CIBIL Score : अब लोन मिलना होगा आसान, RBI ने सिबिल स्कोर को लेकर बनाए 6 नियम
Credit Score News : लोन मिलना या ना मिलना ये पूरी तरह से आपके सिबिल सकोर पर ही निर्भर करता है। अगर आप भी हाल फिलहाल में लोन लेने के बारे में सोच रहे हैं तो खबर आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। दरअसल, आपको बता दें कि आरबीआई ने सिबिल स्कोर (CIBIL Score News Updates) से जुड़े कुछ अहम नियम बनाए है, जिससे ग्राहकों को तगड़ा फायदा होगा और इन नियमों से लोनधारकों को लोन लेने में मुश्किलें भी नहीं आएंगी।

HR Breaking News - (Credit Score)। सिबिल स्कोर लोन लेने के लिए बेहद मायने रखता है। लोनधारक तो लोन के महत्व को अच्छी तरह से समझते हैं। अब हाल ही में ग्राहकों की लोन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए आरबीआई ने एक मास्टर निर्देश भी जारी किया है। आरबीआई (Reserve bank of india) की ओर से जारी किए गए ये 6 नियम ग्राहकों के लिए फायदेमंद होने वाले हैं। आइए खबर के माध्यम से जानते हैं कि आरबीआई के द्वारा जारी इन नियमों से आपको कैसे फायदा होगा।
1- अब इतने दिन में अपडेट होगा सिबिल स्कोर-
आरबीआई के द्वारा जारी इन नियमों के अनुसार अब व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर (cibil score kya hai ) 30 दिनों की जगह हर हर 15 दिन में अपडेट होगा। हालांकि ये नियम 1 जनवरी 2025 लागू हो चुके हैं। आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिए है कि बैंक और फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस अब क्रेडिट स्कोर (New rules of CIBIL score) को जल्द से जल्द अपडेट करें। इकसे साथ ही क्रेडिट इंस्टीट्यूशंस (Credit Institutions) को हर महीने ग्राहक की क्रेडिट इंफॉर्मेशन CIC को देना अनिवार्य होता है।
2- इस वजह से बनाए आरबीआई ने ये नियम-
आरबीआई की ओर से सभी क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों (credit information companies) को कहा गया है जब भी कोई बैंक या एनबीएफसी ग्राहकों की क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है तो चेक की जानकारी ग्राहकों के पास भेजा जाना जरूरी है। नियमों के अनुसार बैंक चाहे ग्राहकों को यह जानकारी भेजने के लिए एसएमएस या ईमेल का यूज कर सकते है। ग्राहकों की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए आरबीआई (RbI rules of CIBIL score) ने यह फैसला लिया है।
3- ग्राहकों को रिक्वेस्ट को रिजेक्शन की वजह बताना जरूरी
ग्राहकों के हितों को देखते हुए आरबीआई (Reserve bank of india) का कहना है कि अगर बैंको द्वारा ग्राहक की किसी रिक्वेस्ट को रिजेक्ट किया जाता है तो उसके लिए बैंकों को उन्हें इसकी वजह बतानी चाहिए, ताकि ग्राहकों को यह पता चल सकें कि उनकी रिक्वेस्ट को किस वजह से रिजेक्ट किया गया है और समय रहते वो उसमे सुधार कर सकें। आरबीआई के इन नियमों के मुताबिक रिक्वेस्ट को क्यों रिजेक्ट किया गया है, उसकी एक लिस्ट बनाकर सभी क्रेडिट इन्स्टीट्यूशन (Credit Institution kon hoteb hai) को भेजना जरूरी है।
4- इतने समय में दें ग्राहकों को फ्री फुल क्रेडिट रिपोर्ट
आरबीआई की ओर से ये नए नियम 1 जनवरी 2025 से लागू किए जा चुके हैं। आरबीआई के नियमों के अनुसार ग्राहकों को क्रेडिट कंपनियों को साल में एक बार फ्री फुल क्रेडिट स्कोर (Free Full Credit Score) उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि ग्राहकों को अपनी क्रेडिट हिस्ट्री का ठीक से मालूम हो सके। ऐसा करने के लिए क्रेडिट कंपनी को अपनी वेबसाइट पर एक लिंक डिस्प्ले करना होगा। इसका फायदा यह होगा कि इससे साल में एक बार ग्राहकों को अपना सिबिल स्कोर (Cibil Score news) और पूरी क्रेडिट हिस्ट्री का ज्ञान हो सकेगा।
5- बैंकों को रखना चाहिए नोडल अफसर
आरबीआई (RBI Guidelines on credit Score) के इन नए नियमों के अनुसार कोई भी बैंक ग्राहक को डिफॉल्ट घोषित करने वाला है तो इसके लिए उन्हें डिफॉल्ट को रिपोर्ट करने से पहले ग्राहक को बताना अनिवार्य है। इसके लिए लोन देने वाली संस्थाओं को ग्राहकों को SMS/ई-मेल के जरिए ग्राहकों को जानकारी शेयर करनी चाहिए। इसके साथ ही बैंक या लोन बांटने वाली संस्थाएं को नोडल अफसर (Nodal Officer kon hai) रखना चाहिए। नोडल अफसर ग्राहकों की क्रेडिट स्कोर से जुड़ी मुश्किलों को सुलझाने का काम करेंगे।
6- इतने दिन में करना होगा ग्राहकों की शिकायत का निपटान-
इसके साथ ही आरबीआई के नियमों के अनुसार ग्राहकों को फायदा शिकायत के निपटारे को लेकर होगा। अगर ग्राहकों को कोई परेशानी है तो वो क्रेडिट इन्फॉर्मेशन (Credit Information) कंपनी में शिकायत कर सकता है और अगर ये कंपनियां 30 दिन के भीतर ग्राहकों की शिकायतों काा निपटारा नहीं करती है। तो ऐसे में उन्हें रोजाना 100 रुपये के जुर्माने का भुगतान करना होगा। जितनी देरी उतना ही जुर्माना।
बता दें कि नियमों के अनुसार लोन बांटने वाली संस्था ग्राहकों की समस्याओं को सुलझाने के लिए बैंकों को तो 21 दिन और क्रेडिट ब्यूरो (credit bureau penalty) को 9 दिन का वक्त मिलेगा। अगर 21 दिन में बैंक क्रेडिट ब्यूरो को जानकारी नहीं देते हैं तो ऐसे में बैंक हर्जाना देगा। वहीं, इसके विपरित अगर बैंक की सूचना के 9 दिन बाद भी ग्राहकों की शिकायत का निपटान नहीं होता है तो इसके लिए क्रेडिट ब्यूरो को हर रोज का 100 रुपये का भुगतान करना होगा।