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सुप्रीम कोर्ट का फैसला : अब इस शहर में नहीं कई मंज़िला इमारतें, सुप्रीम कोर्ट ने बताया इसे गैर क़ानूनी

आज बड़े शहरों में कई मंज़िला इमारतें बनने का चलन ज़ोरों पर है जो कई बार इन इमारतों में रहने वालों के लिए खतरनाक साबित होता है ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश दिया है के अब इस शहर में ऐसी बड़ी इमारतें नहीं बनेगी।  

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supreme court news

HR Breaking News, New Delhi : देश के कई शहरों में सिंगल यूनिट पर बड़े-बड़े अपार्टमेंट्स बनाए जा रहे हैं। यानी किसी व्यक्ति से जमीन लेकर उस पर कई मंजिला इमारतें बनाई जा रही हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस मामले में मंगलवार को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। कोर्ट ने चंडीगढ़ में सिंगल रेजिडेंशियल यूनिट को अपार्टमेंट में बदलने पर रोक लगा दी। यह फैसला शहर में फेज-1 यानी सेक्टर एक से 30 में लागू होगा। इस फेज को हेरिटेज जोन घोषित किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने सिंगल रेजिडेंशियल यूनिट पर अपार्टमेंट बनाने की प्रैक्टिस को अवैध करार देते हुए कहा कि यह हेरिटेज सिटी चंडीगढ़ के लिए विनाशकारी है। चंडीगढ़ का डिजाइन फ्रांस के मशहूर आर्किटेक्ट ली कार्बुजिए (Le Corbusier) ने बनाया था।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने 131 पेज के फैसले में 70 साल पुराने शहर चंडीगढ़ की खूबसूरती और हेरिटेज को बचाने के लिए कई तरह के निर्देश जारी किए। जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस बी वी नागरत्ना की बेंच ने केंद्र और राज्य सरकारों से किसी भी शहरी प्लान के लिए एनवायरमेंट इम्पैक्ट एसेसमेंट (EIA) को अनिवार्य बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि बेंगलूरु में अनियोजित विकास के कारण सिविक और ट्रांसपोर्टेशन व्यवस्था का बुरा हाल है। इससे सबक सीखने की जरूरत है। जस्टिस गवई ने लिखा कि केंद्र और राज्यों में सरकारों और नीति-निर्माताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विकास की वजह से पर्यावरण का नुकसान न हो। विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बैठाने की जरूरत है।

फेज-1 पर होगा लागू
पंजाब को काटकर जब हरियाणा बनाया गया था तो चंडीगढ़ को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया। यह पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की राजधानी है। इस शहर का विकास दो चरणों में हुआ था। फेज-1 में एक से लेकर 30 तक सेक्टर बनाए गए थे। दूसरे चरण में 31 से 47 सेक्टर तक बनाए गए। फेज-1 में डेढ़ लाख की आबादी के लिए डिजाइन किया गया था। इसमें बहुमंजिला इमारतें नहीं हैं। इसकी तुलना में फेज-2 को कहीं ज्यादा आबादी के लिए डिजाइन किया गया था।
रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन की अपील को स्वीकार करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सिंगल यूनिट पर अपार्टमेंट्स बनाकर शहर की खूबसूरती को बिगाड़ा जा रहा है। यह शहर के ओरिजनल प्लान का उल्लंघन है। कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन से कहा कि वह किसी भी सिंगल यूनिट को अपार्टमेंट में बदलने वाले प्लान को मंजूरी न दे। एसोसिएशन का कहना है कि अपार्टमेंट बनने से शहर का हेरिटेज स्टेटस प्रभावित हो रहा है। इससे शहर की सड़कों पर भी जाम बढ़ने की भी आशंका है।