सोना बन गया 7 रुपये का शेयर, जिसने लगाए 10 हजार, आज खरीद सकता है दर्जनों मर्सिडीज और कई लग्जरी बंगले
शेयर बाजार में निवेश करने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सात रुपये का शेयर निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दे रहा है। 10 हजार रुपये के शेयर खरीदने वाला आज दर्जनों मर्सिडीज और कई लग्जरी बंगले खरीद सकता है।

HR Breaking News (नई दिल्ली)। शेयर बाजार में पैसे लगाने वाले हर निवेशक को बड़े रिटर्न की उम्मीद रहती है. अगर एक निवेशक के तौर पर आपसे पूछा जाए कि अपने निवेश पर कितने रिटर्न की आस रखते हैं तो आप 100, 200 या 500 गुना तक ज्यादा से ज्यादा रिटर्न का अनुमान लगाएंगे. लेकिन, ऐसा भी स्टॉक रहा जिसने सपनों से भी परे रिटर्न दिया है. इस बैंक में 10 हजार रुपये का शेयर खरीदने वाले निवेशक को आज इतने पैसे मिलेंगे कि वह दर्जनों मर्सिडीज कारें और कई लग्जरी बंगले खरीद सकते हैं।
अगर आपसे कहें कि इस बैंक में 138 साल पहले निवेश करने वाले को 3000 गुना रिटर्न मिला है तो शायद ही किसी को यकीन होगा. हम बात कर रहे हैं देश के 4 सबसे बड़े निजी बैंक कोटक महिंद्रा की. इस बैंके सीईओ और एमडी उदय कोटक ने 2 सितंबर को कंपनी का यह पद छोड़ दिया है. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारे बैंक में साल 1985 में 10 हजार रुपये लगाने वाले निवेशक के स्टॉक की कीमत आज 300 करोड़ रुपये पहुंच चुकी है. इस बैंक ने अभी तक प्रत्यक्ष तौर पर 1 लाख लोगों को रोजगार भी दिया है।
मुंबई के फोर्ट इलाके में साल 1985 में महज 300 वर्गफीट में 3 कर्मचारियों के साथ इस बैंक की शुरुआत हुई थी. बैंक की ग्रोथ हिस्ट्री इतनी जबरदस्त रही है कि बीते 28 साल में इसका सालाना औसत रिटर्न करीब 28 फीसदी रहा है. बैंक के पास अभी एसेट अंडर मैनेजेमेंट के तहत कुल करीब 4.5 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है. इस बैंक की शुरुआत दोस्तों से 30 लाख रुपये का लोन लेकर की गई थी।
7 रुपये से चलकर 1,700 के ऊपर
कोटक महिंद्रा बैंक ने अपने शेयरों को जब बाजार में लिस्ट कराया था, तो इसकी शुरुआती कीमत 6.88 रुपये प्रति शेयर थी, जबकि 4 सितंबर 2023 को बैंक के शेयरों की कीमत 1,762.20 रुपये प्रति स्टॉक पर बंद हुई थी. इससे पहले 25 अक्टूबर, 2022 को कोटक बैंक का शेयर 1905 रुपये के भाव पहुंच चुका था।
20 साल पहले मिला बैंकिंग लाइसेंस
कोटक महिंद्रा बैंक ने पहले एक गैर बैंकिंग फाइनेंस कंपनी के तौर पर काम किया और साल 2003 में रिजर्व बैंक ने उसे बैंकिंग लाइसेंस दिया. यह देश की पहली एनबीएफसी थी, जिसे आरबीआई से बैंक का दर्जा मिला था. फिर इसका नाम बदलकर कोटक महिंद्रा फाइनेंस से कोटक महिंद्रा बैंक कर दिया गया. बैंक बनने के बाद कोटक महिंद्रा ने हर साल अपनी संपत्ति में करीब 125 फीसदी का इजाफा किया है।