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wheat price : इस बार कितने बढ़ेंगे गेहूं के भाव, जानिये 2025 में कितनी आएगी तेजी

wheat price hike :महंगाई का असर गेहूं के दामों पर साफ दिख रहा है, अब गेहूं के दाम आसमान छूते नजर आ रहे हैं। कई मंडियों में गेहूं के रेट (wheat rate) एमएसपी से भी लगभग दोगुने हो गए हैं। गेहूं के भाव में चल रही तेजी के कारण अभी भाव में गिरावट की संभावना भी नजर नहीं आ रही है। इस साल में गेहूं के रेट रिकॉर्ड लेवल को भी पार करते दिखाई दे रहे हैं। आइए जानते हैं गेहूं के रेट इस साल में कहां तक पहुंचेंगे।

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wheat price : इस बार कितने बढ़ेंगे गेहूं के भाव, जानिये 2025 में कितनी आएगी तेजी

HR Breaking News (wheat price in 2025)। गेहूं के दाम पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ोतरी पर हैं। दिसंबर 2024 में गेहूं के रेट में तेजी से बढ़ोतरी हुई, जो नए साल में भी बदस्तूर जारी है। इस साल गेहूं के दाम पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ते दिखाई दे रहे हैं। कई राज्यों में गेहूं के भावों (wheat price today) में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिससे आटा महंगा होने के कारण लोगों को रोटी भी महंगी पड़ रही है। अब तो गेहूं से बनने वाले खाद्य सामानाें में भी पहले से तेजी दिख रही है। कई राज्यों में तो गेहूं के भाव (gehu ka bhav) ने रिकार्ड ही तोड़ दिया है। संभावना जताई जा रही है कि 2025 में गेहूं खरीदना आम आदमी के बजट से बाहर हो सकता है।

 

गेहूं के रेट में आ रहा लगातार उछाल (wheat price hike)

 

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पिछले कुछ दिनों से गेहूं के रेटों (Wheat Price Estimates for 2025) में लगातार उछाल देखा जा रहा है। प्राप्त हुई जानकारी के मुताबिक आने वाले समय में गेहूं के रेटों में बदलाव आ सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि गेहूं उत्पादन के प्रमुख राज्यों में आने वाले समय में गेहूं के रेट में कुछ माह बाद गिरावट हो सकती है। 


मध्यप्रदेश में गेहूं का भाव


भारत में सबसे ज्यादा गेहूं का उत्पादन मध्यप्रदेश (wheat price in MP) में होता है, इतने ज्यादा उत्पादन के बावजूद भी यहां पर दिसंबर 2024 में गेहूं के रेट 2826 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किए गए थे, जो एमएसपी से भी काफी ज्यादा हैं। अगर गेहूं की एमएसपी के बारे में बात करें तो फिलहाल गेहूं की एमएसपी (wheat MSP) 2275 है। पिछले साल के रेट को देखें तो इस बार गेहूं के रेट में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। सरकार द्वारा ये बढ़ोतरी फसल की क्वालिटी और बाजार में गेहूं की मजबूत मांग को दर्शाती है। 


आपूर्ति और मांग में बीच संतुलन जरूरी

मध्यपदेश में गेहूं के रेट (Madhya padesh wheat price) को देखें तो ये स्थिर चल रहे हैं। भाव के स्थिर रहने की वजह से राज्य की मंडियों में गेहूं की आपूर्ति और मांग को संतुलन रखा जा रहा है। अगर ये संतुलन बिगड़ा तो रेट हाई हो सकते हैं। 2025 की फसल कटाई के दौरान, मध्यप्रदेश में गेहूं के रेट (wheat price) 2700 रुपए से 2850 रुपए प्रति क्विंटल हो गए हैं जो लोगों को हैरान कर रहे हैं। माना जा रहा है कि गेहूं की कटाई के बाद आवक में बढ़ोतरी के बावजूद भी राज्य में भाव ज्यादा ही रह सकते हैं। 

