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Success Story : महज 5000 से शुरू किया बिजनेस, आज हैं 17 हजार करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक

Success Story Of Ramachandran : अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए पैसों की जरूरत तो पड़ती ही है. ऐसे में लोग उधार पैसे लेकर अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के बारे में सोचते हैं। लेकिन कई लोगों को कर्ज लेकर बिजनेस करना पसंद नहीं होता है. लेकिन जो लोग जुनूनी होते हैं वे व्यवसाय को नई ऊंचाइयों पर ले जाते हैं। ऐसी ही एक कहानी (success story) है एमपी रामचंद्रन (MP Ramachandran) की। जानिए इनकी सफलता की पूरी कहानी....
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Success Story : महज 5000 से शुरू किया बिजनेस, आज हैं 17 हजार करोड़ रुपये की कंपनी के मालिक

HR Breaking News (नई दिल्ली)। Success Story Of Ramachandran : ‘नई रोशनी आई है, चार बूंदों के साथ...' आपके कपड़ों में चमक लाने के लिए उजाला नील का यह विज्ञापन 90 के दशक में लोगों की जुबान पर था। आपको बता दें कि उजाला नील के निर्माण की कहानी भी काफी प्रेरणादायक है। इस नील को बनाने वाली कंपनी के मालिक एमपी रामचंद्रन का सफर (MP Ramachandran's journey) काफी संघर्षभरा रहा है। उन्होंने कंपनी की शुरुआत 5000 रुपये उधार लेकर की थी। आज इस कंपनी की वैल्यू करीब 17 हजार करोड़ रुपये है।

ऐसे की शुरूआत:


सफलता की कोई भी यात्रा आसान नहीं होती. इसी तरह, रामचन्द्रन का सफर भी आसान नहीं था। पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद रामचंद्रन ने अकाउंटेंट के रूप में काम करना शुरू कर दिया। इससे उनकी बिजनेस में रुचि बढ़ी और उन्होंने बिजनेस करने का फैसला किया। इसके बाद उसने अपने भाई से 5000 रुपये उधार लिए, उन्होंने इस पैसे से ज्योति लेबोरेटरीज नाम से कंपनी बनाई और उजाला ब्रांड नाम से नील (neel from Ujala brand name) मार्केट में उतारा।


ऐसे बना दिया उजाला:

बिजनेस तब शुरू हुआ जब रामचंद्रन कपड़ों के लिए व्हाइटनर बनाना चाहते थे। इसके लिए वह किचन में एक्सपेरिमेंट करते रहते थे। एक दिन उनकी नजर एक मैगजीन पर पड़ी. इसमें लिखा था कि बैंगनी रंग का इस्तेमाल करके कपड़ों को सफेद और चमकीला बनाया जा सकता है। इसके बाद उन्होंने इस पर कुछ प्रयोग किये. रामचंद्रन एक साल तक बैंगनी रंगों के साथ प्रयोग करते रहे। इसके बाद वह उजाला नील (ujala neel success story) बनाने में कामयाब रहे।


बेटी के नाम पर है कंपनी:

आपको बता दें कि रामचंद्रन (MP Ramachandran success story) ने अपने भाई से जो रकम उधार ली थी, उससे उन्होंने 1983 में केरल के त्रिशूर में पारिवारिक जमीन के एक छोटे-से भाग पर अस्थायी फैक्ट्री खोली। उन्होंने अपनी बेटी ज्योति के नाम पर कंपनी का नाम ज्योति लेबोरेटरीज रखा। इस प्रोडेक्ट को शुरू में 6 महिलाओं के एक ग्रुप ने घर-घर जाकर बेचा था। बाद में उनका उजाला ब्रांड देश के लगभग हर घर में पहुंच गया था। 


इस नील का इस्तेमाल सफेद कपड़ों (use of neel in white clothes) को चमकाने में किया जाता है। ज्योति लेबोरेटरीज के दो अहम प्रोडेक्ट उजाला लिक्विड क्लॉथ व्हाइटनर और मैक्सो मॉस्किटो रिपेलेंट्स देश में काफी फेमस हुए हैं।