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Indian Railways : अब रेलवे के साथ बिजनेस कर कमाई करना हुआ आसान, फीस में 90 प्रतिशत से ज्यादा की कटौती

अगर आप भी रेलवे के साथ बिजनेस कर पैसा कमाना चाहते हैं तो ये खबर आपके काम की है। अब रेलवे के साथ बिजनेस करना आसान हो गया है। आइए नीचे खबर में जानते हैं विस्तार से- 

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Indian Railways : अब रेलवे के साथ बिजनेस कर कमाई करना हुआ आसान, फीस में 90 प्रतिशत से ज्यादा की कटौती

HR Breaking News (डिजिटल डेस्क)। भारतीय रेलवे अपनी आपूर्ति श्रृंखला में छोटे उद्यमियों को आकर्षित करने की आकर्षक योजना बनाई है, जिसके तहत वेंडर एप्लिकेशन फीस में 90 प्रतिशत से अधिक कटौती की है। रेलवे ने अपनी सप्लाई चेन को सुदृढ़ करने के लिए सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए शुल्क कम कर दिया है, ताकि नए उद्यमी बेहिचक आएं।

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रेलवे के अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) के साथ वेंडर के रूप में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन करने वाले एमएसएमई से 1.5 लाख रुपये लेता था। इसे अब सुरक्षा वस्तुओं के लिए राशि को 93 प्रतिशत घटाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है। एमएसएमई के अलावा अन्य व्यवसायों के लिए भी शुल्क 2.5 लाख रुपये से 94 प्रतिशत घटाकर 15,000 रुपये कर दिया गया था।

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वन नेशन वन स्टैंडर्ड का सूत्र

रेल मंत्रालय के मुताबिक रेलवे ने व्यापार करने में आसानी या इज आफ डूइंग बिजनेस की दिशा में यह निर्णय लिया है। यह पहल उद्योग के लिए व्यवसाय की लागत को और कम करेगी और मेक इन इंडिया को प्रोत्साहन देगी। इससे रेलवे को अपनी आपूर्ति श्रृंखला में अधिक विक्रेताओं को आकर्षित करने से भी लाभ होगा।

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महत्वपूर्ण बात यह है कि एक जून 2021 को भारतीय मानक ब्यूरो पर वन नेशन वन स्टैंडर्ड मिशन के तहत आरडीएसओ को मानक विकास संगठन (एसडीओ) के रूप में पहला संस्थान घोषित किए जाने के लगभग आठ महीने बाद शुल्क में कमी की गई है।

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विभिन्न सेक्टर के लोगों को जोड़ने का प्रयास

इसके अलावा भारतीय मानक ब्यूरो या बीआइएस रेलवे की सप्लाई चेन में उद्योग, विक्रेताओं, एमएसएमई व टेक्नोलाजी डेवलपर्स की बड़ी भागीदारी होगी। इसके अलावा, एमएसएमई, शिक्षाविदों, उपयोगकर्ताओं, मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं, परीक्षण गृहों, उद्योग, विक्रेताओं, भारतीय रेलवे आपूर्ति श्रृंखला में प्रौद्योगिकी डेवलपर्स आदि की भागीदारी, प्रारंभिक चरण से मानक बनाने की प्रक्रिया में समय को कम करने के लिए निर्धारित है। इसके साथ ही बीआइएस का उद्देश्य अपने विशिष्ट क्षेत्रों में मानकों के विकास में लगे संगठनों की डोमेन-विशिष्ट विशेषज्ञता को एकत्र करना, एकीकृत करना और देश में सभी मानक विकास गतिविधियों के अभिसरण को सक्षम करना है।

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आनलाइन ट्रैकिंग की सुविधा मुफ्त

रेलवे ने वेंडर के लिए सिंगल-इंटरफेस स्वीकृति या अनुशंसा के लिए एक सिंगल वेंडर एप्लिकेशन सिस्टम भी लागू की थी। इंटरफेस ने सभी संबंधित विवरणों, चित्रों, विशिष्टताओं और आनलाइन आवेदन की स्थिति की ट्रैकिंग के लिए मुफ्त आनलाइन पहुंच की पेशकश की है।

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सरकार कथित तौर पर रेलवे द्वारा की गई सभी खरीद को एमएसएमई-प्रधान सार्वजनिक खरीद पोर्टल गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस में एकीकृत करने पर भी काम कर रही थी। पिछले जून में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने खरीद बाजार और वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के साथ गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस की एक समीक्षा बैठक में कहा था कि एकीकरण से रेलवे द्वारा लगभग 50,000 करोड़ रुपये की वार्षिक खरीद आनलाइन की जा सकती है।