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Home Loan लेते समय ये चीज रखें ध्यान, लगते है इतने तरह के हिडन चार्ज

Home Loan Charges : अगर आप भी होम लोन लेने का प्लान बना रहे है तो आप एकदम सही जगह पर है। दरअसल आज हम आपको अपनी इस खबर में होम लोन से जुड़ी कुछ जरूरी बाते बताने जा रहे है। जिसकी वजह से आप होम लोन पर लगने वाले  हिडन चार्ज से बच सकते है। आइए जाने नीचे खबर में विस्तार से। 
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HR Breaking News, Digital Desk- घर खरीदने का सपना हर किसी का होता है। हर कोई चाहता है कि उसका खुद का घर हो। वहीं खुद के घर के लिए लोग कई बार पैसा न होने पर होम लोन भी लेते हैं। होम लोन के जरिए लोग घर खरीदने का सपना (dream of buying a house) पूरा कर सकते हैं।
हालांकि होम लोन लेते वक्त ब्याज दर के अलावा भी कई अन्य खर्चों का ध्यान रखना चाहिए। भले ही होम लोन की ब्याज दर कम हो लेकिन अगर हिडेन चार्जेस पर ध्यान नहीं देंगे तो खर्चे बढ़ सकते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि होम लोन लेते वक्त किन-किन खर्चों का ध्यान रखना चाहिए।


Login Fee-


इसे अक्सर प्रशासनिक शुल्क या आवेदन शुल्क के रूप में जाना जाता है। आपका लोन स्वीकृत होने से पहले ही जब आप लोन के लिए आवेदन करते हैं तो कुछ बैंक ये शुल्क लेते हैं। यह लागत अक्सर 2,500 रुपये से 6,500 रुपये के बीच आती है। जब आपका लोन स्वीकार किया जाता है, तो यह राशि आपके प्रोसेसिंग चार्ज से घटा दी जाती है। यदि लोन स्वीकार नहीं किया जाता है तो लॉगिन शुल्क रिफंडेबल नहीं होता है।


Prepayment Charge-


प्रीक्लोजर चार्ज और फोरक्लोजर चार्ज के नाम से भी इसे जाना जाता है। अगर आप अवधि समाप्त होने से पहले अपने होम लोन का पूरा भुगतान करते हैं तो यह शुल्क देय है। यह बकाया राशि के 2 फीसदी से लेकर 6 फीसदी तक होता है।


Conversion Charges-


यह तब लागू होती है जब आप Fixed Rate पैकेज को Floating Rate पैकेज में बदलते हैं या Floating Rate पैकेज को Fixed Rate पैकेज में बदलते हैं। यह आम तौर पर लोन की मूल राशि का 0.25 से 3 प्रतिशत तक होता है।


Recoveries Charges-


जब उधारकर्ता EMI का भुगतान करने में विफल रहता है तो उसका खाता डिफॉल्ट हो जाता है और बैंक उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए मजबूर हो जाता है और तभी इस शुल्क को ध्यान में रखा जाता है। इस प्रक्रिया में उपयोग किए गए पैसे के लिए ग्राहक से शुल्क लिया जाता है।


Legal Fee-


बैंक इन मांगों को संभालने के लिए कानूनी पेशेवरों को नियुक्त करते हैं, चाहे वह अचल संपत्ति का मूल्यांकन हो या दस्तावेज सत्यापन प्रक्रिया। वे बदले में अपनी मेहनत के लिए पेमेंट हासिल करते हैं। बैंक इस वजह से होम लोन के लिए लीगल फीस भी वसूलते हैं।