Parenting Tips:  इन बातों से बनाइएं अपने और बच्चों के बीच रिश्ता मजबूत 
 

असल जिंदगी में कोई भी परफेक्ट नहीं होता है। एक अच्छे पेरेंट्स को भी परफेक्ट होने की जरूरत नहीं होती है। जरूरी होता है बस समय के साथ थोड़ा खुद में बदलाव। जिससे आपका बच्चा ना सिर्फ आपसे प्यार करे बल्कि आपको अपना दोस्त भी समझे. 
 
 

HR Breaking News Digital Desk- आये दिन आपको कोई ऐसी खबर पढ़ने को मिलती हैं, जिसमें बच्चे ने अपने माता-पिता की हत्या कर दी या फिर उनकी बातों से नाराज होकर कोई गलत कदम उठा लिया. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्यों होता है. एक मासूम सा बच्चा जिसने आपकी उंगली थाम कर चलना सीखा, वो आपसे इतनी नफरत कैसे कर सकता है. वजह है बदलते वक्त के साथ रिश्तों में बढ़ती दूरियां. कई बार माता-पिता अपने बच्चों को वक्त नहीं दे पाते, जिसके चलते आगे कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं. 

 

 

 


एक अच्छे पेरेंट्स को परफेक्ट होने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि असल जिंदगी में कोई भी परफेक्ट नहीं होता है. जरूरत होती है बस समय के साथ खुद में कुछ बदलाव लाने की. जिससे आपका बच्चा ना सिर्फ आपसे प्यार करे बल्कि आपको अपना दोस्त भी समझे. आज के इस आर्टिकल में हम आपके लिए कुछ ऐसे ही टिप्स लेकर आये हैं, जिन्हें आप बच्चों को अच्छी परवरिश के लिए आजमा सकते हैं. 

 


खुद से करें शुरुआत-


बच्चों के सीखने का पहला स्टेप हमसे होकर गुजरता है. इसलिए आप उनसे जो भी चाहते हैं पहले आप खुद करके उन्हें दिखाएं. बड़ों का सम्मान करना. अपने माता-पिता से प्रेम भाव रखना. बातचीत में गलत शब्दों का प्रयोग नहीं करना. यकीनन आपकी ये आदत देखकर वो खुद भी वैसा ही करेंगे.  

बच्चों से बात करें-

 
बच्चों के साथ सभी विषयों पर खुल के बात करने से आपका रिश्ता मजबूत होगा. आप अपने बचपन के किसी किस्से की मदद से भी ऐसा कर सकते हैं, जिसने आपको बहुत परेशान किया हो.

ऐसा करने से आप दोनों के बीच कम्युनिकेशन स्ट्रॉन्ग होगा. साथ ही भविष्य में किसी तरह की परेशानी होने पर आपका बच्चा बिना किसी डर या झिझक के अपनी बात आपसे कह पाएगा. 

बच्चे के लिए समय निकाले-


दिनभर में एक बार फैमिली के लिए टाइम जरूर निकालें. सबके साथ बैठकर बातें करें. आप अपने बच्चे से प्यार करते हैं, ये बात जाहिर करें. अगर आप ज्यादा बिजी हों, तो अगले दिन साथ बैठें. उसे ये अहसास दिलाएं कि आपकी जिंदगी में काम से जरूरी वो है. बच्चों के स्कूल में कोई गेम या एक्टविटी प्रोग्राम में जरूर शामिल हों. इससे उन्हें हौसला मिलेगा. 

फ्रीडम-


हमारे समाज में फ्रीडम सबसे अहम मुद्दा है. हम बच्चे के पैदा होते ही उसे डॉक्टर या इंजीनियर बनाने का डिसीजन ले लेते हैं. कभी ये नहीं जानना चाहते कि वो क्या चाहते हैं. इसलिए कभी भी अपने फैसले बच्चे पर नहीं थोपे. उसे सही और गलत में फर्क समझाएं, लेकिन उसके भविष्य से जुड़े फैसले खुद लेने दें.