुंबई हाईवे पर सफर करना लोगों के लिए एक सपना बना हुआ है।
प्रधानमंत्री प्रगति श्रेणी में शामिल
बता दें कि फरीदाबाद में बाईपास पर बसी हुई झुगिगयां इस परियोजना में कांटे बिछाए हुए है। सैक्टर 30 से लेकर 17 और सैक्टर 18 में बाईपास के किनारे सैंकड़ों झुगिगयां बसी हुई है, जिन्हें हटाए बिना इस परियोजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। उन्हें हटाने की जिम्मेदारी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पास है, मगर तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें हटाया नहीं जा रहा। जिस वजह से इस हाईवे का निर्माण आगे नहीं बढ़ पा रहा है।
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इस हाईवे की देरी को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री प्रगति श्रेणी में शामिल करवा दिया है, ताकि इस पर काम आगे बढ़ सके। एनएचएआई ने भी अपने स्तर पर इस अड़चन को दूर करवाने का भरपूर प्रयास कर लिया, जब ऐसा लगा कि अब अधिकारियों की जिम्मेदारी तय हुए बिना इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता, तब इस प्रोजेक्ट को प्रधानमंत्री प्रगति श्रेणी में शामिल करवा दिया गया। ताकि प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप पर ही काम को आगे बढ़ाया जा सके।
पूरा रास्ता NHAI को क्लीयर करके देना है
फिलहाल फरीदाबाद प्रशासन के अधिकारियों ने तमाम प्रेशर के बाद झुगगी वालों को हटाने के लिए उन्हें फ्लैट देने की योजना बनाई है। उन्हें सैक्टर 56 और 56 ए में बने आशियाना फ्लैटों में शिफ्ट करने की कोशिश की जा रही है। फ्लैट की कीमत का भुगतान उन्हें 20 साल में करना होगा और वो भी आसान किश्तों में। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इन लोगों को हटाकर फ्लैट देने का काम शुरू किया जाएगा।
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बता दें कि झुगगी हटाने के बाद ही एक्सप्रेसवे के लिए सडक़ को चौड़ा किया जा सकेगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे फरीदाबाद के 26 किलोमीटर से होकर निकलेगा। इसके लिए शहरी विकास प्राधिकरण को यह पूरा रास्ता एनएचएआई को क्लीयर करके देना है, तभी इस परियोजना को सिरे चढ़ाया जा सकेगा। पंरतु फरीदाबाद के अधिकारी इस काम के प्रति गंभीर दिखाई नहीं दे रहे हैं। इस 26 किलोमीटर के रास्ते में कई बड़े निर्माण, सीएनजी पंप , बिजली के टॉवर, सीवर और पेयजल की लाईनें आ रही हैं, जिन्हें शिफ्ट किए बिना यह परियोजना अधर में ही लटकी रहेगी।
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बाईपास को 12 लेन किया जाएगा
पैकेज वन के तहत दिल्ली के डीएनडी फ्लाईओवर के पास से कालिदीकुंज तक करीब नौ किलोमीटर एक्सप्रेस-वे का निर्माण होना है। इनमें सात किलोमीटर एलिवेटेड है। इसके बाद आगरा नहर के साथ-साथ सेक्टर-37 श्मशान घाट के पास आकर बाईपास से जुड़ जाएगा। पैकेज दो मलरेना पुल तक 24 किलोमीटर है। तीसरा पैकेज मलेरना पुल से सोहना तक 26 किलोमीटर होगा।
इस परियोजना के तहत जिले के बाईपास को 12 लेन किया जाएगा। इसके लिए कुल 70 मीटर जगह चाहिए। परियोजना पर तेजी से काम हो सके, इसके प्रयास किए जा रहे हैं। एनएचएआइ और नगर निगम अधिकारियों के साथ कई बैठक हो चुकी हैं। झुग्गीवासियों को जल्द फ्लैट देकर झुग्गी का सफाया कर दिया जाएगा। बाकी अड़चनों को जल्द हटा दिया जाएगा। बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडक़री के लिए यह परियोजना बेहद ही खास है और वह इसे जल्द से जल्द पूरा करवाना चाहते हैं।