home page

Success Story: आज की कहानी में पढ़े असफलता से सफलता की 8 कहानियां, आपको मिलेगा मोटीवेशन

हर किसी की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते रहते है। ठीक वैसे ही हमें जीवन में सफलता-असफलता का स्वाद भी चखने को मिलता है। आज हम अपनी कहानी में आपको ऐसे ही कुछ 8 लोगों की कहानियां बताने जा रहे है जिन्होंने अपने जीवन में असफलता से लेकर सफलता स्वाद चखा है। ये कुछ ऐसे लोगों से जुड़ी कहानियां जिन्हें पढ़कर आप जरूर मोटीवेट होंगे। 
 
 | 

HR Breaking News, Digital Desk- आप चाहे छात्र हों या जॉब की तलाश कर रहे युवा या फिर नौकरीपेशा, आपको असफलता जरूर मिलती होगी। यह सभी के जीवन में परेशान करने वाला और निराशावाद का कारण बनता है। हालांकि सफल लोगों का कहना है कि ‘जो लोग आगे बढ़ने का प्रयास करते हैं उनके लिए असफलता, सफलता का ही एक रूप है, जो इनके जीवन में आता है और आएगा ही, बस हमें इसका सामना करने के लिए पहले से तैयार रहने की जरूरत है’। आज हम आपको दुनिया भर में सफलता से पहले असफलता की 8 ऐसी प्रसिद्ध असल कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी।

 

 

1. जे.के. राउलिंग-

फेमस हैरी पॉटर नावेल की राइटर जेके राउलिंग हार्वर्ड में अपनी स्पीच के दौरान विफलता के महत्व और मूल्य को रेखांकित करते हुए कहा था कि "मैं एक महाकाव्य पैमाने पर विफल रही थी। मेरा बहुत कम उम्र में विवाह हुआ था, जो टूट गया था और मैं बेरोजगार थी, अपने माता-पिता के साथ मैं आधुनिक ब्रिटेन के सबसे गरीब लोगों में शामिल थी। उस समय तक मेरे माता-पिता के मन में मेरे लिए जो डर था और जो मैने किया था, दोनों ही समाप्त हो गए थे। मैं हर उस सामान्य मानक मैं सबसे बड़ी विफलता थी जिसे मैं जानती थी।” जेके राउलिंग ने कहा कि इस असफलता से मजबूती और दृढ़ निश्चयी के साथ बाहर आना ही उनकी सफलता की सबसे बड़ी कुंजी थी। इन परिस्थितियों में भी जेके राउलिंग ने हार नहीं मानी और पूरे विश्‍व में अपनी सफलता की इबारत लिखी।


2. स्टीव जॉब्स-

आज पूरे विश्‍व में स्टीव जॉब्स को कौन नहीं जानता। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पूरे विश्‍व के अंदर क्रांति लाने वाले Apple की शुरुआत एक गैरेज में दो आदमियों ने किया था। आज हम इसे 2 बिलियन डॉलर से अधिक संपत्ति वाली कंपनी के रूप में जानते हैं जिसमें करीब 5000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं, लेकिन क्‍या आप जानते है कि इस कंपनी को शुरू करने वाले स्टीव जॉब्स को उनकी ही कंपनी से निकाल दिया गया था। इस दौरान समय ने उन्हें एहसास दिलाया कि अपने काम के लिए उनका जुनून असफलता की निराशा से अधिक है। नेक्स्ट और पिक्सर जैसे आगे के उपक्रमों ने अंततः जॉब्स को एप्पल में फिर से सीईओ की स्थिति में वापस ला दिया। वर्ष 2005 में जॉब्स ने अपने एक स्पीच में कहा था कि, "मैंने तब इसे नहीं देखा था, लेकिन यह मुझे मालुम है कि Apple से निकाल दिया जाना मेरे लिए सबसे अच्छी बात रही, जो कि मेरे साथ कभी भी हो सकती थी।" अगर आपकी भी जॉब चली गई है, तो उससे निराश न हों, बल्कि उससे दो कदम आगे बढ़ने की कोशिश करें।

3. बिल गेट्स-

कुछ वर्ष पहले तक वर्ल्ड के सबसे रिच इंसान बिल गेट्स को सभी जानते हैं, ये हार्वर्ड ड्रॉपआउट थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत में ट्रैफ-ओ-डेटा नामक एक बिजनेस का को-ओनरशिप किया, जो पूरी तरह विफल रही थी। हालांकि, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में इनके स्किल और जुनून ने इस विफलता को प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में बदल दिया। बिल गेट्स उस समय के 31 वर्ष के थे और दुनिया के सबसे कम उम्र के अरबपति बनें। इस असफलता के बारे में बिल गेट्स ने एक स्पीच में कहा था कि "सफलता का जश्न मनाना ठीक है लेकिन असफलता के सबक पर ध्यान देना अधिक महत्वपूर्ण है।"


