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ट्विन टावर की तर्ज पर NCR में यहां गिराए जाएंगे 5 टावर, 15000 परिवारों को को फ्लैट खाली करने के निर्देश जारी

NCR - हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक आपको बता दें कि नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर गिराने वाली एजेंसी अब गुरुग्राम के सेक्टर-109 के चिंटल्स पैराडाइसो सोसाइटी का दस दिन में निरीक्षण करने के लिए आएगी। जिला अतिरिक्त उपायुक्त हितेश कुमार मीणा के निर्देश के बाद चिंटल्स बिल्डर द्वारा एजेंसी से संपर्क किया गया है... इस जानकारी को विस्तार से जानने के लिए खबर के साथ अंत तक बने रहे। 
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ट्विन टावर की तर्ज पर NCR में यहां गिराए जाएंगे 5 टावर, 15000 परिवारों को को फ्लैट खाली करने के निर्देश जारी

HR Breaking News, Digital Desk- नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावर गिराने वाली एजेंसी अब गुरुग्राम के सेक्टर-109 के चिंटल्स पैराडाइसो सोसाइटी (Chintels Paradiso Society) का दस दिन में निरीक्षण करने के लिए आएगी। जिला अतिरिक्त उपायुक्त हितेश कुमार मीणा के निर्देश के बाद चिंटल्स बिल्डर द्वारा एजेंसी से संपर्क किया गया है। बिल्डर ने पांच टावर गिराने के लिए एजेंसी से उसका एक्शन प्लान मांगा है।

एजेंसी ने सरकारी अनुमति के बिना टावर गिराने से इनकार कर दिया था। एजेंसी के अधिकारियों ने बिल्डर से कहा कि बिना अनुमति के वह सोसाइटी में नहीं जा सकते हैं। बिल्डर दस दिन में सरकारी अनुमति ले लेता है तो उनकी टीम चिंटल्स सोसाइटी के टावरों का निरीक्षण करने के बाद तोड़ने की योजना बनाई जाएगी।

टावर गिराने की प्रक्रिया में छह माह लगेंगे -

 एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि चिंटल्स बिल्डर की ओर से टावर गिराने का प्रस्ताव आया है। सरकारी अनुमति के बाद बिना टीम सोसाइटी में नहीं जा सकती है। पांच टावरों को गिराने की प्रक्रिया में छह महीने का समय लगेगा। मौके की स्थिति, यहां पर रहने वाले लोगों की सुरक्षा, तोड़ने में कितना बरुद लगेगा।

फ्लैट मालिकों से समझौता करने में देरी-

चिंटल्स इंडिया लिमिटेड की ओर से पांच टावरों के 288 फ्लैट मालिकों को समझौता करने के लिए दो विकल्प दिए थे। इसमें फ्लैट की कीमत 6500 रुपये प्रति वर्ग फीट और भुगतान की गई वास्तविक स्टांप ड्यूटी और सरकार द्वारा नियुक्त मूल्यांकनकर्ताओं द्वारा निर्धारित इंटीरियर की लागत शामिल है, लेकिन आठ नवंबर के बाद बिल्डर ने पैसा वापस करने का विकल्प को बंद किया है। इसके लिए 99 फ्लैट मालिकों ने पैसा वापस लेने की सहमति दी है। बाकी 189 फ्लैट मालिक पुनर्निर्माण करने का विकल्प चुना है। इसके कारण बिल्डर की ओर से समझौती करने में देरी हो रही है।

सोसाइटी में पहले ये टावर हो चुके असुरक्षित-

दिल्ली आईआईटी की जांच रिपोर्ट में चिंटल सोसाइटी के टावर डी, ई, एफ, जी, एच टावर भी असुरक्षित घोषित हो चुका है। इसमें तीन टावर पूरी तरह से खाली है, जबकि टावर जी-एच में रहने वाले 15 परिवारों को आपदा प्रबंधन के तहत फ्लैट खाली करने के लिए नोटिस दिया है। इसके बाद भी लोगों ने फ्लैट खाली नहीं किया है। वह अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। लोगों का कहना है कि बिल्डर उनके अधिकारों का हनन कर रहा है। उस पर कार्रवाई होनी चाहिए।

निर्देश के बाद भी बैरिकेडिंग नहीं-

गुरुवार को जिला अतिरिक्त उपायुक्त हितेश कुमार मीणा ने चिंटल्स पैराडाइसो सोसाइटी के असुरक्षित घोषित किए गए पांच टावरों का निरीक्षण किया था। इसमें डी, ई, एफ, जी, एच टावरों का बिल्डर की ओर से बैरिकेडिंग नहीं की गई है। उन्होंने चिंटल बिल्डर को निर्देश दिया था कि बैंरिकेडिंग करके टावरों को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू करे। ये टावर यहां पर रहने वाले लोगों की सुरक्षित नहीं है। जिसके बाद बिल्डर ने शुक्रवार को ट्विन टावर गिराने वाली एजेंसी से संपर्क किया।

हादसे में दो महिलाओं की हो गई थी मौत-

गौरतलब है कि 10 फरवरी 2022 को सोसाइटी के डी टावर की छठवीं मंजिला की छत भरभरा कर पहली मंजिला पर गिर गई थी। इस हादसे में दो महिलाओं की मौत हो गई। हादसे की पुलिस रिपोर्ट दर्ज हुई। जिला प्रशासन द्वारा एसआईटी गठित कर जांच की गई। आईआईटी दिल्ली की टीम ने संरचनात्मक जांच की। इसके बाद इस टावर को पूरी तरह से असुरक्षित करार दिया था। इसके बाद ई, एफ, जी और एच टावर भी असुरक्षित घोषित कर दिए गए।