home page

IRCTC : रेल में खाना परोसने वाले 5 सबसे खराब ठेकेदार, इन पेंट्री कार चलाने वालों के खिलाफ शिकायतों की लंबी लिस्ट

Indian Railways : भारतीय रेलवे यात्रियों की सुख सुविधा के लिए रेल में ही खाने की सेवाएं उपलब्ध कराता है। भारतीय रेलवे देश का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। रेलवे ने कुछ लंबी दूरी की रेलगाड़ियों में पेंट्री कार (Train Pantry Car) की व्यवस्था की है। इन्हें ठेकेदार चलाते हैं। रेलवे की भाषा में इन्हें लाइसेंसी (IRCTC Licensees) कहा जाता है। लेकिन अभी यात्रियों की रेल के खाने और इन ठेकेदारों के खिलाफ कई शिकायत आ रही है। आइए जान लेते है कि कौन से है ये 5 सबसे खराब ठेकेदार....

 | 

HR Breaking News, Digital Desk : भारतीय रेलवे देश की लाइफलाइन है (Indian Railways news)। भारतीय रेल में ट्रेन (Indian Railway's Train) मतलब यात्री रेलगाड़ियों का ऑपरेशन सबसे महत्वपूर्ण है। इन ट्रेनों में रेलवे की तरफ से कई तरह की सुविधा का इंतजाम किया जाता है। लेकिन पैसेंजर तक आते आते ये सुविधा कमतर होती जाती है। आज हम ट्रेन में मिलने वाली एक महत्वपूर्ण सुविधा का जिक्र कर रहे हैं, वह है खानपान सेवा (Catering Services in train)। रेलवे ने कुछ लंबी दूरी की रेलगाड़ियों में पेंट्री कार (Train Pantry Car facility) की व्यवस्था की है। इन्हें ठेकेदार चलाते हैं। रेलवे की भाषा में इन्हें लाइसेंसी (IRCTC Licensees) कहा जाता है। आज हम चर्चा कर रहे हे हैं रेलवे के सबसे अच्छे और सबसे खराब कुछ लाइसेंसी की।


बता दें कि दिल्ली में पश्चिमपुरी में रहने वाले अमन सिंह ने आईआरसीटीसी से RTI के जरिए उसके पांच वैसे लाइसेंसी का नाम पूछा था, जिनके खिलाफ सबसे ज्यादा और सबसे कम शिकायतें मिली (5 licensee who have bundle of complaints) हैं। इसकी कॉपी हमारे पास है। रेलवे बोर्ड के अधिकारी से जब खराब ठेकेदार की परिभाषा पूछी गई तो वे कहते हैं कि जिन लाइसेंसी के खिलाफ सबसे ज्यादा शिकायत हो, उसे सबसे खराब ठेकेदार कह सकते हैं। जिनके खिलाफ सबसे कम शिकायत हो, उन्हें सबसे अच्छा ठेकेदार कहा जा सकता है। आईआरसीटीसी ने RTI के जवाब में वित्त वर्ष 2020-21 से लेकर 2023-24 (20.11.2023 तक) का आंकड़ा इसमें दिया है। आइए जानते हैं इस बारे में...


जान लें किसकी होती है ट्रेन के पेंट्री कार की जिम्मेदारी ?


हमारे देश में ट्रेन चलाने की जिम्मेदारी भारतीय रेल की है। लेकिन भारतीय रेल सीधे किसी ट्रेन में खानपान व्यवस्था की जिम्मेदारी नहीं संभालता। रेल मंत्रालय की एक कंपनी है इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरशन या आईआरसीटीसी (IRCTC)। रेलवे बोर्ड ने इसी कंपनी को देश के सभी ट्रेनों में खानपान की जिम्मेदारी सौंपी हुई है। साथ ही विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर फूड प्लाजा (Food Plaza at Love Stations) और रेल आहार जैसे जॉइंट भी चलाने की जिम्मेदारी इसी कंपनी की है।

