रविवार को कंडेला के चबूतरे पर पहुंचेगे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, किसान सम्मान रत्न से किए जाएंगे सम्मानित

HR Breaking News जींद, मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक रविवार को कंडेला खाप के ऐतिहासिक चबूतरे पर पहुंचेंगे। कंडेला खाप और माजरा खाप उन्हें किसान सम्मान रत्न से सम्मानित करेंगी। राज्यपाल के सम्मान समारोह में काफी संख्या में लोग चबूतरे पर पहुंचे हुए हैं। कंडेला खाप प्रधान ओमप्रकाश कंडेला और माजरा खाप प्रधान महेंद्र सिंह रिढ़ाल का कहना है कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में जो किसान आंदोलन चला। उसमें राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने खुलकर किसानों का समर्थन किया।
यह भी जानिए
Haryana के 66 गांवों मं चल रहा चकबंदी का काम, डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को कहा गांव के मौजिज लोगों के साथ रजामंदी से करें काम NA
किसानों की मांग सरकार तक पहुंचाई। इन कृषि कानूनों की वापसी में राज्यपाल सत्यपाल मलिक का महत्वपूर्ण योगदान है। कार्यक्रम के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित 100 से ज्यादा खाप प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है। वहीं पिछले एक सप्ताह से कंडेला खाप और माजरा खाप के प्रतिनिधि गांव-गांव जाकर लोगों को कार्यक्रम का निमंत्रण दे रहे थे। कार्यक्रम में राज्यपाल के हाथों मेधावी छात्राें, खिलाड़ियों, खाप के 28 गांवों से निकले बड़े अधिकारियों को भी सम्मानित कराया जाएगा। राज्यपाल सत्यपाल मलिक सबसे पहले सुबह करीब पाैने 12 बजे जींद पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में पहुंचेंगे। जहां से वे कंडेला खाप के चबूतरे पर जाएंगे। गांव में उनके लिए भोज भी रखा गया है।
यह भी जानिए
Haryana में cm portal पर आवेदन कर मुख्यमंत्री राहत कोष से मरीजे ले सकेंगे सीधे मदद
कंडेला खाप के चबूतरे पर सीएम
सीएम मनोहर लाल अपने पहले कार्यक्रम में कंडेला खाप के चबूतरे पर आ चुके हैं। उन्होंने चबूतरे पर बनने वाले हाल का शिलान्यास किया था और समाज में खापों के सहयोग की तारीफ की थी। दहेज प्रथा, बाल विवाह, कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी इस चबूतरे से अभियान चलाए गए।
पिछले साल आए थे राकेश टिकैत
किसान आंदोलन के दौरान पिछले साल तीन फरवरी को कंडेला में पहली किसान महापंचायत हुई थी। जिसमें राकेश टिकैत आए थे। महापंचायत में किसान आंदोलन को लेकर कई अहम फैसले लिए गए थे। किसान आंदोलन के दौरान जब दिल्ली बार्डर से किसानों को उठाया जा रहा था, तब सबसे पहले कंडेला में किसानों ने जींद-चंडीगढ़ मार्ग जाम किया था। उसके बाद रात को ही प्रदेशभर से हजारों की संख्या में किसान बार्डर पर पहुंच गए थे।