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wheat price hike : रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची गेहूं की कीमतें, जानिये और कितनी आएगी तेजी

wheat price : लगातार बढ़ रही महंगाई पहले ही लोगों की कमर तोड़ रही थी, इस बीच हर दिन बढ़ते गेहूं के रेट ने भी आम लोगों का बजट प्रभावित कर दिया है। पिछले कुछ दिनों से गेहूं के रेटों (wheat rate today) में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है। दिन-प्रतिदिन बढ़ रही गेहूं की कीमत की वजह से आटा भी महंगा हो गया है, जिस कारण अब रोटी भी महंगी पड़ रही है। अब गेहूं के रेट रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। आइये जानते हैं आने वाले दिनों में गेहूं की कीमत (gehu ka bhav) कहां तक पहुंचने की उम्मीद है।

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wheat price hike : रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंची गेहूं की कीमतें, जानिये और कितनी आएगी तेजी

HR Breaking News (wheat price hike)। हर दिन बढ़ रहे गेहूं के भाव का असर गेहूं से बनने वाली चीजों पर भी दिख रहा है। गेहूं के बढ़ते रेटों का सीधा असर आम लोगों के रसोई के खर्चों पर पड़ रहा है। लोगों के लिए एक वक्त की रोटी खाना भी मुश्किल हो रहा है। भारत के अधिकरत राज्यों में गेहूं एमएसपी (Wheat MSP) से भी दोगुने रेटों में मिल रहा है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में गेहूं की कीमत और बढ़ने वाली है।

 

सरकारी गोदामों से गेहूं मार्केट में उतारने की जरूरत-

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पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ रहे गेहूं के रेटों (wheat rate) को देखते हुए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इसके लिए गेहूं की स्टॉक लिमिट को भी फिर से तय करते हुए सरकार ने स्टॉक लिमिट को घटा दिया है। सरकार के इस फैसले पर कारोबारियों का मानना है कि गेहूं पर स्टॉक सीमा (wheat stock limit) लगाने की वजह से इसकी आपूर्ति में कोई भी सुधार नहीं हुआ है और सरकार का ये कदम पूरी तरह से विफल होता नजर आ रहा है।

इसकी वजह से पता चलता है कि निजी कारोबारियों के पास गेहूं का स्टॉक सीमित है और सरकार को सरकारी गोदामों से बाजार में गेहूं उतारने की जरूरत है। साथ ही जब तक सस्ते रेट पर गेहूं बेचने की कोई योजना नहीं बनाई जाएगी, तब तक गेहूं के रेट पर लगाम लगना मुश्किल है।

 

कारोबारियों का ये है कहना-


गेहूं के व्यापार व भावों से जुड़े लोगों का मानना है कि आटा मिलों की ओर से गेहूं (Gehu ka bhav) की मांग में काफी कमी देखने को मिल रही है। इस वजह से गेहूं की कीमत रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए हैं। रिकॉर्ड कीमतों के वजह से खुदरा महंगाई में भी उछाल आने की उम्मीद लगाई जा रही है। अक्तूबर में गेहूं के दामों में 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद नवंबर में रेटों में कमी देखने को मिली थी, जो दिसंबर के बाद से फिर जारी है। हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मार्च के आसपास नए गेहूं की आवक होने लगेगी, तब तक गेहूं के रेट कम होने के आसार नहीं हैं।

 


आटा मिलों पर भी पड़ रहा है यह असर


एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाजार में गेहूं की आपूर्ति (wheat supply) को सीमित रखा गया है। रिकॉर्ड कीमतों का भुगतान करने के बाद आटा मिलों में पूरी क्षमता पर काम करने के लिए पर्याप्त गेहूं हासिल कर पाना मुश्किल हो रहा है। दिसंबर में सरकार की ओर से गेहूं की उपलब्धता को बढ़ाया गया था और कीमतों को कम किया गया था। जिसकी वजह से व्यापारियों और मिलर्स द्वारा रखे जाने वाले गेहूं के स्टॉक की सीमा (gehu ki stock stock limit) को और भी कम कर दिया था लेकिन गेहूं के रेट कम नहीं हो रहे हैं। सरकार का ये कदम पूरी तरह से विफल रहा।

 

कुछ और कदम भी उठाने होंगे सरकार को


सरकार की ओर से गेहूं की स्टॉक सीमा कम करने के बावजूद गेहूं की आपूर्ति में सुधार नहीं हुआ है। इसके अलावा गेहूं के रेटों (wheat Latest rate) को कम करने के लिए सरकार FCI का 100,000 मीट्रिक टन  गेहूं हर सप्ताह बेच रही है, लेकिन गेहूं के रेट कम नहीं हो रहे हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि गेहूं की कीमतों को कम करने के लिए उठाए गए कदम नाकाफी हैं। सरकार को इस दिशा में कुछ खास कदम और उठाने चाहिए।

