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Success Story- पति-पत्नी ने नौकरी छोड़ खुद का खड़ा किया बिजनेस, एक साल में बने 1 अरब डॉलर के मालिक

स्टार्टअप की दुनिया में कम समय में मुकाम हासिल करना बहुत मुश्किल है, खासकर ऐसे दौर में जब स्टार्टअप को खड़ा करना और उसे प्रॉफिट में लाना दोनों ही चुनौतीपूर्ण हो। लेकिन एक मैरिड कपल ने इसे कर दिखाया है। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ खुद का बिजनेस खड़ा किया है और एक साल में 1 डालर के मालिक बन बैठे है।
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पति-पत्नी ने नौकरी छोड़ खुद का खड़ा किया बिजनेस, एक साल में बने 1 अरब डॉलर के मालिक

HR Breaking News, Digital Desk-  स्टार्टअप की दुनिया में कम समय में मुकाम हासिल करना बहुत मुश्किल है, खासकर ऐसे दौर में जब स्टार्टअप को खड़ा करना और उसे प्रॉफिट में लाना दोनों ही चुनौतीपूर्ण हो। लेकिन एक मैरिड कपल ने इसे कर दिखाया।

इस कपल ने स्टार्टअप इंडस्ट्री में कमाल कर दिया। पति-पत्नी दोनों अपना-अपना स्टार्टअप चला रहे हैं और दोनों का स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न (Unicorn startups) की लिस्ट में शामिल हो गए। यानी 1 अरब डॉलर कंपनी बन गई। खास बात यह है कि पति और पत्नी दोनों के ही स्टार्टअप प्रॉफिटेबिल हैं।


ऑक्सीजो की को फाउंडर हैं रुची कालरा-

रुचि कालरा (Ruchi Kalra) डिजिटल लेंडिंग स्टार्टअप ऑक्सीजो फाइनेंशियल सर्विसेज  (Oxyzo Financial Services) की को-फाउंडर हैं। उन्होंने बुधवार को कहा कि उसने अपने पहले फंडिंग राउंड में ही अल्फा वेव ग्लोबल, टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट, नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स और अन्य के नेतृत्व में 200 मिलियन डाॅलर जुटा लिए हैं।

वहीं, सालभर से कम समय उनके पति आशीष महापात्रा की ऑफबिजनेस (OfBusiness) ने सॉफ्टबैंक कॉर्प और अन्य के निवेश से यह वैल्युएशन हासिल कर ली थी। बता दें कि मैट्रिक्स पार्टनर्स और क्रिएशन इन्वेस्टमेंट्स ने भी ऑक्सीजो में निवेश किया है जो भारत के स्टार्टअप उद्योग में सबसे बड़े सीरीज ए राउंड में से एक है।


दोनों इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के एक्स-स्टूडेंट- 

 38 साल की कालरा और 41 साल के महापात्रा दोनों इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्र रह चुके हैं। दोनों की मुलाकात मैकिन्से एंड कंपनी में हुई थी जहां वे साथ में काम करते थे। दोनों स्टार्टअप लाभदायक हैं, जो युवा विकास कंपनियों के लिए एक असामान्य उपलब्धि है। कालरा ऑक्सीजो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं जबकि महापात्रा ऑफबिजनेस में सीईओ हैं। 

कब शुरू हुआ था कारोबार-


ऑक्सीजन और ओजोन शब्दों को मिलाकर बनी ऑक्सिजो की स्थापना कालरा, महापात्रा और अन्य तीनलोगों ने मिलकर साल 2017 में OfBusiness की एक शाखा के रूप में की थी। वहीं, OfBusiness की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी। कालरा बताती हैं, हम दोनों को कुछ अलग करना था, अपना खुद का कारोबार करना था। हम हमेशा यही सोचते थे कि कब नौकरी छोड़ें और अपना बिजनेस स्टार्ट करें। बाद में हम दोनों ने नौकरी छोड़ कर अपना कारोबार शुरू करने की ठान ली। 


क्या करती है कंपनी?


ऑक्सिजो डाटा की कमी के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है और बिजनेसेस को परचेज फाइनेंसिंग उपलब्ध कराती है। कर्ज की कमी वाले ऐसे देश में कैश फ्लो आधारित लोन देती है, जहां छोटे और मझोले कारोबारियों को कार्यशील पूंजी के लिए जूझना पड़ता है। वहीं, ऑफबिजनेस, औपचारिक रूप से ओएफबी टेक प्राइवेट के रूप में जाना जाता है,

जो छोटे और मीडियम साइज के व्यवसायों को स्टील, डीजल, खाद्यान्न और औद्योगिक रसायनों जैसे थोक कच्चे माल की आपूर्ति करता है। महापात्रा के अनुसार, पिछले साल अप्रैल में सॉफ्टबैंक और अन्य ने जब इसमें निवेश किया था तो उसकी वैल्युएशन 1 अरब डॉलर के पार चली गई थी। दिसंबर में, स्टार्टअप का मूल्यांकन लगभग 5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया क्योंकि सॉफ्टबैंक और अन्य ने इसमें अधिक पैसा लगाया।


गुड़गांव की है कंपनी- 
कालरा ने कहा कि दोनों स्टार्टअप के लिए अलग-अलग ऑफिस हैं और अलग-अलग टीम काम करती हैं। हालांकि, वे उन्हीं उद्योगों को टारगेट करते हैं जैसे कि मैन्युफैक्चरर और सब कॉन्ट्रैक्टिंग बुनियादी ढांचा हो।

दोनों कंपनी दिल्ली से सटे गुड़गांव में स्थित हैं। ऑक्सीज़ो में 500 से अधिक कर्मचारी हैं और आपूर्ति श्रृंखला विश्लेषण में विशेषज्ञता वाला डेटा वेयरहाउस है। इसने 2 बिलियन डाॅलर से अधिक का ऋण वितरित किया है और अपनी स्थापना के बाद से प्रोफिट में है।