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नौकरानी के समान नहीं शादीशुदा महिला, जानिये Bombay high court ने क्यों कही ये बात

Married women rights: बहु को घर की लक्ष्मी माना जाता है। लेकिन इसके बावजूद भी आपने अक्सर बहु के साथ सास-ससुर की अनबन (family dispute) के मामले सुने होंगे । कई बार इन झगड़ो में बहु गलत होती है तो कई बार सास-ससुर। ऐसा ही एक मामला हाल ही में कोर्ट (court decision) में सामने आया जहाँ हाई कोर्ट न बड़ा फैसला सुनते हुए टिप्पणी की की बहु को नौकरानी ना माना जाए। आइए खबर में विस्तार से जानते है पूरा मामला-

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HR Breaking News (ब्यूरो)। अगर किसी विवाहित को घरेलू काम करने के लिए कहा जाता है तो इसे घरेलू नौकर (married women rights) के काम के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यह महिला के साथ क्रूरता नहीं है। बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद बेंच (Bombay High Court decision) ने कहा कि अगर महिला घर का काम नहीं करना चाहती, तो महिला को शादी से पहले यह बताना होगा कि वह घरेलू काम नहीं करेगी।

 

न्यायमूर्ति विभा कंकनवाड़ी और न्यायमूर्ति राजेश पाटिल की पीठ ने यह फैसला दिया। बेंच ने कहा, "अगर एक विवाहित को घरेलू  (household work rights) काम करने के लिए कहा जाता है, तो निश्चित रूप से परिवार के लिए कहा जाता है। इसे नौकर की तरह नहीं कहा जा सकता है।” 

 

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काम करने की कोई इच्छा नहीं 

न्यायाधीशों ने कहा, “अगर महिला को अपने घर का काम करने की कोई इच्छा नहीं है, तो उसे शादी से पहले ही यह बता देना चाहिए था। ताकि दूल्हा खुद शादी के बारे में सोच सके। अगर यह स्थिति शादी (marriage dispute) के बाद बनती है, तो इस तरह की समस्या को पहले सुलझा लिया जाना चाहिए था।" पीठ एक व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों द्वारा दायर की गई याचिका (couple dispute) की सुनवाई कर रही थी। 

 

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इन धाराओं के तहत दर्ज कराया गया था मामला 

परिवार ने यह याचिका महिला की ओर से दर्ज कराए गए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 498ए के तहत क्रूरता के मामले के खिलाफ डाली थी। 498ए निर्दिष्ट करता है कि यदि पति या पति के रिश्तेदार पत्नी के साथ क्रूरता करता है, तो उन्हें तीन साल तक के कारावास से दंडित किया जाएगा और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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धारा 498ए के अलावा, महिला ने पति पर आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (जानबूझकर अपमान करना) और 506 (आपराधिक धमकी) देने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया गया था। 

दहेज की मांग की बात 

महिला ने महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के भाग्यनगर थाने में अपने ससुराल पक्ष और पति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने आरोप लगाया था कि शादी के बाद एक महीने तक उसके साथ ठीक से व्यवहार (cruelty against women) किया गया। मगर, उसके बाद पति और ससुराल के लोगों ने उसके साथ नौकर की तरह व्यवहार (women rights after marriage) करना शुरू कर दिया।

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महिला ने यह भी आरोप लगाया था कि ससुराल वाले और पति ने चार पहिया वाहन खरीदने के लिए 4 लाख रुपए की मांग करने लगे थे। इतना पैसा देने में उनके पिता सक्षम नहीं थे। महिला ने दावा (domestic violence against women)  किया कि इसके बाद पति ने उसे पीटा और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया।