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8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों की लगी लॉटरी, मंथली बेसिक सैलरी में 34 हजार की बंपर बढ़ौतरी

Salary Hike Update :आठवें वेतन आयोग को मंजूरी मिलने के बाद यह तो तय हो गया है कि केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी में बड़ा बदलाव होगा। वर्तमान में कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ मिल रहा है। लेकिन जल्द ही उन्हें आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission News) के तहत हर महीने मोटी सैलरी मिलने वाली है। 

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8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारियों की लगी लॉटरी, मंथली बेसिक सैलरी में 34 हजार की बंपर बढ़ौतरी

HR Breaking News - 8th Pay Commission : आठवें वेतन आयोग को मंजूरी मिलने के बाद एक करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारी और लाखों पेंशनर्स में खुशी का कोई ठिकाना नहीं है। दरअसल, नए वेतन आयोग के आने से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बूम आएगा। कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव करने के लिए हर दस साल बाद नया पे कमीशन (New Pay Commission ) लागू किया जाता है। 


आखिरी बार साल 2014 में सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का गठन हुआ था। जिसका मौजूदा समय में कर्मचारियों को लाभ मिल रहा है। इस वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की 18000 रुपये महीना न्यूनतम बेसिक सैलरी है। अब हाल ही मोदी सरकार की अध्यक्षता में आठवें वेतन आयोग को मंजूरी मिल चुकी है और इसे 1 जनवरी साल 2026 में लागू किया जाएगा। इसके तहत कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में जबरदस्त बढ़ौतरी होगी।

 

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पहले वेतन आयोग से अब तक कितनी बढ़ी कर्मचारियों की सैलरी - 

 

 

पहला वेतन आयोग (First Pay Commission) सन् 1946 में गठित हुआ था और इसे सन् 1947 से लागू कर दिया गया था। इस वेतन आयोग के आने से कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 55 रुपये महीना तय हुई। इस वेतन आयोग का उद्देश्य कर्मचारियों की जीवनशेली में बदलाव करना था। 


दूसरे वेतन आयोग (Second Pay Commission)का गठन सन् 1957 में किया गया। इसके बाद सन् 1959 में इसकी सिफारिशें शुरू हुई। तब कर्मचारियों की बेसिक सैलरी को 55 रुपये से बढ़ाकर 80 रुपये महीना कर दिया गया। पारिवारिक भत्तों और रिटायरमेंट प्रॉफिट को भी प्रार्थमिकता दी। 


तीसरे वेतन आयोग (3rd Pay Commission)का गठन सन् 1970 में हुआ। इसे सन् 1973 में लागू कर दिया। वेतन आयोग ने कर्मचारियों की सैलरी को 80 रुपये महीना से बढ़ाकर 185 रुपये मासिक कर दिया। इसके अलावा महंगाई भत्ता का प्रावधान भी जोड़ा गया। 

 

चौथा वेतन आयोग गठन  (4th Second Pay Commission) सन् 1983 में किया गया था। इसकी सिफारिशें सन्  1986 में शुरू हुई। इस वेतन आयोग के आने से कर्मचारियों की सैलरी 750 रुपये महीना पर पहुंच गई। 


1994 में पांचवें वेतन आयोग (5th Pay Commission) का गठन हुआ। इसे सन् 1997 में लागू किया गया। जिसके तहत कर्मचारियों की सैलरी 2,550 रुपये महिला हो गई। इसके साथ ही महंगाई भत्ते का 50 प्रतिशत बेसिक सैलरी में जोड़ा गया।  


साल 2006 में छठे वेतन आयोग (6th Pay Commission) का गठन किया गया। जिसे साल 2008 में इसे लागू कर दिया है। जिससे कर्मचारियों की सैलरी 2,550 से बढ़कर सीधे 7 हजार पर जा पहुंची। इस वेतन आयोग में पे बैंड और ग्रेड पे प्रणाली शुरू हुई।

सातवें वेतन आयोग  (7th Pay Commission) को साल 2014 में गठित गया। इसकी सिफारिशें साल 2016 में शुरू हुई थी। इस वेतन आयोग के आने से कर्मचारियों की सैलरी में बड़ा बदलाव हुआ है। इस वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों को अब 18000 रुपये महीना वेतन मिल रहा है। इसके साथ ही  पे मैट्रिक्स प्रणाली को भी लागू किया गया। वर्तमान में इस वेतन आयोग का कर्मचारियों को लाभ मिल रहा है। 

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कर्मचारियों की सैलरी में 186 प्रतिशत की बढ़ौतरी


हाल ही में मोदी सरकार की अध्यक्षता में आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को मंजूरी मिल गई है। लंबे समय से कर्मचारियों नए वेतन आयोग की मांग कर रहे थे। रिपोर्ट के मुताबिक आठवें वेतन आयोग के तहत कर्मचारियों की सैलरी 18 हजार से बढ़कर सीधे 51,480 रुपये हो सकती है।  इसके लिए फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor Hike update) को 2.57 से बढ़ाकर 2.86 किए जाने की उम्मीद है। इस हिसाब से केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 186 प्रतिशत का इजाफा होगा।