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Railway News: महज 5 घंटे में पहुंचेंगे दिल्ली 180Kmph स्पीड से दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन

भारतीय रेलवे लोगों को बड़ी सौगात देने जा रहा है. इस साल के अंत तक देश के 27 रूटों पर 18 वंदे मातरम चलाने की तैयारी चल रही है. पहले फेज में जिन रूटों का चयन किया गया है, उनमें पटना-काशी-दिल्ली भी शामिल है. बंदे मातरम एक्सप्रेस से यात्री महज चार से पांच घंटे में पटना से दिल्ली पहुंच जाएंगे.
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महज 5 घंटे में पहुंचेंगे दिल्ली 180Kmph स्पीड से दौड़ेगी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन

HR Breaking News, Digital Desk- भारतीय रेलवे बिहार के लोगों को बड़ी सौगात देने जा रहा है. इस साल के अंत तक देश के 27 रूटों पर 18 वंदे मातरम चलाने की तैयारी चल रही है. पहले फेज में जिन रूटों का चयन किया गया है, उनमें पटना-काशी-दिल्ली भी शामिल है. बंदे मातरम एक्सप्रेस से यात्री महज चार से पांच घंटे में पटना से दिल्ली पहुंच जाएंगे. दिल्ली से पटना जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस अभी 12 घंटे में दिल्ली से पटना पहुंचती है.


पटना रूट पर लोगों को मिलेगी बेहतर सुविधा-


रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली पटना रेलखंड पर यात्रियों का काफी दबाव है. अभी इस रूट पर तेजस, राजधानी और संपूर्ण क्रांति जैसी ट्रेनों का परिचालन हो रहा है. बेहतर सुविधा चाहनेवाले यात्रियों के लिए यह ट्रेन बेहतर विकल्प देगी. इस ट्रेन में एक ओर जहां यात्रियों कोई प्रकार की विशेष सुविधा मिलेगी, वहीं लोगों का समय भी बचेगा. वैसे अधिकारी ने किराये को लेकर अभी कुछ भी कहने से इनकार किया है.


अभी इन रूटों में हो रहा परिचालन-


भारत में अभी वंदे भारत ट्रेन का परिचालन चंद रूटों में किया जा रहा है. देश की पहली वंदे भारत ट्रने दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाई गई. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी 2019 को वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन किया था. इस ट्रेन का व्यावसायिक परिचालन 17 फरवरी 2019 को शुरू हुई. अभी दिल्ली और जम्मू के बीच इसका परिचालन हो रहा है. अंबाला रूट पर ट्राइल चल रहा है. मुंबई और अहमदाबाद के बीच इस ट्रेन का चलाने का रेलवे ने फैसला लिया है.


बुलेट ट्रेन को भी देती है मात-


रेलवे सूत्रों की माने तो यह ट्रेन कई मामलों में बुलेट ट्रेन को भी मात देती है. भारतीय रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक वंदे भारत ट्रेन जीरो से सौ किलोमीटर की रफ्तार तक पहुंचने में कुछ ही सेकेंड लगता है. यह ट्रेन 54. सेकंड का समय में जीरो से 100 की स्पीड में पहुंच जाती है, जबकि दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से चलने वाली बुलेन ट्रेन को यह दूरी तय करने में 55.4 सेकेंड लग जाता है.


260 किमी प्रतिघंटा होगी अपग्रेडेड वर्जन स्पीड-


रेलवे के अधिकारियों के अनुसार वंदे भारत ट्रेन काफी अपग्रेडेड है. इसी खासियत के कारण इस ट्रने की रफ्तार दूसरे ट्रेनों से काफी तेज है. सबसे बड़ी बात यह है कि इस ट्रेन के 16 डब्बों में से पांच में मोटर लगी होती है. स्वचलित मोटरों की मदद से ही त्वरित रफ्तार अधिक होती है. बुलेट ट्रेन के आगे लगे एक इंजन पर वंदे भारत के पूरे ट्रेन में लगी 20 मोटर से ज्यादा कारगर होती है. मौजूदा समय में वंदे भारत ट्रेन की स्पीड 160 किलोमीटर प्रतिघंटा है. चरणबद्ध तरीके से साल 2025 तक अपग्रेडेड वर्जन अब 260 किमी प्रतिघंटा से दौड़ेगी.


वंदे भारत एक्सप्रेस की खासियत-


सेंट्रलाइज्ड कोच

ट्रेन में सेंट्रलाइज्ड कोच लगाए जाएंगे, जिससे एक ही जगह से पूरी ट्रेन पर नजर रखी जा सकेगी. यहीं से ट्रेन के सारे सिस्टम की निगरानी की जाएगी.

बैक्टिरिया फ्री

वंदे भारत पूरी तरह से वातानुकुलित ट्रेन है. अब इसका ऐसी और भी बेहतर होगा. अपग्रेडेड वर्जन में वंदे भारत के कोच को बैक्टिरिया फ्री एयर कंडीशनिंग सिस्टम से लैस किया जाएगा.

पुश बैक सीट

नई वंदे भारत एक्सप्रेस जिसे अपग्रेडेड वर्जन का नाम दिया गया है. उसमें बैठने की सहूलियत का खास खयाल रखा जाएगा. ट्रेन की रेक्लाइनिंग सीट को पुशबैक से लैस किया जाएगा, यानि उसे पुश कर अपने आराम के हिसाब से आगे या पीछे किया जा सकेगा.


इमरजेंसी विंडो

इसमें सिक्योरिटी फीचर भी जोड़े जाएंगे. हर कोच में अब चार इमरजेंसी विंडो होंगे, ताकि किसी भी आपात स्थिति में यात्रियों को जल्दी से जल्दी निकाला जा सके.

सिक्योरिटी

यात्रियों की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा. पैसेंजर इन्फाॉर्मेशन सिस्टम लगाया जाएगा. हर कोच में दो के बजाय अब चार इमरजेंसी पुश बटन होंगे. इमरजेंसी विंडो बढ़ेंगे, दरवाजे और खिड़कियों में फायर सर्वाइवल केबल का इस्तेमाल होगा, जिससे आग लगने की स्थिति में भी दरवाजा और खिड़कियां खोलना आसन होगा.

लाइटिंग

वंदे भारत एक्सप्रेस के अपग्रेडेड वर्जन में बिजली गुल होने पर वेंटिलेशन और लाइटिंग के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. बिजली गुल होने पर करीब तीन घंटे का वेंटिलेशन मौजूद होगा. हर कोच में बड़ी-बड़ी लाइटें होंगी जो कोच की लाइटें खराब होने इस्तेमाल की जाएंगी. ये लाइटें ज्यादा देर तक जलेंगी.