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wheat price : सीजन के शुरू में ही इतना पहुंचा गेहूं का भाव, मंडियों में दबाकर हो रही खरीद

Mandi Bhav : गेहूं की आवक का सीजन शुरू हो गया है। अब खेतों से गेहूं मंडियों में आने का आंकड़ा हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। देश के कई राज्यों में दबाकर गेहूं की खरीद (wheat purchasing) की जा रही है। इस बीच गेहूं के भाव (wheat rate today) सीजन के शुरू में ही उतार चढ़ाव पर हैं। उत्तर प्रदेश व हरियाणा, पंजाब में भी गेहूं की जमकर खरीद की जा रही है। खबर में जानिये गेहूं खरीद और प्रति क्विंटल भाव का आंकड़ा। 
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wheat price : सीजन के शुरू में ही इतना पहुंचा गेहूं का भाव, मंडियों में दबाकर हो रही खरीद

HR Breaking News - (wheat rate update)। पिछले साल गेहूं के भाव में लगातार उतार चढ़ाव देखने को मिला था। अब नया गेहूं मंडियों में आने लगा है। पिछली बार की तरह इस बार भी गेहूं खरीद व इसके भाव में उठापटक नजर आ रही है। पंजाब, हरियाणा, यूपी और एमपी में रिकॉर्ड खरीद हो रही है।

यह आंकड़ा पिछले साल के रिकॉर्ड को तोड़ सकता है। सरकार ने गेहूं खरीद (wheat purchasing price) का जो लक्ष्य तय किया है, वह जल्द ही पूरा हो सकता है। इस बार सरकार ने प्रति क्विंटल गेहूं का रेट 150 रुपये बढ़ाया है यानी एमएसपी 2275 से 2425 रुपये प्रति क्विंटल (Wheat MSP) हो गया है। इसका असर भी गेहूं की आवक पर पड़ा है। आइये जानते हैं गेहूं खरीद व भाव की ताजा स्थिति।

अब तक इतनी गेहूं खरीदी जा चुकी-


इस बार सरकार ने साल 2025-26 के सीजन के लिए 31 मिलियन टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य तय किया है। पिछली बार 2024-25 के सीजन के लिए 30 से लेकर 32 मिलियन टन का लक्ष्य (wheat purchasing target) रखा गया था। खास बात तो यह है कि सरकार ने अपने गेहूं खरीद के लक्ष्य को शुरुआती चरण में ही लगभग पूरा कर लिया है।

अब तक देश की अलग-अलग मंडियों में 29.7 मिलियन टन हुई गेहूं की आवक (wheat arrival target) हो चुकी है और 26.6 मिलियन टन गेहूं खरीदा भी जा चुका है। यानी 84 प्रतिशत तक खरीद लक्ष्य पूरा हो गया है। इस बार ऐसा रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन के कारण हो रहा है। गेहूं की खरीद एमएसपी 2425 रुपये प्रति क्विंटल (wheat price in MP ) के आसपास हो रही है।

गेहूं खरीद लक्ष्य पूरा करने में मिल रही सफलता-


पिछले तीन सालों में सरकार गेहूं की खरीद का लक्ष्य एमएसपी पर खरीदकर करने में सफल नहीं हो सकी थी, इस बार इसमें सफलता मिलती नजर आ रही है। गेहूं उत्पादक मुख्य राज्यों की बात करें तो पंजाब में अब तक सबसे अधिक 8.38 मिलियन (wheat production) टन गेहूं खरीदी जा चुकी है। पिछले साल यह आंकड़ा 6.85 मिलियन टन था। 

हरियाणा-एमपी में गेहूं खरीद का आंकड़ा-


हरियाणा में गेहूं खरीद का आंकड़ा अब तक 6 मिलियन टन से अधिक पहुंच चुका है। पिछले साल यह आंकड़ा 5.72 मिलियन टन था।  मध्य प्रदेश गेहूं उत्पादन (wheat production) में उत्तर प्रदेश के बाद दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। इसलिए केंद्रीय गेहूं स्टॉक (wheat stock) में इसका बड़ा योगदान है। इस बार एमपी ने राज्य के खरीद लक्ष्य को 6 मिलियन टन से बढ़ाकर 7 मिलियन टन किया है। मध्य प्रदेश सरकार ने MSP के अलावा किसानों को 175 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं पर बोनस (bonus on wheat)देने की घोषणा भी की है।  मध्य प्रदेश में 6.14 मिलियन टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। 

