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Property Documents : प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन डॉक्यूमेंट की कर लें जांच, वरना काटने पड़ेंगे कोर्ट कचहरी के चक्कर

Property Buying Tips : आज के समय में बढ़ रही महंगाई की वजह से लोगों के लिए प्रॉपर्टी को खरीदना और भी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में लोग अपने पूरे जीवन की जमा पूंजी को इकठ्ठा करके प्रॉपर्टी खरीदते हैं। प्रॉपर्टी खरीदने के दौरान की गई एक छोटी सी भी आपके ऊपर काफी भारी पड़ सकती है। ऐसे में आपको प्रॉपर्टी के हक की जांच करने के साथ कुछ अन्य बातों का ध्यान भी देना चाहिए।
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Property Documents : प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन डॉक्यूमेंट की कर लें जांच, वरना काटने पड़ेंगे कोर्ट कचहरी के चक्कर

HR Breaking News - (Property rules in India)। अगर आप भी कोई प्रॉपर्टी खरीदने के लिए जा रहे हैं तो ये खबर आपके काफी काम की हो सकती है। प्रॉपर्टी खरीदने के दौरान (Property buying rules) आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान देना चाहिए ताकि आपको मुश्किलों का सामना न करना पड़े और आप काफी आसानी से और बिना किसी धोखाधड़ी के प्रॉपर्टी को खरीद पाएं। इन दस्तावेजों की जांच करने के आलावा आपको प्रॉपर्टी की खरीदी करते समय कुछ और जरूरी बातों का भी ध्यान देना चाहिए। खबर में जानिये इस बारे में पूरी डिटेल।


प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इन डॉक्यूमेंट की करें जांच-

1. टाइटल डीड-


आमतौर पर जब भी कोई व्यक्ति प्रॉपर्टी (Property purchasing) की खरीदी करता हैं तो इससे पहले उसे इस प्रॉपर्टी के टाइटल डीड के बारे में जांच कर लेनी चाहिए। जानकारी के लिए बता दें कि लें और इसके दस्तावेज देखें। अगर आप किसी वकील से इसको सर्टिफाइड (title deed) करा सकते हैं तो ये आपके लिए और भी ज्यादा सही होगा। मुख्य तौर पर टाइटल डीड (title deed kya h) में इस बात की इसकी मदद से इस बात का पता चलता है कि आप जो प्रॉपर्टी को खरीद रहे हैं वो किसी कानूनी पचड़े में तो नहीं फंसी तो नहीं है। उसके ट्रांसफर, डिवाइड आदि में कोई दिक्कत तो नहीं है। इस टाइटल डीड को देखने के बाद ही आपको प्रॉपर्टी की खरीदी करने के बारे में आपको आगे बढ़ना चाहिए।

2. लोन पेपर्स क्लियर हैं या नहीं-


प्रॉपर्टी खरीदने (Property Documents) से पहले आपको इस बात की जांच करनी चाहिए कि इस पेपर्स जांच लेने चाहिए कि आपकी प्रॉपर्टी पर किसी तरह का लोन तो नहीं चल रहा है इसकी वजह से मालिक के ऊपर इस प्रॉपर्टी की देनदारी के रूप में कुछ उधार तो नहीं है, इसकी जांच करना काफी ज्यादा जरूरी होता है और इसको जांचे बिना आपको प्रॉपर्टी (Loan Papers of property) को खरीदने के बारे में भुलकर भी इस बारे में सोचें।

3. लेआउट पेपर्स-


संपत्ति के लेआउट पेपर्स (Layout Papers) को लेकर आपको सावधानी को बरतना चाहिए और इसका नक्शा, खुले इलाके का नक्शा पास है या नहीं, इसकी सारी जानकारी ले लेनी चाहिए। इसके बाद में किसी तरह का प्रॉपर्टी डिस्पयुट (property dispute) ना हो, इसके लिए आपको पहले ही आश्वस्त हो जाना चाहिए।

4. NOC या अनापत्ति प्रमाणपत्र


किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले आपको इसका अनापत्ति प्रमाणपत्र या नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (no objection certificate) को बना लेना काफी ज्यादा जरूरी है। अगर आप फ्लैट ले रहे हैं तो आपके लिए उसकी सोसायटी और टावर के NOC की जानकारी होना भी काफी ज्यादा जरूरी हो जाता है।

5. कमेंसमेंट सर्टिफिकेट


इसे कंस्ट्रक्शन क्लियरेंस सर्टिफिकेट (Commencement Certificate) के रूप में इसे जाना जाता है। इसकी वजह से फ्लैट या निर्माणाधीन संपत्ति को खरीदने से पहले ले लें वर्ना आपको बाद में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यहां पर आप इस बात को जान सकते हैं कि प्रॉपर्टी खरीदने-बेचने (property selling-Buying rules) से जुड़े जानकारों का इस बारे में क्या कहना है।


