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Fixed Deposit Rules : FD तुड़वाने में कितना नुकसान, निवेश करने वाले जरूर जान लें बैंकों के नियम

FD Break Penalty Rules : अधिकतर लोग पैसों की बचत करके इसे एफडी में निवेश करते हैं, ताकि इस पर ब्याज लेकर अधिक मुनाफा लिया जा सके। कई बार फाइनेंशियल इमरजेंसी होने पर एफडी को ब्रेक (penalty on FD breaking) करना पड़ जाता है। ऐसे में ग्राहक को फायदे की जगह नुकसान होता है। अगर आपके साथ भी ऐसी ही स्थिति बन रही है तो एफडी तुड़वाने से पहले बैंकों के इन नियमों को जरूर जान लें।

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Fixed Deposit Rules : FD तुड़वाने में कितना नुकसान, निवेश करने वाले जरूर जान लें बैंकों के नियम

HR Breaking News - (FD new rules) एफडी कराने का मकसद ही भविष्य में अधिक पैसे जुटाना है ताकि आर्थिक सुरक्षा बनी रहे। कई बार ऐसी स्थिति भी बन जाती है कि प्रोफिट के लिए जमा की गई इस राशि को ही निकलवाना पड़ जाता है। जब भी एफडी (fixed deposit maturity rules) तुड़वानी पड़ जाती है तो बैंक इस पर पेनेल्टी लगा देते हैं और ग्राहक को इस सिचुएशन में फायदे की जगह नुकसान ही होता है। एफडी (FD Investment) कराने वालों को बैंकों के एफडी ब्रेक (return on FD breaking) को लेकर तय किए गए नियमों का जरूर पता होना चाहिए।


पेनेल्टी लगाने का बैंकों का नियम-


आमतौर पर एफडी तुड़वाने पर बैंक एफडी पर तय की गई ब्याज राशि में से कटौती करके पेनेल्टी लगाते हैं। यह कटौती 0.50 से लेकर 1 प्रतिशत तक भी हो सकती है। हालांकि एफडी (FD tudwane ke nuksan) तुड़वाने पर बैंकों के अलग अलग नियम हो सकते हैं। कई बैंक एफडी (bank FD rules) राशि व अवधि को देखकर पेनेल्टी तय करते हैं तो कई यह भी देखते हैं कि कितनी अवधि वाली एफडी (FD interest rates) को कितने समय बाद ब्रेक किया जा रहा है। इस पर पेनेल्टी राशि को कम ज्यादा किया जा सकता है।


एसबीआई वसूलता है इतनी पेनेल्टी -


अगर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State bank of india) के नियम को देखें तो यह बैंक 5 लाख रुपए तक की FD मैच्‍योरिटी से पहले ब्रेक करने पर तय किए गए ब्याज से 0.50 प्रतिशत की कटौती करते हुए पेनल्टी (FD Penalty Rules) वसूलता है। 5 लाख से ज्यादा और एक करोड़ से कम की FD है तो इसे तुड़वाते समय 1 प्रतिशत पेनाल्टी (FD break penalty) ग्राहक को चुकानी होगी। 

नुकसान से बचाव के लिए करें ये उपाय -


किसी कारणवश कभी मैच्योरिटी से पहले एफडी (FD ke niyam) तुड़वाने की स्थिति बन भी जाती है तो भी आपके पास बचाव का रास्ता रहता है। पहला उपाय तो यह है कि आप कम अवधि की एफडी करवाएं। इसके अलावा अगर आपको एफडी (FD kab tudwaye) कराते समय पता हो कि आगे कब आपको किसी कार्य के लिए पैसों की जरूरत होगी, तो उस जरूरत अनुसार एफडी की अवधि चुन सकते हैं। आप एफडी तुड़वाने (FD breaking Rules) के बजाय इस पर लोन (loan on bank FD) भी ले सकते हैं।

इस ट्रिक पर भी कर सकते हैं विचार -


छोटी राशि की कई एफडी (Penalty on FD breaking) कराना कई बार फायदेमंद रहता है। खासकर तब जब आपको बार बार अधिक पैसों की जरूरत पड़ती हो। ऐसे में एक ही एफडी में पैसे निवेश (FD investment rules) करने के बजाय कई एफडी करा सकते हैं। इसके लिए 5 लाख रुपए 1-1 लाख रुपयों में बांटकर 5 छोटी अवधि वाली या अलग अलग अवधि वाली एफडी (FD news) करवा सकते हैं। ऐसे में आपको पैसों की जरूरत में सभी एफडी तुड़वाने की शायद ही जरूरत पड़े।

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