home page

Haryana Politics: हरियाणा की राजनीति में ताऊ देवीलाल के परिवार में वर्चस्‍व की जंग, क्या है पूरा मामला

Haryana Politics हरियाणा में एक समय इंडियन नेशनल लोकदल व हविपा के साथ गठबंधन कर सत्ता में शामिल हुई दो बार से भाजपा सरकार चला रही है तो कांग्रेस आपसी फूट का शिकार होते हुए धीरे-धीरे सिमट रही है।
 | 

संयुक्त पंजाब से लेकर हरियाणा बनने के बाद, अब तक की राजनीति में देवीलाल का परिवार पूरी तरह से छाया हुआ है। देवीलाल की तीसरी और चौथी पीढ़ी में वर्चस्व को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है। यह घमासान इसलिए तेज होता दिख रहा है, क्योंकि देवीलाल के पौत्र अभय सिंह चौटाला और प्रपौत्र दुष्यंत चौटाला में सुलह की संभावनाएं खत्म हो चुकी हैं।

ये भी पढ़ें.......

हरियाणा कांग्रेस में फिर हुड्डा और सैलजा के बीच तलवार, अब यूपी में चुनाव प्रचार लेकर हुए आमने-सामने

haryana news

भाजपा के साथ मिलकर राज चला रहे दुष्यंत चौटाला पर चाचा अभय सिंह ने यह कहते हुए वार किया कि वह दिन दूर नहीं, जब जजपा का भाजपा में विलय हो जाएगा। भतीजे दुष्यंत और दिग्विजय को चाचा की यह बात नागवार गुजरी और उन्होंने ट्वीट किया कि 2024 में इनेलो का ही जजपा में विलय हो चुका होगा।

haryana news

ये भी पढ़ें.......

हरियाणा में जल्द बनेगी नई सड़के, सरकार ऑनलाइन खरीदेगी जमीन


चौधरी देवीलाल ने जिस इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की स्थापना की थी, पांच बार प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके ओमप्रकाश चौटाला अपने छोटे बेटे अभय सिंह चौटाला के साथ, उस इनेलो को नए सिरे से खड़ा करने की भरसक कोशिश में हैं।

चौटाला के बड़े बेटे अजय सिंह चौटाला जननायक जनता पार्टी (जजपा) को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए जी-जान से जुटे हैं। यह वही जजपा है, जो चौटाला परिवार में फूट के चलते नौ दिसंबर 2018 को इनेलो से अलग होकर अस्तित्व में आई और देखते ही देखते विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतकर भाजपा के साथ प्रदेश में गठबंधन की सरकार बनाने में कामयाब हो गई।

haryana news

ये भी पढ़ें.......

अब हरियाणा से चंडीगढ़ और हरिद्वार जाना हुआ और भी आसान, मात्र 2 घंटे में होगा सफर पूरा

देवीलाल के प्रपौत्र दुष्यंत चौटाला भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं तो उनके छोटे भाई दिग्विजय चौटाला पार्टी महासचिव के नाते संगठन को मजबूती देने में लगे हैं। सारा झगड़ा देवीलाल की राजनीतिक विरासत पर काबिज होने को लेकर है।

haryana news


कभी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का अंग रह चुके इनेलो की क्षेत्रीय दल की मान्यता पर आजकल संकट मंडरा रहा है। अप्रैल 2001 में देवीलाल के निधन के बाद से इनेलो का राजनीतिक संघर्ष का जो दौर आरंभ हुआ था, वह अभी खत्म नहीं हुआ है। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में पार्टी की स्थिति काफी मजबूत थी और 2019 के चुनाव में लग रहा था कि इनेलो भारी-भरकम दल के रूप में उभरकर सामने आएगा,

ये भी पढ़ें.......

अब हरियाणा से राजस्थान जाना होगा आसान, हर 10 मिनट में मिलेगी रेपिड रेल की सुविधा, जानिए पूरा रूट

लेकिन परिवार की फूट और इनेलो में विघटन ने ऐसे हालात पैदा किए कि चौटाला के दोनों बेटों की राजनीतिक राहें जुदा हो गईं। वर्तमान में अभय सिंह चौटाला इनेलो के इकलौते विधायक हैं।

ये भी पढ़ें.......

अब हरियाणा में जमीन पैमाइश के दौरान नही होगा विवाद, जानिए क्या हुआ बदलाव


साल 2014 में केंद्रीय चुनाव आयोग ने नियमों में संशोधन नहीं किया होता तो इनेलो की राज्य स्तरीय पार्टी की मान्यता के लिए भी संकट पैदा हो जाता। पुराने नियमों के अनुसार, क्षेत्रीय दल की मान्यता के लिए चुनाव में छह प्रतिशत वोट और न्यूनतम दो सीटें अथवा विधानसभा की कुल सीटों की संख्या में न्यूनतम तीन प्रतिशत सीटें जीतना अनिवार्य था। अब नियम बदल गए हैं। संशोधित नियमों में प्रविधान है कि हर राजनीतिक दल की मान्यता को जारी रखने या रद करने का आकलन एक नहीं, अपितु दो चुनावों में प्रदर्शन के आधार पर किया जाएगा।

haryana news

ये भी पढ़ें.......

Delhi-Hisar Super Fast Train: अब हिसार से दिल्ली के बीच जल्द चलेगी सुपरफास्ट ट्रेन, सफर होगा आसान

इनेलो को इसका पूरा फायदा मिला है। हालांकि 2024 के विधानसभा चुनाव में इनेलो अपने प्रदर्शन में सुधार नहीं कर पाया तो क्षेत्रीय दल की मान्यता को बरकरार रखना मुश्किल हो जाएगा। इसी प्रदर्शन को सुधारने के लिए इनेलो प्रमुख ओमप्रकाश चौटाला और उनके बेटे अभय सिंह चौटाला अपने दोनों बेटों अर्जुन चौटाला व करण चौटाला के साथ फील्ड में मेहनत करते नजर आ रहे हैं।

haryana news


इनेलो से अलग होकर निकली जननायक जनता पार्टी इसका पूरा फायदा उठाने की कोशिश में है। दुष्यंत चौटाला और दिग्विजय के सुर में सुर मिलाते हुए उनके पिता जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अजय चौटाला दावा कर रहे हैं कि वर्ष 2024 में इनेलो का जजपा में विलय हो जाएगा।

ये भी पढ़ें.......

हिसार पहुंचे ओपी चौटाला ने किया सरकार बनाने का दावा, पार्टी में नहीं है एक भी विधायक

haryana news

दुष्यंत तो यहां तक कह रहे हैं कि हम इसे करके दिखाएंगे। हालांकि अभय चौटाला बड़े भाई अजय सिंह और भतीजों के इस दावे को ख्याली पुलाव करार देते हैं और कहते हैं कि जजपा ही भाजपा में मिल चुकी होगी, लेकिन दुष्यंत चौटाला अपने पिता अजय सिंह व भाई दिग्विजय चौटाला के साथ पार्टी को राष्ट्रीय फलक तक ले जाने का कोई प्रयास नहीं छोड़ रहे हैं।

ये भी पढ़ें.......

हिसार एयरपोर्ट पर मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बनाने की योजना तैयार, डिप्‍टी सीएम दुष्‍यंत चौटाला ने किया निरीक्षण

दुष्यंत अपनी पार्टी का संगठन राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में खड़ा करने की कोशिश में हैं। जननायक जनता पार्टी का विस्तार हो रहा है तो इनेलो को इसके लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। यानी सियासत में सब कुछ संभव है।