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Cheapest flight : 150 रुपये में हवाई जहाज का सफर, देश की सबसे सस्ती फ्लाइट

Cheapest flight : मौजूदा समय में फ्लाइट की टिकट की कीमते काफी बढ़ी हुई है। अगर आप हवाई यात्रा करते हैं तो आपको एक टिकट के लिए कम से कम 6-7 हजार रुपये चुकाने पड़ते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि देश में एक राज्य ऐसा है जहां टिकट की कीमत 5 या 6 हजार नहीं बल्कि केवल 150 रुपये है। अगर आपका जवाब नहीं है तो चलिए आइए जान लेते है इस खबर में। 
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HR Breaking News, Digital Desk- Cheapest Flight Ticket: आज के समय में फ्लाइट की टिकट की कीमत काफी बढ़ गई है. अगर आप देश के महानगरों के बीच हवाई यात्रा करते हैं तो आपको एक टिकट के लिए कम से कम 6-7 हजार रुपये चुकाने पड़ते हैं.

लेकिन क्या आपको पता है कि देश में एक राज्य ऐसा है जहां टिकट की कीमत 5 या 6 हजार नहीं बल्कि केवल 150 रुपये है. जी हां, विश्वास करना मुश्किल है लेकिन एक एयरलाइन कंपनी ऐसी है जो लोकल हवाई यात्रा के लिए यात्री से बस 150 रुपये ले रही है. इतनी सस्ती टिकट होने के वजह से इस फ्लाइट में सीटें फुल चल रही हैं.

दरअसल, 150 रुपये में फ्लाइट की सुविधा केंद्र सरकार की ‘उड़ान’ (उड़े देश का आम नागरिक) स्कीम के तहत विमान कंपनी अलायंस एयर दे रही है. यह फ्लाइट तेजपुर से लखीमपुर जिले के लीलाबरी एयरपोर्ट तक ऑपरेट होती है. कंपनी की इस रूट पर रोज दो उड़ानें हैं, जो दो महीने से लगभग फुल चल रही हैं.

चार घंटे का सफर 25 मिनट में पूरा-
अगर तेजपुर से लीलाबरी बस से जाया जाए तो 216 किलोमीटर का सफर तय करने में 4 घंटे लगते हैं. जबकि इसी रूट पर हवाई दूरी मात्र 147 किलोमीटर की है, जो फ्लाइट से बस 25 मिनट में पूरी हो जाती है. इस यात्रा में एक तरफ का किराया 150 रुपये है. इसी रूट पर वाया कोलकाता वाली फ्लाइट का किराया 450 रुपये है. जब से यहां सस्ती विमान सेवा शुरू हुई, तब से इसकी 95% सीटें फुल चल रही हैं.

2017 में शुरू हुई ‘उड़ान’ का पूर्वोत्तर में अच्छा रिस्पॉन्स है. असम, मेघालय, नगालैंड, अरुणाचल, सिक्किम की 73 हवाई पट्टियां स्कीम से जुड़ी हैं. अलायंस एयर, फ्लाईबिग, इंडिगो यहां सेवा दे रही हैं. इसी स्कीम के तहत 2021 में इंफाल से शिलॉन्ग के लिए सीधी उड़ान शुरू हुई थी.

इतनी सस्ती कैसे-
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार, इस रूट पर किराए को किफायती बनाने के लिए उड़ान योजना के तहत एयरलाइंस को वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) दी जा रही है. इससे कंपनी को मूल किराए में हुए नुकसान की भरपाई हो जाती है.