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Success Story- मजदूरी करने वाली ये महिला बनीं बिजनेस वुमन, पढ़िए आशा देवी की कामयाबी की कहानी

कहते हैं अगर हौसला हो तो कुछ भी संभव है। इस लाइन को सच कर दिखाया है एक महिला ने। मजदूरी करने वाली ये महिला आज न कितनी लड़कियों के लिए मिशान बन गई है। अपनी मेहनत से ये मजदूरी करने वाली लड़की बिजनेस वुमन बन गई है। 

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 मजदूरी करने वाली ये महिला बनीं बिजनेस वुमन, पढ़िए आशा देवी की कामयाबी की कहानी

HR Breaking News, Digital Desk- कहते हैं अगर हौसला हो तो कुछ भी संभव है। इस छोटी मगर दमदार लाइन को चरितार्थ कर दिखाया है अलीगढ़ जिले की आशा देवी ने। जिन्होंने एक दैनिक मजदूर से खुद को कुशल एंटरप्रेन्योर बनाने का समाज में शानदार उदाहरण पेश किया है। अलीगढ़ के टप्पल ब्लॉक के खंडेहा गांव की निवासी आशा देवी और उनके पति कुछ समय पहले तक मजदूरी करके मुश्किल से अपना घर चला रहे थे।

साल 2015 में आशा देवी ने स्वय सहायता ग्रुप ज्वाइन किया। इस दौरान आशा देवी ने अपनी आमदनी में से कुछ पैसे बचाना शुरू किया। जिसने उनको एक व्यापार का आईडिया आया।


जून 2017 में, कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन एंटरप्राइज प्रमोशन ने उन्हें स्टार्ट-अप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (एसवीईपी) से परिचित कराया। इसके बाद आशा देवी ने रिसोर्स सेंटर के सदस्यों के सामने अपनी वाटर प्यूरीफाई प्लांट लगाने की इच्छा जाहिर की। जिसके लिए कम्युनिटी ने आशा देवी का मार्गदर्शन भी किया।

अपने धैर्य और दृढ़ संकल्प के साथ-साथ यूपी राज्य आजीविका मिशन के समर्थन से, आशा देवी अपने लिए खास संभावनाए बनाने में सफल रहीं। एसवीईपी दीनदयाल अंत्योदय योजना - राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) का एक घटक है। आशा देवी ने 52 हजार रुपए के लोन और अपनी 1.5 लाख रुपए की पिछली बचत से (एसएचजी के माध्यम से ) वाटर प्यूरीफाई आरओ प्लांट की स्थापना की।

उन्होंने सबसे पहले सीआरपी-ईपी की मदद से बीआरसी कार्यालय, ब्लॉक ऑफिस और जट्टारी के लोगों के साथ साथ टप्पल के दुकानदारों को पेयजल आपूर्ति शुरू की। अब आशा देवी का परिवार भी इसमें दिलचस्पी ले रहा है, और वे प्रतिदिन 600 रुपये से 800 रुपये तक कमा रहे हैं, और एक अच्छा जीवन जी रहे हैं।

अपने बढ़ते व्यापार को देखकर आशा देवी का प्लान भविष्य में, आस-पास के शहरों और स्थानीय बाजार तक पैकेज्ड वॉटर बॉटल से पानी की आपूर्ति करने का है। मिशन निदेशक भानु गोस्वामी ने कहा कि, वर्तमान में यह कार्यक्रम राज्य के 18 जिलों और 19 विकास खंडों में लागू है। एसवीईपी से अब तक राज्य की 15,804 महिला उद्यमी लाभान्वित हो चुकी हैं।

उन्होंने बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए महिलाएं किराना दुकान, पावरलूम यूनिट के साथ-साथ आटा और दलिया मिल भी स्थापित कर रही हैं।