Indian Railway - इंडियन रेलवे के साथ शुरू करें ये बिजनेस, हो जाएंगे मालामाल
 

इन दिनों इंडियन रेलवे आपको कमाई करने का मौका दे रहा है. ऐसे में अगर आप भी एक्सट्रा कमाई करना चाहते हैं या फिर बिजनेस स्टार्ट (Business opportunity) करना चाहते हैं तो ये आपके लिए एक बेहतर अवसर है.
 
 

HR Breaking News, Digital Desk- इंडियन रेलवे (Indian Railways) इस समय आपको कमाई करने का मौका दे रहा है. अगर आप भी एक्सट्रा कमाई करना चाहते हैं या फिर बिजनेस स्टार्ट (Business opportunity) करना चाहते हैं तो ये आपके लिए अच्छा चांस है. बता दें रेल मंत्रालय (Railways) ने प्राइवेट इनवेस्टमेंट के जरिए छोटे और सड़क के किनारे स्टेशनों पर "गुड्स शेडों डेवलपमेंट की पॉलिसी" को कुछ समय पहले ही जारी किया है. इस पॉलिसी के तहत आप स्टेशन के पास अपनी कैंटीन खोल सकते हैं या फिर चाय की शॉप लगाकर भी कमाई कर सकते हैं.

रेलवे बनाएगा नए गुड्स शेड-


रेल मंत्रालय की "गुड्स शेडों डेवलपमेंट की पॉलिसी" के तहत नए गुड्स शेड बनाए जाएंगे और पुराने गुड्स शेड को प्राइवेट प्लेयर की मदद से सुधारा जाएगा. इसके अलावा इस समय मौजूदा गु शेड को डेवलप कर टर्मिनल क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. आप भी रेलवे की इस स्कीम के तहत इनवेस्टमेंट कर मोटी कमाई कर सकते हैं.

कैसे कर सकते हैं कमाई?


अगर रेलवे की इस स्कीम के तहत आप सड़क किनारे पड़ने वाले स्टेशन पर गुड्स शेड को डेवलप करने में मदद करते हैं तो रेलवे आपको स्टेशन के आसपास छोटी कैंटीन, चाय की दुकान, विज्ञापन लगाने की सुविधा देगा, जिसके जरिए आप अपना खर्च निकालने के साथ-साथ अच्छी कमाई भी कर सकते हैं.

प्राइवेट प्लेयर को करना होगा ये डेवलपमेंट-


इसके अलावा प्राइवेट प्लेयर को इस स्कीम के तहत सामान चढ़ाने /उतारने की सुविधाओं, मज़दूरों के लिए सुविधाएं, सम्पर्क सड़क, ढकी हुई शेड और अन्य संबंधित बुनियादी ढांचे को डेवलप करने की इजाजत दी जाएगी. इन सुविधाओं को डेवलप करने के लिए प्राइवेट प्लेयर को अपना पैसा खर्च करना होगा. ये सारे डेवलपमेंट रेलवे से एप्रूव डिजाइन के आधार पर होंगे.

रेलवे नहीं लेगा कोई चार्ज-


बता दें रेलवे प्राइवेट प्लेयर से किसी भी तरह का विभागीय चार्ज नहीं लेगा. प्राइवेट प्लेयर की ओर से बनाई गई सुविधाओं का इस्तेमाल आम उपयोगकर्ता की सुविधा के रूप में किया जाएगा.

ई-टिकटिंग के जरिए भी कर सकते हैं कमाई-


IRCTC के लिए कमाई का बड़ा जरिया ई-टिकटिंग पर मिलने वाला सर्विस टैक्स रहा है. हालांकि नोटबंदी के बाद से क़रीब 3 साल तक उसे इस कमाई से हाथ धोना पड़ा था और सरकार ने डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सर्विस चार्ज की वसूली पर रोक लगा दी थी.