wheat price : 50 फिसदी से ज्यादा उछले गेहूं के भाव, जानिये आगे और कितनी होगी बढ़ौतरी
Wheat rate today : इस समय आम उपभोक्ताओं को उनकी मांग के अनुसार गेहूं की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। जिसके कारण गेहूं के भाव लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस समय गेहूं के भाव (wheat price update) इसके एमएसपी से काफी ऊपर पहुंच चुके हैं। तीन साल में ही गेहूं के भाव 53 फीसद अधिक बढ़ गए हैं। इसी गति से गेहूं के भाव में बढ़ौतरी जारी रही, तो महंगाई पर लगाम लगनी मुश्किल हो जाएगी। आइए जानते हैं फिलहाल क्या चल रहा है गेहूं का भाव और आगे भाव में कितने उतार-चढ़ाव की संभावना है।

HR Breaking News - (wheat price hike)। गेहूं के दाम बुलेट ट्रेन की स्पीड से बढ़ रहे हैं। जिससे एक ओर किसानों को खुशी मिल रही है, तो दूसरी ओर आम उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है। आम उपभोक्ताओं को गेहूं के दामों (wheat price 27 january) के कम होने का इंतजार है।
हर दिन प्रति क्विंटल रेट में हो रही बढ़ौतरी को देखते हुए फिलहाल गेहूं के रेट कमी होने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। पिछले दो माह से गेहूं के भाव में बड़ा उछाल आया है। हालांकि सरकार गेहूं के बढ़ते भाव पर लगाम कसने के लिए प्रयासरत है, लेकिन इसमें सफलता हासिल नहीं हो सकी है।
अब इतनी हुई प्रति क्विंटल गेहूं की कीमत -
गेहूं की कीमतों में लगातार बढ़ौतरी हो रही है, जिससे उपभोक्ताओं की समस्याएं बढ़ गई हैं। पिछले हफ्ते में गेहूं के दामों (today wheat price) में लगभग 4 प्रतिशत का भारी उछाल देखने को मिला है। अब, गेहूं के दाम तीन साल पहले के मुकाबले लगभग 50 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं।
इस समय गेहूं की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये (wheat MSP) से भी करीब 30 प्रतिशत से ऊपर चल रही हैं, इस कारण गेहूं के दाम लगभग 3210 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं।
यहां तक पहुंच सकते हैं गेहूं के रेट-
बाजार व मंडी भाव (mandi bhav today) के जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में गेहूं के दामों (gehu ka taja bhav) में कमी आने की संभावना नहीं है, जिससे किसानों को लाभ होगा और उपभोक्ताओं की परेशानियां बढ़ सकती हैं। माना जा रहा है कि गेहूं के रेट 3500 रुपये प्रति क्विंटल के आंकड़े को भी पार कर सकते हैं।
साल-दर-साल चौंका रहे आंकड़े -
हाल ही में गेहूं के दामों में वृद्धि देखी गई है। केंद्रीय खाद्य आपूर्ति एवं वितरण विभाग का कहना है, कि पिछले कुछ दिनों में गेहूं के प्रति क्विंटल के मूल्य में 20 रुपये की बढ़ोतरी हुई है और इसके दाम करीब 3212 रुपये (wheat price pr quintal) प्रति क्विंटल हो गए हैं, जिससे गेहूं के उपभोक्ताओं को एक झटका लगा है। अब गेहूं की कीमतें पिछले महीने की तुलना में और पिछले साल के मुकाबले क्रमश: 4 और17 प्रतिशत बढ़ गए हैं।
अगर गेहूं की कीमतों की तुलना करें पिछले तीन साल पहले से तो गेहूं के दाम (wheat today price) में करीब 50 प्रतिशत की एक बड़ी वृद्धि हुई है, जो वाकई चौंकाने वाला आंकड़ा है। इस समय मंडियों में गेहूं की कीमतें काफी ऊंची चल रही हैं। गेहूं के आंकड़े साल-दर-साल चौंका रहे हैं।
इस बार ज्यादा हुई गेहूं की बुवाई -
2024-25 के रबी सीजन में गेहूं की खेती पहले से अधिक जगह पर की गई है, और यह पिछले साल के मुकाबले करीब 2.21 प्रतिशत तक ज्यादा है। इससे उत्पादन भी अधिक होने की संभावना है। इस बार गेहूं की खेती लगभग 322 लाख हेक्टेयर (wheat cultivation area) में की जा चुकी है। इस बार किसानों ने सामान्य मात्रा से भी करीब 8 लाख हेक्टेयर ज्यादा ज़मीन पर गेहूं उगाया है। गेहूं के बुवाई के लिए अधिक जगह के इस्तेमाल का एक कारण एमएसपी के दामों में बढ़ौतरी भी माना जा रहा है।
एमएसपी में की गई है इतनी बढ़ौतरी-
सरकार ने समर्थन मूल्य में 150 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है, जिससे नए गेहूं की बिक्री पर इसका मूल्य 2425 रुपये (wheat New MSP price) प्रति क्विंटल हो जाएगा। वैसे तो, अब बुवाई लगभग खत्म हो चुकी है, क्योंकि गर्मी बढ़ने से पौधे सूख सकते हैं और फसल सही से बढ़ नहीं पाएगी। फिलहाल तापमान अधिक बढ़ रहा है, ऐसे में उत्पादन प्रभावित हो सकता है। गेहूं की खेती को बढ़ावा देने के लिए शोध कार्यों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।
गेहूं के भाव में बढ़ौतरी का कारण -
गेहूं के भाव में हो रही तेजी का एक मुख्य कारण मांग के अनुसार आपूर्ति न होना है। इस समय ऑफ सीजन है और बाजार में आपूर्ति की कमी को माना जा रहा है। रेट बढ़ने और बढ़े हुए एमएसपी का लाभ उठाने के लिए किसानों ने स्टॉक (wheat stock update) को अगले सीजन तक रखने का निर्णय लिया है, जिससे गेहूं की उपलब्धता (wheat Availability) कम हो गई है। इस बीच, बिस्किट और ब्रेड बनाने वाली कंपनियां ज्यादा गेहूं खरीद रही हैं। ट्रेडर्स के पास भी स्टॉक की कमी है और सरकारी एजेंसी की आपूर्ति में देरी से स्थिति और बिगड़ी है। इस वजह से गेहूं की कीमतों में तेजी देखी जा रही है।
कब मिलेगी महंगे गेहूं से राहत-
केंद्र ने खाद्य निगम के माध्यम से 25 लाख (E-auction wheat stock) टन गेहूं की बिक्री ऑनलाइन नीलामी के जरिए शुरू की है, लेकिन प्रक्रिया धीमी चल रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक पूरी नया गेहूं मंडियों में नहीं आ जाता, तब तक कीमतों (gehu ka aaj ka bhav) में कमी की संभावना कम है। फिलहाल गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है और कीमतों पर बढ़ोतरी का दबाव जारी रहेगा। अप्रैल तक राहत मिलने की उम्मीद कम है।