New Rules : प्राइवेट बैंक में काम करने वालों के लिए जरूरी अपडेट, नियमों में हुए बड़े बदलाव

HR Breaking News (ब्यूरो) : प्राइवेट सेक्टर के भारत के सबसे बड़े बैंक, एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने अपने कर्मचारियों के लिए एक बड़ा नियम बदल दिया है. बैंक ने अपने कर्मचारियों के लिए नोटिस पीरियड (Notice period for employees) में बदलाव कर दिया है.
एक रिपोर्ट के अनुसार, पहले जहां कर्मचारियों को रिजाइन देने के बाद 90 दिन का नोटिस पीरियड सर्व करना पड़ता था, वहीं अब उन्हें सिर्फ 30 दिन ही काम करना पड़ेगा. बैंक को उम्मीद है कि इस बदलाव से फ्लेक्सिबिलिटी में सुधार होगा. 2020 में आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की ओर से नोटिस पीरियड (Notice Period) को 90 दिन से घटाकर 30 दिन करने के बाद यह बदलाव करने वाला प्राइवेट सेक्टर का दूसरा बैंक (Second private sector bank) है.
30 दिनों से भी कम समय में भी मिल सकती है राहत
एफई रिपोर्ट में एचडीएफसी बैंक के एक सीनियर अधिकारी (senior officer of HDFC Bank) के हवाले से कहा गया है कि पॉलिसी में इस बदलाव का उद्देश्य कर्मचारियों के लिए ज्यादा लचीलापन प्रदान करना है. सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि एचडीएफसी बैंक के कर्मचारियों को 6 मई को ईमेल की ओर से एचआर नीति (HR Policy) में बदलाव की जानकारी दी गई थी. लेटेस्ट बदलावों के अनुसार, Probation के तहत कर्मचारियों के लिए 30 दिन की नोटिस अवधि का नियम है. हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार, कर्मचारियों को 30 दिनों से भी कम समय में राहत मिल सकती है, अगर उनके अनुरोध को उनके रिपोर्टिंग मैनेजर की ओर से अनुमति मिल जाती है तो.
इन बैंकों का नोटिस पीरियड 90 दिन
मालूम हो कि मौजूदा समय में कोटक महिंद्रा बैंक की नोटिस अवधि 90 दिनों की है. भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB) और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे सरकारी सेक्टर के बैंकों की नोटिस अवधि भी 90 दिन ही है.
उल्लेखनीय है कि कारोबारी साल 2024 की तीसरी तिमाही में एचडीएफसी बैंक में कर्मचारियों की कुल संख्या 2 लाख का आंकड़ा पार कर 2.08,066 तक पहुंच गई है. FY24 की चौथी तिमाही में एचडीएफसी बैंक ने अपने स्टैंडअलोन नेट प्रॉफिट में 37.05 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 16,511.85 करोड़ रुपए की वृद्धि दर्ज की. बीएसई फाइलिंग के अनुसार, 31 मार्च 2024 को समाप्त तिमाही के दौरान इसकी शुद्ध ब्याज आय 24.51 फीसदी बढ़कर 29,076.82 करोड़ रुपए हो गई, जो एक साल पहले 23,351.83 करोड़ रुपए थी.