यह मानना है किसानों का


फिलहाल मध्यप्रदेश (MP me gehu ke bhav) के किसानों का मानना है कि 2025 में गेहूं के भाव में तेजी देखी जा सकती है। किसानों का मानना है कि मौसम की अनुकूलता की वजह से गेहूं की क्वालिटी काफी अच्छी रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 में उन्हें गेहूं का भाव 3,510 रुपए प्रति क्विंटल से भी ज्यादा देखने को मिल सकता है। गेहूं के ये रेट उन किसानों को मिल सकते हैं जिन्होंने गेहूं की प्रीमियम किस्मों की खेती की है। इसके अलावा फसल की कटाई के दौरान भी मंडी प्रबंधन और परिवहन सुविधाओं में सुधार देखा जा सकता है। 


बिहार में इस रेट मिल सकता है गेहूं


बिहार में गेहूं के पिछले रेटों (wheat price in Bihar) को देखें तो दिसंबर 2024 में गेहूं की कीमत 2892 प्रति क्विंटल के हिसाब से दर्ज की गई थी, जोकि पिछले माह के मुताबिक 3.84 प्रतिशत और सालाना आधार के हिसाब से 13.1 प्रतिशत ज्यादा रही है। किसान फसल कटाई के बाद मंडी में मजबूत भाव की उम्मीद कर रहे हैं जो उनको लाभ देगा।  

हरियाणा में ये होंगे गेहूं के रेट


अगर हरियाणा में गेहूं के रेटों के बारे में बात करें तो यहां पर गेहूं की कीमत सबसे कम रही है। गेहूं के भाव यहां पर नवंबर की तुलना में 6.92 प्रतिशत कम होकर 2610 रुपए प्रति क्विंटल (wheat price in Haryana) हो गए हैं। अगर साल दर के आधार पर रेटों को देखें तो इसमें 16 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है। किसान फसल की कटाई के बाद मंडी में ठीक-ठाक भाव की उम्मीद कर सकते हैं। बता दें कि मार्च के पास नई गेहूं की आवक होने से रेट कम हो सकते हैं और उसके बाद 2025 में अगस्त-सितंबर के बाद फिर से भाव में तेजी आ सकती है।

गुजरात और राजस्थान में कहां तक पहुंच सकते हैं भाव


अगर गुजरात और राजस्थान (wheat price in Rajasthan) में गेहूं के भाव में स्थिरता देखने को मिली है। इस साल गेहूं के रेटों के बारे में बात करें तो यहां पर रेट में मामूली गिरावट देखी गई है, जिसके बाद गेहूं के रेट (wheat price in Gujrat) में बढ़ोतरी लगभग 9 और 13 प्रतिशत रही है। माना जा रहा है कि किसान फसल की कटाई के बाद मंडी में मजबूत भाव की उम्मीद कर रहे हैं। 

इस राज्य में गेहूं के रेट में होगा इजाफा

इस साल गेहूं के सबसे ज्यादा रेट महाराष्ट्र (wheat price in Maharashtra) में रहे हैं। इस साल महाराष्ट्र में गेहूं 3766 रुपए प्रति क्विंवटल के भाव से बिक रही है। अगर दिसंबर 2023 के मुकाबले गेहूं के रेट देखें तो इस बार गेहूं के रेट में 27 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। ऐसे में किसानों को गेहूं के बेहतर रेट मिल सकते हैं। 

पंजाब में गेहूं के भाव


पंजाब में भी गेहूं के रेट दिसंबर में 2992 रुपए प्रति क्विंटल रहे हैं। अगर इन रेटों को नवंबर के हिसाब से देखें तो इनमें 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी (wheat price Hike in Punjab) देखने को मिल रही है। यह बढ़ोतरी सरकारी खरीद में कमी और निजी खरीद की बढ़ोतरी की वजह से आई है। इसकी वजह से किसान उम्मीद लगा रहे हैं कि आने वाले समय में उन्हें बेहतर भाव मिल सकते हैं।


भाव के बारे में क्या है विशेषज्ञों का कहना

गेहूं के भावों से जुड़े जानकारों व विशेषज्ञों द्वारा यह उम्मीद की जा रही है कि 2025 में गेहूं की कटाई के बाद जैसे ही मंडियों में गेहूं की आवक बढ़ेगी, वैसे ही गेहूं के दामों में गिरावट आ सकती है। फरवरी और मार्च के आसपास, जब कटाई होगी, तब हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश(MP mein gehu ka taja bhav) और बिहार जैसे राज्यों में गेहूं का भाव 2610 से 2909 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रहने की संभावना जताई जा रही है।