इतना चल रहा है गेहूं का ताजा भाव -


फिलहाल गेहूं की कीमत MSP 2425 रुपये (wheat price update) प्रति क्विंटल के आसपास ही बनी हुई हैं, इसलिए अधिकतर किसान सरकारी एजेंसियों को ही गेहूं बेच रहे हैं। पंजाब में गेहूं का भाव औसतन 2428 रुपये प्रति क्विंटल, मध्य प्रदेश में 2495 रुपये प्रति क्विंटल, राजस्थान में 2475 रुपये प्रति क्विंटल और हरियाणा में 2427 रुपये (wheat price in haryana) प्रति क्विंटल चल रहा है।

उत्तर प्रदेश में खरीद का आंकड़ा कर रहा हैरान-


उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक राज्य है, यहां पर सबसे अधिक गेहूं आवक की उम्मीद थी, लेकिन अब तक बेहद कम खरीद के आंकड़े हर किसी को हैरान कर रहे हैं। यहां अब तक  0.64 मिलियन टन गेहूं ही सरकारी एजेंसियों की ओर से खरीदा गया है। यूपी (UP wheat price) में इस सीजन में गेहूं खरीद का लक्ष्य 3 मिलियन टन है। यहां पर राज्य सरकार ने निजी व्यापारियों पर दूसरे राज्यों में गेहूं भेजने पर भी रोक लगा रखी है। इसके बावजूद यह हाल है।


सरकार ने इस तरह किया है लक्ष्य तय-


केंद्र सरकार की ओर से इस सीजन के लिए विभिन्न राज्यों के लिए एमएसपी रेट (gehu ka bhav) पर गेहूं खरीद का लक्ष्य तय किया हुआ है। पंजाब में यह 12.4 मिलियन टन, हरियाणा में 7.5 मिलियन टन, मध्य प्रदेश के लिए लक्ष्य 6 मिलियन टन, उत्तर प्रदेश में 3 मिलियन टन तय किया हुआ है। 

इस बार रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन-


गेहूं उत्पादन का आंकड़ा इस साल 110 मिलियन टन (wheat production data) रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि कृषि मंत्रालय की ओर से  2024-25 में गेहूं उत्पादन (wheat production hike) 115  मिलियन टन से अधिक रहने का अनुमान  है।  यह पिछले वर्ष की तुलना में 2 प्रतिशत अधिक है, गेहूं की बुवाई भी इस बार पिछले 5 सालों की तुलना में अधिक क्षेत्र में हुई है। यह आंकड़ा 32 मिलियन हेक्टेयर का है। 

खरीद लक्ष्य पूरा करना इसलिए है जरूरी-


खाद्य सुरक्षा और बाजार स्थिरता के लिए गेहूं खरीद के लक्ष्य को पूरा करना बेहद जरूरी है। आगे गेहूं की किल्लत न हो और गेहूं के दाम (wheat rate 28 april 2025) बेलगाम न हों, इसलिए खरीद लक्ष्य को पहले ही पूरा किया जा रहा है। FCI की ओर से सरकारी योजनाओं और मुफ्त राशन स्कीम के तहत हर साल 18 मिलियन टन से अधिक अनाज बांटा जाता है। इसलिए गेहूं खरीद का लक्ष्य पूरा करना अहम है ताकि समय पर सही रेट (gehu ka rate) में लोगों को गेहूं की आपूर्ति की जा सके। 

गेहूं भंडारण का यह होगा फायदा-


समय पर गेहूं की खरीद का लक्ष्य पूरा कर सरकार गेहूं का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करेगी। इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सरकार को अनाज वितरित करने में आसानी रहेगी। ऑफ सीजन में गेहूं (gehu ka aaj ka bhav) की किल्लत न हो, इसके लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम(OMSS) के माध्यम से बाजार में गेहूं उतारा जा सकेगा।