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Success Story: कभी कर्ज लेकर चलाया ऑटो, आज बन गए 8000000000 रुपये की कंपनी के मालिक, जाने कैसे बदली किस्म

Satya Sankar Success story: मेहनत में दम हो तो किस्मत भी बदलने को मजबूर हो जाती है। ऐसी ही कहानी है एक ऑटो ड्राइवर से लेकर भारत में बेवरेज इंडस्‍ट्री के दिग्गज बनने तक सत्य शंकर की जिन्होंने उनकी अटूट लगन और उद्यमशीलता की भावना (motivational story) का से इसे सच साबित कर दिखाया है। वह आज भले 800 करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक हैं। लेकिन, कभी उन्होंने ऑटो रिक्‍शा भी चलाया था। आइए विस्तार से जानते है उनकी दिलचस्प कहानी-

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Success Story: कभी कर्ज लेकर चलाया ऑटो, आज बन गए 8000000000 रुपये की कंपनी के मालिक, जाने कैसे बदली किस्म

HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। भारत में पेय पदार्थों के बाजार में अपनी जगह बनाना आसान नहीं है। खासकर जब आप एक साधारण परिवार से आते हैं। इसके लिए कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और मजबूत दृष्टिकोण (motivational story) की जरूरत होती है। सत्य शंकर की कहानी उन सभी लोगों के लिए प्रेरणा है जो कुछ बड़ा करना चाहते हैं। मुश्किलों का सामना करते हुए उनकी लगन और कड़ी मेहनत ने उन्हें एक ऐसा ब्रांड स्थापित करने में मदद की जो आज बेवरेज इंडस्‍ट्री में ग्‍लोबल दिग्गजों को टक्कर देता है।

 

कठिनाइयों में गुजरा बचपन 

शंकर कर्नाटक के बेल्लारे गांव से ताल्‍लुक रखते हैं। वह एक किसान परिवार से आते हैं। उनका बचपन कठिनाइयों और संघर्षों से भरा था। जीवनयापन के लिए उन्होंने बैंक से कर्ज लेकर एक ऑटोरिक्शा खरीदा और शहर में (business idea) चलाना शुरू कर दिया। लेकिन, शंकर अपने लक्ष्यों के प्रति दृढ़ रहे। कड़ी मेहनत से एक साल के भीतर ही ऑटो का कर्ज चुका दिया। बाद में उन्होंने अपना ऑटो बेच दिया और एक एम्बेसडर कार खरीद ली।

 

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किए कई कारोबार 

मेहनत और लगन के बावजूद शंकर टैक्सी ड्राइवर के रूप में काम करके संतुष्ट नहीं थे। लिहाजा, 1987 में उन्होंने अपने करियर (business success story) में एक बड़ा बदलाव करने और ऑटोमोबाइल गैरेज उद्योग में कदम रखने का फैसला किया। बाद में उन्होंने एक टायर डीलरशिप और ऑटोमोबाइल फाइनेंस कंपनी भी स्थापित की। हालांकि, इस समय तक शंकर अपने व्यवसाय के साथ काफी बेहतर स्थिति में थे। फिर भी उन्‍हें पूरा संतोष नहीं था।

 

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'बिंदु फिज जीरा मसाला' 

2000 के दशक की शुरुआत में शंकर की जिंदगी में एक नया मोड़ आया जब उन्होंने उत्तर भारत की यात्रा की। इस यात्रा के दौरान उनके मन में एक और व्यावसायिक विचार आया जो जीरा के स्थानीय स्वादों से भरपूर (bindu fizz jeera masala) पेय पदार्थ से जुड़ा था। शंकर ने बाजार में इस पेय की संभावनाओं को पहचाना। एक अलग तरह का कार्बोनेटेड पेय बनाने के इरादे से शंकर ने 2002 में 'बिंदु फिज जीरा मसाला' की शुरुआत की। इस स्थानीय पेय के अनोखे स्वाद और ताजगी ने जल्द ही लोगों का ध्यान खींचा और बाजार में धूम मचा दी।

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आज करोड़ों का कारोबार

2005-2006 तक कंपनी ने 6 करोड़ रुपये का कारोबार हासिल कर लिया था। साल 2010 में SG कॉर्पोरेट्स के प्रोडक्‍ट बिंदु फिज जीरा मसाला ने जोरदार तेजी हासिल की। तब इसका कारोबार 100 करोड़ रुपये के (food business idea) आंकड़े को पार कर गया। इस उपलब्धि ने भारत की बेवरेज इंडस्‍ट्री में ब्रांड की स्थिति मजबूत की। 2015 में बिंदु जीरा ने UAE, सिंगापुर और मलेशिया जैसे देशों में निर्यात शुरू करके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कंपनी की (motivational story hindi) वैल्‍यू 2023 में 800 करोड़ रुपये की थी।