DA Hike : महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी देख सरकारी कर्मचारियों के निकलेंगे आंसू, जानिये लेटेस्ट अपडेट

HR Breaking News - (DA Hike Update)। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। दरअसल, केंद्र सरकार ने मार्च 2025 में केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) और महंगाई राहत (DR) में 2 प्रतिशत का इजाफा किया था। लगभग 1.2 करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता (DA Hike) 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया।
78 महीनों में सबसे कम बढ़ा डीए -
बता दें कि पिछले 78 महीनों में महंगाई भत्ते (Dearness Allowance Update) में ये सबसे कम वृद्धि हुई है। लेकिन अब, साल 2025 के पहले तीन महीने के कैलेंडर में महंगाई दर में गिरावट के बाद अनुमान लगाया गया है कि केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 2 प्रतिशत से भी कम बढ़ौतरी होगी और संभव है कि डीए (DA) में कोई बढ़ौतरी ही न हो। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस बार डीए संशोधन कर्मचारियों के आंसू निकाने वाला है।
समझ लें डीए हाइक की पूरी कैलकुलेशन -
यदि ऐसा होता है तो जुलाई-दिसंबर 2025 अवधि के लिए अपने डीए में तगड़ी वृद्धी की उम्मीद कर रहे करोड़ो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स को बड़ा झटका लगने वाला है। बता दें कि सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) का कार्यकाल इस साल के आखिरी महीने खत्म होने वाला है, इस हिसाब से सातवें वेतन आयोग के हिसाब से DA में यह आखिरी अपडेट होगा। आज हम इस खबर में जानेंगे कि डीए में कितनी बढ़ौतरी होगी और यदि कम इजाफा होता है तो इसके पीछे क्या कारण है और डीए में इजाफा होने से सरकारी कर्मचारियों को कितना लाभ होगा। चलिए जानते हैं पूरी कैलकुलेशन -
क्या होता है DA?
महंगाई भत्ता एक प्रकार का जीवन-यापन समायोजन भत्ता है जो बढ़ती मुद्रास्फीति के प्रभाव को दूर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को प्रदान किया जाता है। महंगाई भत्ते (Dearness Allowance Update) का साल में दो बार जनवरी और जून अवधि और जुलाई से दिसंबर अवधि के लिए संशोधित किया जाता है। साल की पहली DA वृद्धि की घोषणा आमतौर पर मार्च महीने में की जाती है, और दूसरी की घोषणा हर साल अक्टूबर या नवंबर में की जाती है।
कैस तय होता है डीए?
डीए रेट, Labour Bureau द्वारा जारी All India Consumer Price Index for Industrial Workers (AICPI-IW) के आधार पर तय किया जाता है। किसी भी छह महीने के लिए डीए बढ़ोतरी का फैसला पिछले छह महीनों के AICPI-IW डेटा का विश्लेषण करके किया जाता है।
डीए में कम बढ़ौतरी के पीछे ये है कारण -
2025 के पहले दो महीनों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (AICPI-IW) डेटा में गिरावट देखी गई, जिससे जुलाई-दिसंबर 2025 के लिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी बेहद कम होने का अनुमान है। AICPI-IW कर्मचारियों की डीए बढ़ोतरी की कैलकुलेशन के लिए एक प्रमुख मीट्रिक है। तो अब हमारे पास इस साल के पहले दो महीनों के लिए AICPI-IW डेटा है और यदि गिरावट का रुझान अगले 4 महीनों तक जारी रहता है, तो यह सुनिश्चित करेगा कि केंद्रीय कर्मचारियों और सेवानिवृत्त लोगों को 2 प्रतिशत से कम महंगाई भत्त में इजाफा होगा या फिर डीए में कोई वृद्धि न हो। कर्मचारियों को जीरो डीए बढ़ौतरी से भी समझौता करना पड़ सकता है।
AICPI-IW वह इंडेक्स है जिसके आधार पर महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी तय की जाती है। श्रम और रोजगार मंत्रालय के तहत, श्रम ब्यूरो ने अपने पिछले महीने के आंकड़ों के आधार पर बताया कि फरवरी 2025 में AICPI-IW 0.4 अंक गिरकर 142.8 पर आ गया, जबकि जनवरी 2025 में यह 143.2 था।
फरवरी 2025 में साल-दर-साल मुद्रास्फीति घटकर 2.59 प्रतिशत हो गई है, जबकि फरवरी 2024 में यह 4.90 प्रतिशत थी।
अब यह संभावना है कि देश में ओवरऑल मुद्रास्फीति की स्थिति को देखते हुए AICPI-IW में मार्च और अप्रैल में और गिरावट आ सकती है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इस साल मार्च में गिरकर 5 साल के निचले स्तर 3.34 प्रतिशत पर आ गई। फरवरी में यह 3.61 प्रतिशत थी।
7वां वेतन आयोग के तहत डीए बढ़ौतरी की कैलकुलेशन -
महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी की केलकुलेशन पहले आधार वर्ष 2001 के साथ AICPI के आधार पर की गई थी। बाद में सितंबर 2020 से डीए की गणना करने के लिए इसे बेस ईयर 2016 के साथ एक नए AICPI के साथ बदल दिया गया।
DA = (पिछले 12 महीनों के लिए CPI-IW का औसत (बेस 2016=100) x 2.88–261.4)*100/(261.4))
जहां AICPI पिछले 12 महीनों का औसत उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index) है।
261.4 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) द्वारा निर्धारित आधार सूचकांक है।
पेंशनर्स को तगड़ा झटका -
यदि सूचकांक के आंकड़ों में सुधार नहीं हुआ तो जुलाई 2025 में महंगाई भत्ते में बढ़ौतरी बहुत कम हो सकती है या फिर डीए (DA) जीरो हो सकता है। इसका असर बल्कि सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी पर पड़ेगा। ऐसे में पेंशनर्स को तगड़ा झटका लग सकता है। क्योंकि पेंशनर्स के जीवन यापन के लिए महंगाई राहत (Dearness Relief) सबसे अहम हिस्सा होता है यदि इसमें इजाफा नहीं होता है तो अबकी बार पेंशनभोगियों को निराशा हाथ लगेगी।