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Mustard crop : सरसों कर देगी मालामाल, ये किस्म देती है 4 गुना ज्यादा कमाई

Mustard farming :हर किसान चाहता कि जब भी वे किसी फसल की खेती करें तो इससे उनको काफी मुनाफा हो। ऐसे में अगर आप सरसों की खेती कर रहे हैं तो इसकी अधिक उपज लेने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए, क्योंकि सरसों एक ऐसी फसल है जिसको उगाकर किसान मोटा पैसा कमा सकता है। आज हम आपको सरसों की कुछ ऐसी किस्मों (top varieties of mustard) के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी खेती करके आप सरसों की अन्य किस्मों से चार गुना ज्यादा कमाई कर सकते हैं।

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Mustard crop : सरसों कर देगी मालामाल, ये किस्म देती है 4 गुना कमाई

HR Breaking News (ब्यूरो)। रबी सीजन की मुनाफा देने वाली फसलों में सरसों का नाम सबसे ऊपर आता है। सरसों की खेती (Mustard crop) करके किसान काफी कम समय में ही मोटा पैसा कमा सकते हैं। सरसों की खेती करने से पहले इसकी किस्मों को ध्यान में रखना भी बेहद जरूरी है ताकि गुणवत्ता के साथ-साथ आप ज्यादा उपज भी ले सकें।

 

किसी भी फसल की खेती करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी उसके बीज ही होते हैं। सरसों की कुछ किस्में (sarso ki kisme) ऐसी हैं, जिन्हें उगाकर आप सामान्य किस्मों की बजाय चार गुना ज्यादा कमाई कर सकते हैं। 

 

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इस राज्य में होती है सबसे ज्यादा खेती-

 


जब भी सरसों की खेती (mustard crop farming) की बात होती है तो इसमें सबसे पहले राजस्थान की बात की जाती है। राजस्थान में सरसों की सबसे ज्यादा खेती होती है। इसके अलावा राजस्थान में ही सबसे ज्यादा सरसों का तेल उपलब्ध होता है। इसकी वजह से साफ पता चलता है कि सरसों (sarso ki kheti kaha hoti hai) के लिए राजस्थान की धरती सबसे उपयुक्त है।

 

 

इतने दिनों में फसल हो जाती है तैयार-

 


आमतौर पर सरसों की फसल (mustard crop) 125-130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है, जिसका मतलब है कि ये चार-साढ़े चार महीने की फसल है। महज चार महीनों में ही ये फसल आपको भरपूर कमाई देने वाली है। सरसों की खेती कम पानी वाले और सिंचिंत वाले क्षेत्रों में की जा सकती है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि सरसों की खेती (Sarso ki kheti se munafa) में बीज, खाद आदि को मिलाकर 30 से 35 हजार रुपये की ही लागत (Sarso ki kheti) आती है लेकिन इतनी लागत लगाने के बाद आपको इस फसल से चार गुना तक यानी लगभग एक से सवा लाख रुपये तक का फायदा हो सकता है। इसकी वजह से ये साफ जाहिर होता है कि चार महीने की फसल में किसान चार गुना तक कमाई कर सकते हैं।


इन किस्मों की खेती करके हो सकते हैं मालामाल-


जब भी आप सरसों की खेती (Sarso ki kheti Tips) करें तो उस वक्त आपको इसकी किस्मों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो इसकी वजह से आपको बंपर पैदावार मिलेगी। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि सरसों की कुछ विशेष किस्मों (best variety of mustard) जैसे कि गिरिराज, टी 59, आरएच 725 और 225, पूसा सरसों आरएच 30, पायनियर 45, एस 46, स्टार 10-15 हाइब्रिड, एग्रोस्टार नियॉन, पूसा सरसों 28 आदि की खेती करके किसान सरसों की बंपर उपज पा सकते हैं। 


इस तरीके से रखें फसल का ध्यान-


जानकारी के लिए बता दें कि सरसों एक तिलहन फसल (Variety of mustard oil) है और तिलहन फसल में काफी कम लागत लगती है और इसकी वजह से आमदनी काफी ज्यादा होती है। अगर आप इस फसल की समय पर बुवाई कर देते हैं तो इसकी वजह से आपको अधिक पैदावार मिलती है। सरसों एक ऐसी फसल होती है जिसमें 4 या 5 सिंचाई कर दें तो उपज काफी अच्छी होती है।


बुवाई के इतने दिन पहलें करें सिंचाई-


सरसों की बुवाई करने से पहले आपको इसकी जमीन (On what type of land is mustard cultivated)को तैयार करना होता है। जिस जमीन पर आप सरसों की बुवाई कर रहे हैं उस जमीन पर आपको 35-40 दिन पहली सिंचाई कर देनी चाहिए।

एक-दो दिन बाद ही प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 35 किलोग्राम यूरिया, चार किलोग्राम जिंक और तीन किलोग्राम सल्फर या 10 किलोग्राम दानेदार सल्फर डालने से अच्छा उत्पादन मिलता है। फसल के तैयार हो जाने के बाद चार से पांच बार फव्वारा अथवा ड्रिप सिस्टम से साधारण सिंचाई कर देनी चाहिए।  

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इन रोगों से करें फसल का बचाव-


सरसों की फसल में सफेद रोली, झुलसा, तना गलन सहित अन्य कई रोगों (sarso me hone wale rog) के प्रकोप का खतरा होता है। इनसे बचाव करने के लिए आपको ग्लाइफोसेट, मैंकोजेब, कार्बेडिज्म, एंडोसल्फॉनक्यूनालफॉस सहित अन्य कई दवाओं का यूज करना चाहिए। इसके साथ ही में फसल को ठंड से बचाने के लिए आप सल्फर का यूज कर सकते हैं। अगर आप सरसों की अधिक उपज चाहते हैं तो जमीन का पीएच मान 7.0 होना चाहिए। इसके साथ ही में बुवाई पहले जल निकासी का जरूर प्रबंध करना चाहिए। किसानों को हमेशा सरसों की रोगरोधी किस्मों (sarso ki best kism)का चयन करना चाहिए।