इन बातों का रखें ध्यान-

1. संपत्ति के मालिकाना हक की जांच करना है जरूरी-


आपको प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले, संपत्ति के स्वामित्व (property ownership check) के बारे में जानकारी हासिल कर लेनी चाहिए। टाइटल डीड सबसे ज्यादा जरूरी दस्तावेजों में से एक है जिसे घर या कुछ और खरीदने से पहले सत्यापित करा देना चाहिए। इसके अलावा वास्तविक स्वामित्व को इंगित करने में भी आपको मदद मिल सकती है। यह मालिक के अधिकारों और दायित्वों और एक बंधक के अधिकारों (property ownership rights) को भी जानकारी भी देनी होती है।

अगर मालिक द्वारा यह सत्यापित करने के लिए काफी ज्यादा जरूरी है कि सवामित्व हस्तांतरण, विभाजन, रूपांतरण, उत्परिवर्तन आदि के संबंध में किसी तरह की परेशानी न हो। यह सत्यापित करना भी काफी ज्यादा जरूरी होता है कि जिस भूमि पर संपत्ति को बनाया जा रहा है वह कानूनी रूप (property ownership rules) से खरीदी गई है या फिर नहीं। एक वकील की मदद से आप मालिकाना दस्तावेज की समीक्षा करने की भी सलाह ले सकते हैं।

2. कर्ज भार प्रमाणपत्र का सत्यापन-


संपत्ति एक मूर्त संपत्ति है, और वर्षों से यह किसी स्थानीय नगर निगम (local municipal corporation) द्वारा कुछ करों का भुगतान करती है। इस वजह से आपको इस बात की भी जांच करनी चाहिए कि उसके पास कोई बकाया नहीं है। इसकी वजह से खरीदार को ऋणभार प्रमाण पत्र (encumbrance certificate) की भी सही तरीके से जांच कर लेनी चाहिए। एक भार प्रमाणपत्र में इस बात का जिक्र किया जाता है कि आपकी संपत्ति पर कोई मौद्रिक और कानूनी देनदारी तो बकाया नहीं हैं। इसे उप-पंजीयक के कार्यालय से प्राप्त किये जा सकते हैं जहां संपत्ति पंजीकृत की गई है।

3. प्रारंभ प्रमाण पत्र-


प्रारंभ प्रमाण पत्र को कंस्ट्रक्शन क्लीयरेंस सर्टिफिकेट (construction clearance certificate) के रूप में भी जाना जाता है। प्रॉपर्टी खरीदने के दौरान इस दस्तावेज की जांच करना काफी ज्यादा जरूरी है। जब आप किसी डेवलपर से निर्माणाधीन संपत्ति की खरीदी करते हैं तो ये एक बिल्डर का फ्लैट, जमीन (Commencement Certificate kya h) या घर हो सकता है। इसमें बताया गया है कि स्थानीय अधिकारियों से जरूरी मंजूरी के मिल जाने के बाद और लाइसेंस की अनुमति मिलने के बाद ही आपको जमीन पर निर्माण के कार्य को शुरू कराना चाहिए।

4. लेआउट या भवन योजना-


लेआउट योजनाओं को उपयुक्त योजना अधिकारियों द्वारा ही अनुमोदित किया जाता है। घर खरीदारों (Tips for Home buyers) को सावधानी बरतने की जरूरत होती है क्योंकि ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां डेवलपर्स अतिरिक्त मंजिलों को जोड़कर या फिर खुले क्षेत्रों को कम करके अनुमोदित लेआउट (Layout or building plan) को भी अलग से हटा दिया जाता है। ये काफी महत्वपूर्ण पहलू है, इसकी वजह से संपत्ति खरीदी को भी अंतिम रूप दिया जा सकता है।

5. कब्जा (ऑक्‍यूपेंसी) या ओसी प्रमाणपत्र-


आपको इस बात का भी प्रमाण पत्र देखना चाहिए कि प्रॉपर्टी (property rights) स्थानीय अधिकारियों द्वारा परियोजना के निर्माण के पूरा होने के बाद ही जारी किया जाती है। इन दस्तावेजों की मदद से ये जानकारी मिलती है कि संपत्ति का निर्माण प्रदान (provide property construction) की गई अनुमतियों के अनुपालन में किया गया है। इस वजह से इस स्तर पर डेवलपर ने सभी आवश्यक पानी, सीवेज और बिजली के कनेक्शन पूरे कर लिए होंगे। ओसी प्रमाणपत्र (OC Certificate) यह सुनिश्चित करता है कि इमारत व्यवसाय के उद्देश्यों के लिए उपयुक्त है या नहीं।