 

सरकार ने बनाई है यह योजना


सरकार ने मार्च 2025 (wheat price in 2025) को समाप्त होने वाले रबी सीजन को लेकर सरकारी भंडार से थोक उपभोक्ताओं के लिए 25 लाख टन गेहूं को बेचने की योजना बनाई है। यह पिछले सीजन में बेचे गए लगभग गेहूं से काफी कम है। जिसकी वजह से आने वाले समय में भी गेहूं (gehu ke rate) के भंडारण की आपूर्ति होने की उम्मीद नहीं है। फलस्वरूप गेहूं के रेटों में आगे भी उछाल ही देखा जा सकता है। 

 

गेहूं का आज का भाव (wheat rate today)

 

गुना मंडी (मध्यप्रदेश) में गेहूं का भाव- 5080 रुपए प्रति क्विंटल
इंदौर मंडी (मध्यप्रदेश) में गेहूं का भाव- 2790 रुपए प्रति क्विंटल
अशोकनगर मंडी (मध्यप्रदेश) में गेहूं का भाव- 4800 रुपए प्रति क्विंटल
भोपाल मंडी (मध्यप्रदेश) में गेहूं का भाव- 2800 रुपए प्रति क्विंटल

लखनऊ मंडी (उत्तर प्रदेश) में गेहूं का भाव- 2900 रुपए प्रति क्विंटल
इलाहाबाद मंडी (उत्तर प्रदेश) में गेहूं का भाव- 2600 रुपए प्रति क्विंटल
लखनऊ मंडी (उत्तर प्रदेश) में गेहूं का भाव- 2850 रुपए प्रति क्विंटल
अलीगढ़ मंडी (उत्तर प्रदेश)  में गेहूं का भाव- 2770 रुपए प्रति क्विंटल
अमरोहा मंडी में (उत्तर प्रदेश) गेहूं का भाव- 2580 रुपए प्रति क्विंटल

जयपुर मंडी (राजस्थान) में गेहूं का भाव- 2705 रुपए प्रति क्विंटल
विजयनगर मंडी (राजस्थान) में गेहूं का भाव- 2625 रुपए प्रति क्विंटल
रानी मंडी (राजस्थान) में गेहूं का भाव- 2800 रुपए प्रति क्विंटल
लालसोट (राजस्थान) मंडी में गेहूं का भाव- 3050 रुपए प्रति क्विंटल
उदयपुर मंडी (राजस्थान) में गेहूं का भाव- 3230 रुपए प्रति क्विंटल

जम्बूसर मंडी (गुजरात) में गेहूं का भाव- 3400 रुपए प्रति क्विंटल
तलेजा मंडी (गुजरात) में गेहूं का भाव- 2980 रुपए प्रति क्विंटल
भेसन मंडी (गुजरात) गेहूं का भाव- 2930 रुपए प्रति क्विंटल
धरी मंडी (गुजरात) गेहूं का भाव- 3265 रुपए प्रति क्विंटल

उल्हासनगर मंडी (महाराष्ट्र) में गेहूं का भाव- 3700 रुपए प्रति क्विंटल
पालघर मंडी (महाराष्ट्र) में गेहूं का भाव- 3000 रुपए प्रति क्विंटल
गंगाखेड़ मंडी (महाराष्ट्र) में गेहूं का भाव- 3100 रुपए प्रति क्विंटल
देवला मंडी (महाराष्ट्र) में गेहूं का भाव- 3520 रुपए प्रति क्विंटल

 

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फिलहाल सरकार के पास इतना है गेहूं का स्टॉक-


जानकारी के अनुसार एफसीआई (wheat stock in FCI) के पास गेहूं का स्टॉक लीमिटिड ही है, जिसकी वजह से निजी कारोबारियों को वे ज्यादा गेहूं नहीं दे पा रहे हैं। दिसंबर की शुरुआत में ही सरकारी गोदामों में गेहूं का कुल स्टॉक करीब 20.5 मिलियन टन था, जबकि पिछले साल के स्टॉक (wheat stock in FCI last year) को देखें तो वो 19 मिलियन टन से थोड़ा ज्यादा था, लेकिन पांच साल के लगभग 30 मिलियन टन के स्टॉक से काफी कम है। ऐसे में गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति होना संभव नहीं है और गेहूं के रेट गिरने की संभावना कम ही है।