Pakistan Crisis : पडोसी मुल्क में मची हाहाकार, लोगों को नहीं मिल रहा एक वक्त का खाना, दूध, चावल और टमाटर के दाम पहुंचे सातवें आसमान
हमारे पडोसी मुल्क पाकिस्तान की हालत दिनप्रति दिन और भी खराब होती जा रही है यहां के लोगों को एक वक्त का भी भर पेट खाना नहीं मिल रहा। दूध और बाकि दूसरी चीजों के दाम सातवें आसमान पर पहुंच गए हैं । आइये विस्तार से जानते हैं पकिस्तान की ये हालत
HR Breaking News, New Delhi : पाकिस्तान आर्थिक संकट से पूरी तरह घिर चुका है. खाने-पीने की चीजों से लेकर पेट्रोल-डीजल तक के दाम आसमान छू रहे हैं. महंगाई से परेशान लोग सड़कों पर हैं. शहबाज शरीफ सरकार ने पिछले दिनों परेशान जनता को बिजली की दर में बढ़ोतरी करके झटका दिया था. देश की आर्थिक स्थिति दिन पर दिन खराब हो रही है. महंगाई का आलम यह है कि चिकन के रेट 700 से 800 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए हैं. वहीं टमाटर 160 से 200 रुपये किलो के भाव पर बिक रहा है. दूध की कीमत 190 पाकिस्तानी रुपये से बढ़ाकर 210 रुपये प्रति लीटर हो गई हैं.
विदेशी मुद्रा भंडार खत्म होने के कगार पर!
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार 3 अरब डॉलर से कम का रह गया है. मीडिया रिपोर्ट में कराची मिल्क रिटेलर्स एसोसिएशन के हवाले से दावा किया गया है कि कुछ दुकानदारों ने दूध की कीमत में 27 रुपये लीटर तक का इजाफा कर दिया है. आने वाले समय में दूध की कीमत में और इजाफा हो सकता है. मुर्गे-मुर्गियों को खिलाये जाने वाले दाने की कीमत में भी काफी बढ़ोतरी हुई है. 50 किलो के दाने के बोरे की कीमत बढ़कर 7,200 रुपये पर पहुंच गई है.
और बढ़ेंगी जनता की मुश्किलें!
आने वाले दिनों में पाकिस्तान की जनता की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं. आईएमएफ की तरफ से लोन देने की शर्तों में सब्सिडी खत्म करने की बात कही गई है. आईएमएफ ने अपनी शर्तों में कहा है कि पाकिस्तान जनता को दी जाने वाली सब्सिडी कम करें और राजस्व में बढ़ोतरी करे. आईएमएफ का जोर स्थायी राजस्व उपायों पर है. इसमें जीएसटी को 17 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करना, पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर जीएसटी लगाने जैसे उपाय शामिल हैं.
रक्षा बजट में कटौती का सुझाव
इसके साथ ही सूत्रों का दावा है कि पाकिस्तान सरकार ने रक्षा मंत्रालय से रक्षा बजट में 10-15 प्रतिशत की कटौती करने करने के आईएमएफ की शर्त के बारे में चर्चा हुई. रक्षा मंत्रालय ने सेना के सामान्य मुख्यालय (GHQ) के सुझाव पर जवाब देते हुए कहा कि गैर-लड़ाकू बजट में महज 5-10 प्रतिशत की कटौती हो सकती है.