4. अल्बर्ट आइंस्टीन-

'आइंस्टीन' शब्द आज के समय में जीनियस का पर्याय है। क्‍या आपको पता है कि रिलेटिविटी: द स्पेशल एंड द जेनरल थ्योरी के जनक स्वयं अल्बर्ट आइंस्टीन नौ वर्ष की आयु तक धाराप्रवाह नहीं बोल सकते थे। उनके विद्रोही स्वभाव के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया और उन्हें ज्यूरिख पॉलिटेक्निक स्कूल में प्रवेश देने से मना कर दिया गया। हालांकि यह सभी असफलताएं उन्हें 1921 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार जीतने से नहीं रोक सकीं। आइंस्टीन का मानना था कि, "सफलता के प्रगति में विफलता रहती है।"


5. अब्राहम लिंकन-

अमेरिका के सबसे फेमस राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन असफलता के एक बड़े उदाहरण हैं। 1831 में व्यापार में असफल होने, 1836 में एक नर्वस ब्रेकडाउन से पीड़ित, 1856 में राष्ट्रपति पद की रेस से बाहर होने के बाद भी अब्राहम लिंकन अपने रास्ते पर अडिग रहे। लिंकन ने कहा था कि, "मेरी बड़ी चिंता यह नहीं है कि आप असफल हुए हैं या नहीं, बल्कि यह है कि क्या आप अपनी असफलता से संतुष्ट हैं।" लिंकन को 1861 में संयुक्त राज्य अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था। वे अमेरिका के सबसे पॉपुलर राष्ट्रपति माने जाते हैं।


6. माइकल जॉर्डन-

बास्केटबॉल दिग्गज प्लेयर माइकल जॉर्डन ने नाइके कंपनी के एक विज्ञापन में कहा कि "मैंने अपने करियर में 9000 से अधिक शॉट गंवाए हैं। मैंने लगभग 300 गेम गंवाए हैं। 26 बार, मुझ पर गेम जीतने वाले शॉट लेने के लिए भरोसा किया गया और मैं चूक गया। मैं अपने जीवन में बार-बार असफल हुआ हूं। हालांकि इससे आगे बढ़ा और इसलिए मैं सफल हुआ।" सभी को यही लगता है कि जॉर्डन का बास्केटबॉल स्किल नेचुरल टैलेंट था, लेकिन क्‍या आपको पता है कि, अपने शुरुआती वर्षों में जॉर्डन के बास्केटबॉल कोचों को इस बात की सबसे ज्यादा परेशानी थी कि जॉर्डन अपनी न्यूनतम ऊंचाई तक भी नहीं पहुंच पा रहे। हालांकि वर्षों के प्रयास, अभ्यास और असफलता ने ही इस सितारे को जन्‍म दिया।


7. स्टीवन स्पीलबर्ग-

स्टीवन स्पीलबर्ग को अब तक के सबसे प्रभावशाली फिल्म निर्माताओं में से एक माना जाता है। इन्‍होंने कई वर्ल्ड फेमस मूवी दी, लेकिन क्‍या आपको पता है कि स्टीवन स्पीलबर्ग के हाई स्कूल में बहुत खराब ग्रेड थे, जिससे उन्हें दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से तीन बार खारिज कर दिया गया। जब वे कॉलेज में थे, तब उनकी नजर यूनिवर्सल के अधिकारियों पर पड़ी, जिन्होंने 1969 में उन्हें एक टेलीविज़न निर्देशक के रूप में साइन किया था। स्टीवन स्पीलबर्ग ने अपने एक स्पीच में कहा था कि, "भले ही मैं बूढ़ा हो जाऊं, जो मैं करता हूं वह कभी बूढ़ा नहीं होता, यह मुझे अपने जुनून के लिए भूखा रखता है।" आज तक, स्पीलबर्ग ने 51 फिल्मों का निर्देशन किया है और उन्हें तीन ऑस्कर से सम्मानित किया जा चुका है।

8. वॉल्ट डिज्नी-

मिकी माउस को पूरे विश्‍व में बड़े से लेकर बच्चे तक जानते हैं। इसके निर्माता वॉल्ट डिजनी ने सेना में शामिल होने के असफल प्रयास में कम उम्र में स्कूल छोड़ दिया। इसके बाद इन्‍होंने एक लाफ-ओ-ग्राम स्टूडियो शुरू किया जो असफलत रहा और ये दिवालिया हो गए। यहां से निकलने के बाद उन्होंने एक अखबार ज्वाइन किया, लेकिन वहां से भी इन्‍हें "पर्याप्त रचनात्मक नहीं होने" के लिए निकाल दिया गया था। जिसके बाद वॉल्ट डिज्नी ने अपनी मेहनत और भरोसे के दम पर डिज्नी स्टूडियो खड़ा किया। वॉल्ट डिज्नी ने अपने स्‍पीच में कहा था कि "हम बहुत देर तक पीछे मुड़कर नहीं देखते। हम आगे बढ़ते रहते हैं, नए दरवाजे खोलते हैं, और नई चीजें करते हैं, क्योंकि हम जिज्ञासु होते हैं.. और जिज्ञासा हमें नए रास्तों पर ले जाती है।"