UP सरकार से इस कंपनी को मिला 67 लाख स्मार्ट मीटरों का ऑर्डर, जानिये कहां लगेंगे

HR Breaking News (नई दिल्ली)। नेशनल इंवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (NIIF) और एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) के ज्वाइंट वेंचर इंटेलीस्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (IntelliSmart Infrastructure Private Limited) को बड़ा काम मिला है। कंपनी को यह काम पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) से मिला है। पीवीवीएनएल के क्षेत्र में इंटेलीस्मार्ट को बिजली के 67 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की जिम्मेदारी मिली है। बताया जाता है कि इसके लिए कागजी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
दो करोड़ स्मार्ट मीटर का हो गया आर्डर बुक-
पीवीवीएनएल के नए आर्डर के साथ ही आरडीएसएस प्रोजेक्ट के तहत इसके पास करीब दो करोड़ घरों में बिजली के प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की जिम्मेदारी हो गई है। उत्तर प्रदेश में इंटेलीस्मार्ट को आरडीएसएस के तहत वॉल्यूम के हिसाब से देश की सबसे बड़ी स्मार्ट मीटरिंग परियोजना का यह टेंडर मिला है। इस कंपनी का पोर्टफोलियो आकार करीब 20,000 करोड़ रुपये का है।
कई राज्यों में जीते हैं टेंडर-
इंटेलीस्मार्ट को मध्य गुजरात बिजली कंपनी लिमिटेड और दक्षिण गुजरात बिजली कंपनी लिमिटेड से भी कुल 51 लाख स्मार्ट मीटर का आर्डर मिला है। इसके अलावा कंपनी को असम में भी 15 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का काम मिला है। असम देश का पहला राज्य है जिसने प्रतिस्पर्धात्मक बोल के जरिये यह काम सौंपा है। बिहार में भी कंपनी को साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (SBPDCL) से 36 लाख स्मार्ट मीटर के इंस्टालेशन का आर्डर मिला है।
सरकार के डिजिटाइजेशन प्रोग्राम को मिलेगा बढ़ावा-
इंटेलीस्मार्ट के एमडी और सीईओ अनिल रावल का कहना है "जब से बिजली वितरण क्षेत्र के लिए एक महत्वाकांक्षी और डिजिटलीकरण कार्यक्रम के रूप में स्मार्ट मीटरिंग की कल्पना की गई थी, तब से इंटेलीस्मार्ट सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ काम करते हुए आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहा है। इस प्रणालीगत दक्षता कार्यक्रम को शुरू करने के लिए एक व्यवहार्य और उपयोगी मॉडल बनाने के लिए इस अभूतपूर्व सफलता की कहानी का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला है। यह दुनिया भर में सबसे अग्रणी बिजली क्षेत्र के डिजिटलीकरण कार्यक्रमों में से एक है। यह न केवल वितरण कंपनियों के वित्तीय और परिचालन क्षेत्र में सुधार करने में मदद करेगा बल्कि ग्रीड में बड़े पैमाने पर नवीकरणीय ऊर्जा और ई-मोबिलिटी की सफलता के लिए भी महत्वपूर्ण होगा।"