Haryana News हरियाणा संस्कृति मॉडल स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चों की नही लगेगी फीस
HR Breaking News चंडीगढ़। हरियाणा के गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला नहीं मिलने पर सरकार ने बीच का रास्ता निकाल लिया है। निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की मंशा से प्रदेश सरकार ने सरकारी संस्कृतिक माडल स्कूलों में गरीब परिवारों के बच्चे मुफ्त पढ़ाने का अहम फैसला लिया है।
जिन परिवारों की सालाना आय एक लाख 80 हजार रुपये से कम होगी, उन्हें अपने बच्चों की कोई फीस नहीं देनी होगी और जिन परिवारों की आय इससे अधिक होगी, उनके बच्चों की फीस लगेगी। यह फीस बाकी प्राइवेट स्कूलों से काफी कम होगी।
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यह सभी स्कूल सीबीएसई से संबद्ध होंगे और इनमें अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कराई जाएगी। हालांकि इन स्कूलों में हिंदी माध्यम से पढ़ाई कराने का भी विकल्प रहेगा। पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल द्वारा स्कूलों की गुणवत्ता व शिक्षकों की कमी पर उठाए गए सवाल पर शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर ने सरकार की इस नई पहल की जानकारी दी।
भुक्कल ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम में सरकारी स्कूलों में सरकार बच्चों से फीस नहीं ले सकती। वर्तमान में राज्य में 138 संस्कृति माडल स्कूल हैं और बजट में सरकार ने इनकी संख्या बढ़ाकर 500 करने का निर्णय लिया है।
भुक्कल ने कहा कि सरकार ने इन स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध किया है। इसका मतलब है कि भिवानी बोर्ड पर अब सरकार को भरोसा नहीं है। स्कूलों के लिए सरकार ने नए पद सृजित नहीं किए। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को ही संस्कृति स्कूलों में शिफ्ट किया जा रहा है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में जहां शिक्षकों का संकट गहराएगा वहीं अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाने में उन्हें दिक्कत आएगी। उन्होंने मंत्री से इस पर जवाब मांगा।
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गुर्जर ने कहा कि संस्कृति माडल स्कूलों में प्रतिनियुक्ति पर स्टाफ रखा जाएगा। इसके लिए टेस्ट की शर्त लगाई गई है। उन्हीं शिक्षकों को माडल स्कूलों में शिफ्ट किया जाएगा, जो यह टेस्ट क्लीयर करेंगे। शिक्षा मंत्री ने खाली पदों को भरने के लिए भी जल्द प्रक्रिया शुरू करवाने का ऐलान किया। भुक्कल ने जब बजट का मुद्दा उठाया तो गुर्जर ने कहा कि सरकार के पास पैसों की कमी नहीं है।