property knowledge : प्रोपर्टी की वसीयत बनाना क्यों है जरूरी, जानिये इसे लिखने का सही तरीका
Property Will : प्रोपर्टी की वसीयत या प्रोपर्टी विल एक ऐसा कानूनी दस्तावेज है जो आपको अपनी विरासत सही हाथों में छोड़ कर जाने की सहूलियत प्रदान करता है। हालांकि कई लोगों के वसीयत को लेकर अलग-अलग विचार हैं, लेकिन आपको बता दें कि वसीयत (how to make a will) बनाना बेहद जरूरी है। विल या वसीयत डॉक्यूमेंट यह निर्धारित करता है कि आपकी मौत के बाद आपकी प्रोपर्टी किसको मिलनी चाहिए। आइए जानते हैं वसीयत लिखने के सही तरीके के बारे में।

HR Breaking News : (Will news) कई लोगों का मानना है कि वसीयत लिखना झंझट भरा काम है, लेकिन फिर भी वसीयत बनाना आज के समय में बहुत जरूरी है। वसीयत (Property Will) के जरिए व्यक्ति अपनी मौत के बाद किसी एक को भी अपनी संपत्ति दे सकता है और एक से अधिक लोगों को भी अपनी संपत्ति दे सकता है। इससे भविष्य के संपत्ति विवादों से भी छुटकारा मिल सकता है। आज भी कई ऐसे लोग हैं तो अपनी वसीयत बनाकर रख लेते हैं। हालांकि इसके लिए कुछ नियम (Format of will) हैं। अगर आप भी वसीयत लिखने जा रहे हैं तो जान लिजिए इसे लिखने (property Will likhne ka tarika) का सही तरीका।
वसीयत बनाना क्यों है जरूरी-
वसीयत (WHy Will is important) बनानी ही पड़ेगी, ये जरूरी नहीं है, लेकिन संपत्ति के मालिक के मौत के बाद फैमिली में विवादों को दूर करने के लिए वसीयत का होना जरूरी है। जब आप 18 साल की उम्र पार कर लेते हैं तो आप वसीयत बनवा सकते हैं। जिसके पास जीवन बीमा पॉलिसी (Life Insurance Policy) है और जो मानसिक रूप से स्वस्थ है वह अपनी वसीयत बना सकता है। वसीयत (Property Rights) के जरिए व्यक्ति अपनी इच्छानुसार संपत्ति का सही विभाजन कर लेता है। इसलिए वसीयत बनाना बेहद जरूरी है।
किस उम्र में मिलता है उत्तराधिकारी को अधिकार-
खासतौर पर अगर आपके बच्चे नाबालिग हैं तो आपको अपने जीते जी वसीयत (Will kaise bnaye) बनवा लेनी चाहिए, क्योंकि मौत कभी भी किसी को बता कर नहीं आती है। ऐसे में आपकी फैमिली और आपके बच्चों को कोई परेशानी न हो इसके लिए आपको वसीयत (Property Disputes) बनवा लेनी चाहिए। बच्चे के बालिग होने से पहले ही अगर पेरेंट्स की मृत्यु हो जाए तो ऐसे में वसीयत के जरिए बच्चे को किसी भी तरह की कोई वित्त या प्रोपर्टी संबंधी समस्या नहीं होती है। हालांकि वसीयत के नियमों (rules of will) के अनुसार बच्चे के 18 साल होने तक वसीयत का उत्तराधिकारी (succession to a will) कोई नहीं होता है, लेकिन जैसे ही बच्चा 18 साल का हो जाता है, तो उसे वसीयत (How to Write a Will) में मिली संपत्ति पर उसका अधिकार मिल जाता है।
वसीयत बनवाते समय इन बातों पर करें गौर-
कई लोग वसीयत बनाना चाहते हैं, लेकिन उन्हें वसीयत बनाने के तौर तरीकों (How to make a will) के बारे में नहीं पता होता है। वसीयत (Property Will Tips) बनाते समय व्यक्ति को कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। सबसे पहले तो आपको वसीयत में नाम, पिता / पति का नाम, घर का पता, जन्मतिथि जैसी जानकारी देनी चाहिए। इन जानकारियों में कोई गलती नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही वसीयत किस तारीख को आपने लिखी है, यह जानकारी भी होनी चाहिए।
वसीयत में ये सब बातों का करें जिक्र-
वसीयत (will kya hai) बनाते समय आप पर कोई दबाव नहीं होना चाहिए। वसीयत (Benefits of a Will) को स्पष्ट रूप से लिखा जाना चाहिए और उसमे यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित होना चाहिए कि ये वसीयत आपने अपनी मर्जी के अनुसार बनाई है। वसीयत में आपको अपनी संपत्ति के बारे में सारी जानकारी (will making knowledge) सही देनी चाहिए और साथ ही आपको यह भी उल्लेखित करना चाहिए आप अपनी संपत्ति का अधिकार किसे दे रहे हैं।
कितनी बार बदल सकते हैं वसीयत-
जब कभी भी आप वसीयत (rules of will) बनवा रहे हैं तो भविष्य में विवादों से बचाव के लिए वसीयत (Property Knowledge) में कुछ गवाहों के साइन जरूर करवा लेने चाहिए ताकि आगे आपके उत्तराधिकारी को कोई परेशानी न हो और साथ ही वसीयत की एक कॉपी कोई सुरक्षित जगह पर रख दें, जो आपको इमरजेंसी में एक प्रूफ के तौर पर काम आएगी। आप अपनी वसीयत किसी भी भाषा में बनवा सकते हैं और कितनी बार भी उसमे बदलाव कर सकते हैं, क्योंकि नियमों के अनुसार ऐसा करने पर आपको कोई स्टांप शुल्क (Stamp Duty on will) नहीं देना पड़ता है।