हालांकि, जैसे-जैसे साल के मध्य में मांग बढ़ेगी, तो उस समय अंतरराष्ट्रीय बाजारों (wheat price in international market ) से निर्यात में वृद्धि हो सकती है, गेहूं के दाम करीब 3010 से 3210 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं। खासकर मध्यप्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में बेहतर गुणवत्ता वाली फसलों के चलते उच्च दाम मिलने की संभावना है, क्योंकि ये गेहूं के उत्पादक राज्यों में से एक हैं। 

गेहूं के उच्च दाम पाने की किसानों की रणनीति

किसानों को अपनी गेहूं को अच्छे दामों (gehu ka aaj ka bhav)पर बेचने के लिए बाजार की स्थिति पर लगातार ध्यान देना चाहिए और जैसे ही गेहूं का उच्च मूल्य मिले तो अपने गेहूं को बेचने के  लिए योजना बनानी चाहिए। सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी या खरीदी नीतियों में कोई बदलाव, किसानों को एक निश्चित कीमत (gehu ka taja bhav) की सुरक्षा दे सकता है।

इसके अलावा, मौसम की स्थिति और वैश्विक बाजारों में मांग भी गेहूं की कीमतों को प्रभावित कर सकती है। इस साल, गेहूं का बाजार स्थिर रहने की संभावना है, लेकिन यह सकारात्मक रह सकता है। अगर किसान सही तरीके से योजना बनाएं, तो वे इस बाजार से अच्छे लाभ कमा सकते हैं।

देशभर में इस तरह है गेहूं के औसत और उच्चतम रेट 

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राजस्थान में गेहूं का औसत मूल्य 2770 रुपये (wheat price in rajasthan)प्रति क्विंटल है, जबकि यहां की सबसे ऊंची बाजार कीमत 2910 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचत सकती है, जो किसानों के लिए एक अच्छा संकेत हो सकता है।


मध्यप्रदेश में गेहूं का औसत दाम 2780 रुपये प्रति क्विंटल है और सबसे ज्यादा बाजार मूल्य 2850 रुपये (wheat price in MP) प्रति क्विंटल है, जो इस राज्य में बाजार की स्थिति को दर्शाता है।


उत्तर प्रदेश में गेहूं का औसत मूल्य 2685 रुपये (wheat price in UP)प्रति क्विंटल है, जबकि सबसे ऊंची बाजार कीमत 2895 रुपये प्रति क्विंटल है, जो खरीदारों और किसानों के बीच अंतर को दिखाता है।


पंजाब में गेहूं का औसत मूल्य (wheat price in punjab) 2910  रुपये प्रति क्विंटल है और यहां की उच्चतम बाजार कीमत 3110 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच जाती है, जो राज्य की आर्थिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है।


बिहार में गेहूं का औसत मूल्य 2905 रुपये (wheat price in Bihar)प्रति क्विंटल है, जबकि सबसे ज्यादा बाजार मूल्य 3020 रुपये प्रति क्विंटल है, जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिल सकता है।


गुजरात में गेहूं का औसत दाम 2890 रुपये प्रति क्विंटल (wheat price in Gujrat)है और यहां की उच्चतम कीमत 3365 रुपये प्रति क्विंटल है, जो फसल की गुणवत्ता और मांग पर निर्भर करता है।


महाराष्ट्र में गेहूं का औसत मूल्य 3025 रुपये (wheat price in Maharashtra) प्रति क्विंटल है, जबकि सबसे ऊंची बाजार कीमत 6135 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच सकती है, जो वैश्विक और स्थानीय बाजारों की स्थिति पर निर्भर है।


नोट : रोजाना गेहूं के भाव में ऊतार-चढ़ाव देखने को मिलता है और इसकी एक लिस्ट जारी होती है। किसानों को अपनी क्षेत्रीय मंडी के भाव (mandi bhav)की नियमित जानकारी रखना जरूरी है, ताकि वे लेटेस्ट व अपडेट रेट जान सकें।