ट्रेन की पेंट्री है कमाई का एक जरिया


जानकारी के लिए बता दें कि आईआरसीटीसी के लिए ट्रेन का पेंट्री कार कमाई का महत्वपूर्ण जरिया (Train Pantry Car is an important source of earning) है। यह कंपनी ट्रेन के सभी पेंट्री कार के लिए टेंडर निकालती है। इस टेंडर प्रक्रिया में जो कंपनी सबसे ज्यादा बोली लगाती है, उसे कुछ अवधि के लिए उस ट्रेन में खानपान सेवा की जिम्मेदारी मिल जाती है। आजकल कुछ लोकप्रिय ट्रेनों में खानपान सेवा (Catering service in some popular trains) लेने के लिए कंपनियां करोड़ों रुपये की बोली लगा रही है।

पेंट्री लेने वाले कौन होते हैं


IRCTC जिस भी कंपनी या फर्म को ट्रेन में खानपान सेवा का जिम्मा सौंपती है, उसे रेलवे की भाषा में लाइसेंसी (train pantry licensee) कहा जाता है। कहने को तो इन लाइसेंसी पर नजर रखने के लिए आईआरसीटीसी ने पूरी व्यवस्था कर रखी है। लेकिन धरातल पर कोई व्यवस्था नहीं दिखती। ट्रेन में तो पेंट्री कार के लाइसेंसी या ठेकेदार का ही राज चलता है।

जान लें यात्रियों की क्या स्थिति रहती है


जिन भी लोगों ने  रेलवे के ट्रेन में खानपान सेवा का उपयोग (Use of catering service in train) किया है, वे भली-भांति इन्हें जानते और समझते हैं। वे रेल यात्रा के समय घर से पूड़ी-सब्जी बांध कर चलते हैं। जिन्हें डॉक्टर ने पूड़ी-सब्जी खाने से मना किया है, वे कुछ और व्यवस्था करके चलते हैं। लेकिन जिस ट्रेन में करीब 1000 पैसेंजर चल रहे हैं, उनमें ढेरों लोग पेंट्री कार के ठेकेदार की सेवा लेते हैं। उनमें से कुछ लोग उनकी सेवाओं से तंग आ कर शिकायत भी करते हैं।

ये है सबसे खराब लाइसेंसी 


आईआरसीटी ने बताया है कि उसका सबसे खराब ठेकेदार (worst contractor of IRCTC) आरके एसोसिएट्स एंड होटेलियर्स प्राइवेट लिमिटेड (R K Associates and Hoteliers Pvt. Ltd.) है। FY 2021 से 2024 के बीच इसके खिलाफ 1910 शिकायतें मिलीं। इसके बाद नंबर आता है क्लासिक कैटरर्स का। इस कंपनी के खिलाफ उक्त अवधि में 1439 शिकायतें आईं। तीसरे स्थान पर पी. शिव प्रसाद हैं, जिनके खिलाफ 1208 शिकायतें मिलीं। चौथे नंबर पर वृंदावन फूड प्रोडक्ट्स का नाम है जो कि आरके ग्रुप की ही कंपनी बताई जाती है। इस कंपनी के खिलाफ 1196 शिकायतें हैं। पांचवे नंबर पर एक्सप्रेस फूड सर्विसेज (Express Food Services) का स्थान है। इस कंपनी के खिलाफ 1162 शिकायतें हैं।

ये है आईआरसीटीसी के सबसे अच्छे लाइसेंसी कौन


मिनी रत्न सरकारी कंपनी आईआरसीटसी (IRCTC) ने बताया है कि उक्त अवधि में कपूर किचन प्राइवेट लिमिटेड (Kapoor Kitchen Private Limited), बीएच कैटरिंग सर्विसेज, कृष्णा इंटरप्राइजेज, पी के शेफी और वृंदावन इंटरप्राइजेज नाम के पांच लाइसेंसी ऐसे थे, जिनके खिलाफ महज एक-एक शिकायत दर्ज किया गया। चार साल की अवधि में सिर्फ एक शिकायत मिलना वास्तव में एक सम्मान ही है।