flour rice price : बढ़ती महंगाई में बड़ी राहत, अब 34 रुपये किला चावल और इतने रुपये किलो मिलेगा आटा
Wheat Flour Latest Rate :दिनों दिन महंगाई बढ़ती जा रही है गेहूं और चावल की कीमतें (rice rate) आसमान छू रही हैं। आटे की कीमतों पर भी महंगाई की मार है लगातार रेट तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके चलते आम आदमी की रसोई का बजट बिगड़ गया है। लेकिन इसी बीच केंद्र सरकार ने महंगाई पर काबू पाने के लिए कुछ अहम कदम उठाए हैं। आईये नीचे खबर में जानते हैं लेटेस्ट रेट -
![flour rice price : बढ़ती महंगाई में बड़ी राहत, अब 34 रुपये किला चावल और इतने रुपये किलो मिलेगा गेहूं का आटा](https://hrbreakingnews.com/static/c1e/client/93802/uploaded/7769e38be237a759de937a7ec109c7ae.jpg)
HR Breaking News - (ब्यूरो)। गेहूं का आटा जहां देश में रोजमर्रा के भोजन का सबसे जरुरी हिस्सा है, वहीं पिछले काफी समय से आटे के दामों (flour Latest Rate) में आग लगी हुई है। जिसके कारण आम जानता की रसोई का बजट बिगड़ गया है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ रहा है। दरअसल, ये समस्या इसलिए बढ़ गई है क्योंकि आटे की कीमतें 15 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। लेकिन अब केंद्र सरकार ने अपभोक्ताओं को तेजी से बढ़ रही महंगाई से राहत देने के लिए बड़ा कदम उठाया है।
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क्रेंद सरकार ने भारत ब्रांड (Bharat Brand) के तहत गेहूं के आटे और चावल को कम दामों (rice Market price) पर खुले बाजारों में बेचने की शुरूआत की है। खुदरा बिक्री का दूसरा चरण को शुरू किया गया है। सहकारी समितियों भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF), भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) और केन्द्रीय भंडार तथा ई-कॉमर्स मंच के तहत गेहूं का आटा 30 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जाएगा। वहीं, चावल की कीमत 34 रुपये प्रति किलोग्राम तय की गई है। गेहूं आटे की बिक्री 5 और 10 किलोग्राम के पैकेट में की जाएगी। खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी (Food Minister Prahlad Joshi) ने इन सहकारी समितियों की 'mobile van' को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा, "यह उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने के लिए एक अस्थायी हस्तक्षेप है."
सस्ता मिलेगा गेहूं और चावल -
सरकार की ओर से बढ़ती कीमतों पर काबू पाने के लिए खुले बाजार में गेहूं और चावल (wheat and rice rates) को सस्ते दामों पर बेचने के लिए FCI से 3.69 लाख टन गेहूं और 2.91 लाख टन चावल आवंटित किया है। खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, "गेहूं और चावल को उपभोक्ताओं को तब तक बांटा जाएगा जब तक आवंटित भंडार खाली नहीं हो जाता। अगर और ज्यादा की जरूरत होती है तो हमारे पास पर्याप्त भंडार हैं और हम पुनः आवंटन शुरू करेंगे।"
नई कीमतों के तहत गेहूं (Wheat Price) का आटा पांच और दस किलोग्राम के पैकेट में 30 रुपये किलो की दर से बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। वहीं, चावल 34 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिलेगा। पहले चरण की दरों क्रमशः 27.5 रुपये और से बढ़ाकर 29 रुपये प्रति किलोग्राम की गई है।
खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कही बड़ी बात -
पहले चरण में चावल की कम बिक्री होने पर खाद्य मंत्री प्रल्हाद जोशी (Food Minister Prahlad Joshi) ने कहा, सरकार ने यह कदम महंगाई को कम करने के लिए उठाया है इसलिए बिक्री कम हो या ज्यादा सरकार का मकसद कारोबार करना नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत दिलाना है और बाजार में तेजी से बढ़ रही खाद्य पदार्थों की कीमतों पर शिंकजा कसना है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर छोटे आकर की पैकेट की मांग होती है तो सरकार इसपर भी विचार करेगी। जोशी ने कहा कि चावल (Rice Mandi Bhav) के भारी मात्रा में भंडार होने के बावजूद कीमतों में बदलाव न होने को समझने के लिए एक सर्वे करने की बात कही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि कीमतें काफी हद तक काबू में हैं, सिर्फ सामान्य गुणवत्ता वाली किस्मों में मामूली उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है।
पहले चरण में गेहूं आटा और चावल का कितना वितरण
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जानकारी के लिए बता दें कि पहला चरण साल 2023, अक्टूबर में शुरू किया गया है और साल 2024 के जून तक आते आते 15.20 लाख टन गेहूं का आटा (wheat flour rate) और 14.58 लाख टन चावल खुले बाजारों में कम दामों पर बेचा गया। जोशी ने भरोसा दिलाया कि भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर निरंतर हस्तक्षेप के लिए पर्याप्त भंडार उपलब्ध रहेगा। इस अवसर पर खाद्य राज्यमंत्री बी.एल. वर्मा (Minister of State for Food B.L. Varma) और खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा भी उपस्थित रहे।