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Indian Railway - मालगाड़ी के 150 डिब्बे अकेले खींचेगा ये इंजन, नई तकनीक से हुआ तैयार

भारतीय रेलवे ने मालगाड़ियों से ज्यादा से ज्यादा माल, कम समय में पहुंचाने में बड़ी सफलता हासिल की है. फिलहाल, देश का सबसे शक्तिशाली इंजन बनाया गया है। जो मालगाड़ी के 150 डिब्बे अकेले खींचेगा। आइए खबर में निचे जानते है इस नई तकनीक के इंजन के बारे में।  
 
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मालगाड़ी के 150 डिब्बे अकेले खींचेगा ये इंजन, नई तकनीक से हुआ तैयार

HR Breaking News, Digital Desk- भारतीय रेलवे ने मालगाड़ियों से ज्यादा से ज्यादा माल, कम समय में पहुंचाने में बड़ी सफलता हासिल की है. भारतीय रेलवे ने 'मेक इन इंडिया' के तहत अब देश का सबसे शक्तिशाली इंजन डब्ल्यूएजी 12 इंजन बनाया है जो डेढ़ किमी लंबी मालगाड़ी को अकेला खींच सकता है. 

 

 


इसकी सबसे बड़ी खासियत है कि यह इंजन 12 हजार हॉर्स पॉवर का है. यह रेलवे की तरक्की में नई क्रांति लाएगा जिससे देश में विकास के और रास्ते खुलेंगे.


इससे बड़े-बड़े उद्योगों को काफी लाभ पहुंचेगा क्योंकि यह अकेला ऐसा इंजन होगा जो 150 गाड़ी के डिब्बे अकेला खींचेगा. यह इंजन भारत देश का सबसे शक्तिशाली  इंजन है. 


इन इंजनों को बिहार के मधेपुरा में तैयार किया जा रहा है. देश में लगभग 800 इंजन तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. यह रेल इंजन हरियाणा के हिसार में आ गया  है. यहां लोको पायलटों को इसकी चलाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. उन्हें इसके बारे में टेक्निकल जानकारियां दी जा रही हैं. 

हिसार में देश के शक्तिशाली इंजन की जानकारी देते हुए हिसार के रेलवे स्टेशन अधीक्षक केएल चौधरी ने बताया कि इंजन का ट्रायल भी सफल हो चुका है. खास बात यह कि दो इलेक्ट्रिक इंजन मिलाकर एक यूनिट बनाया गया है जिसमें मालगाड़ी के ज्यादा डिब्बे खींचने की शक्ति होगी. 6 हजार हॉर्स पॉवर यानी एक इंजन की बात करें तो वह मालगाड़ी के 58 से 60 डिब्बे खींच सकता है मगर दो इंजन से तैयार किया गया यह डब्ल्यूजी 12 इंजन, मालगाड़ी के 150 डिब्बे खींचने की क्षमता रखता है.  यह देश का सबसे शक्तिशाली इंजन है.  


यह इंजन 11 सितंबर रात को हिसार भी पहुंचा और अगले दिन सुबह ही वापस चला गया. हिसार पहुंचने पर लोको पायलट को भी इंजन की ट्रेनिंग दी गई. खास बात है कि डब्ल्यूएजी 12 इंजन अकेला डेढ़ किलोमीटर तक लंबी मालगाड़ी को खींचने की क्षमता रखता है. इस इंजन की सामान्य गति 100 किलोमीटर प्रतिघंटा है मगर इसे 120 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से भी चलाया जा सकता है. इसकी लंबाई 35 मीटर है. इसमें एक हजार लीटर हाई कंप्रेसर कैपिसिटी के दो टैंक हैं. 


स्टेशन अधीक्षक ने बताया कि यह इंजन मालगाड़ियों को दौड़ाने में कारगर सिद्ध होगा. इससे जहां एक ओर समय की बचत होगी, वहीं इस इंजन में लोको पायलट को भी  बेहतरीन सुविधाएं मिलेगी. इंजन पूरी तरह से एयरकंडीशन होगा और पायलटों के लिए इंजन में टायलेट-बाथरूम की व्यवस्था भी कर दी गई है. उन्होंने बताया कि इससे  पहले 6 हजार हॉर्स पॉवर के इंजन होते थे परंतु इस नए इंजन से देश के व्यापार जगत को बढ़ावा मिलेगा.