Parenting Tips: बच्चों के बेस्ट फ्रेंड बनने के लिए माता-पिता को जाननी होंगी ये पांच बाते

माता-पिता अपने बच्चों को बहुत प्यार करते हैं। बच्चों के भविष्य के लिए वे हमेशा चिंतित रहते हैं। बच्चे छोटे होते है तब वे अपने माता-पिता से सभी बातें साझा करते है। लेकिन जैसे-जैसे वे बड़े होते है उनमें और माता-पिता में थोड़ी दुरियां आने लगती हैं। आइए आज हम आपको बताते है के कैसे आप अपने बच्चों के बेस्ट फ्रेंड बनकर रह सकते है।  
 

HR Breaking News, Digital Desk- माता-पिता अपने बच्चों को बहुत प्यार करते हैं। बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित रहते हैं। कम उम्र में बच्चे अपने माता- पिता के करीब होते हैं और हर बात उनसे साझा करते हैं लेकिन जैसे जैसे बच्चों की उम्र बढ़ने लगती है, वह अपने दोस्तों और स्कूल कॉलेज में व्यस्त हो जाते हैं। बच्चे माता पिता से अपनी बातें शेयर करना बंद कर देते हैं।

कई बार तो बच्चे अभिभावकों से बातें छुपाते हैं या झूठ बोलने लगते हैं। ऐसे में हर माता पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों से दोस्ती का रिश्ता बनाएं। जब बच्चे अपने माता पिता को दोस्त समझने लगते हैं तो वह उन से हर तरह की बात शेयर करते हैं।

बच्चों और अभिभावकों के बीच दोस्ती के रिश्ते में झूठ बोलने या बातें छुपाने की संभावना कम होती है। ऐसे में अगर माता पिता अपने बच्चों के बेस्ट फ्रेंड बनना चाहते हैं,तो कुछ ऐसी बातें हैं, जो उन्हें बच्चों से कहनी चाहिए। ये रहीं वो बातें जो दोस्त बनने के लिए माता पिता बच्चों से बोल सकते हैं।


तारीफ करें-

अपने बच्चे को खास महसूस कराएं और उन्हें खुश रखें। जब आप बच्चे की थोड़ी तारीफ कर देते हैं तो बच्चा खुश हो जाता है और तारीफ सुनने के लिए आपको हर बात बताने लगता है।


गलतियों पर समझाएं-

बच्चे की बात बात पर गलती निकालने और उसे डांटने की बजाय, आराम से समझाएं। बच्चा गलतियों से सीखे, इस बात का ध्यान रखें। जब आप किसी गलती पर बच्चे को डांटने के बजाए उसकी बात समझने की कोशिश करते हैं तो वह भी प्रयास करता है कि अगली बार गलती न करें।


अनुमति मांगें-

बच्चों को स्पेस दें। उनके किसी काम के लिए अभिभावकों को बच्चों से अनुमति मांगनी चाहिए। जैसे अगर आप अपने बच्चे की किसी काम में मदद करना चाहते हैं या फिर उनके कमरे में आना चाहते हैं, तो उन से पहले पूछें। इससे वह खुद के महत्व को समझते हैं।


परेशानी पूछें-

बच्चे पर आरोप लगाने या खुद से बाते सोच लेने से बेहतर है कि उन से आराम से पूछे कि क्या उन्हें कोई परेशानी है। क्या उन्हें कोई बात परेशान कर रही है। 


शुक्रिया कहें-

माता पिता अक्सर बच्चों से छोटे मोटे काम करने को कहते हैं। बच्चों के कुछ करने पर उनको शुक्रिया कहें। बच्चों के काम की सराहना करें।