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Check Bounce - चेक बाउंस वालों की खैर नहीं, लगेगी मोटी पैनल्टी

कई बार ऐसा होता है कि आप किसी के नाम से कोई चेक दें, और किसी वजह से वह चेक बाउंस हो जाए. चेक बाउंस होने की स्थिति में ज्यादातर बैंक अपने ग्राहक से चेक बाउंस चार्ज लेते हैं. लेकिन अब बैंको की नए अपडेट के अनुसार चेक बाउंस होने पर मोटी पैनल्टी लगेगी.
 
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HR Breaking News, Digital Desk- कई बार ऐसा होता है कि आप किसी के नाम से कोई चेक दें, और किसी वजह से वह चेक बाउंस हो जाए. चेक बाउंस होने की स्थिति में ज्यादातर बैंक अपने ग्राहक से चेक बाउंस चार्ज लेते हैं. ये चार्ज बैंकों के अनुसार अलग-अलग है.

भारतीय स्टेट बैंक (SBI), ICICI बैंक और HDFC बैंक के चेक बाउंस चार्ज कई बातों पर निर्भर करते हैं. इसमें चेक बाउंस होने का कारण और प्रकृति शामिल है. SBI, ICICI बैंक और HDFC बैंक के चेक बाउंस चार्ज पर जीएसटी (GST) भी लगता है.

अगर खाते में अपर्याप्त फंड या हस्ताक्षर नहीं मिलने के चलते चेक बाउंस हुआ है तो डिफाल्टर और प्राप्तकर्ता दोनों से उनका बैंक चार्ज काटेगा. हालांकि, बाउंस चेक फिर से जमा किया जा सकता है.

SBI में चेक बाउंस चार्ज-

मौटेतौर पर एसबीआई में चेक बाउंस चार्ज ICICI बैंक और HDFC बैंक के मुकाबले कम है. एसबीआई के वेबसाइट के मुताबिक अगर एसबीआई की ब्रांच में कोई चेक जमा किया गया है और उसे जारी करने वाले बैंक ने बिना भुगतान किए लौटा दिया तो 1 लाख रुपये तक के चेक पर 150 रुपये चार्ज लिया जाएगा. एक लाख रुपये से अधिक के चेक पर 250 रुपये चार्ज होगा.

इस पर जीएसटी अलग से देना होगा. अगर अपर्याप्त फंड के चलते चेक बाउंस हुआ है तो 500 रुपये चार्ज देना होगा. अगर किसी अन्य तकनीकी कारण से चेक बाउंस हुआ है तो चार्ज 150 रुपये होगा.

HDFC बैंक में चेक बाउंस चार्ज- 

एचडीएफसी बैंक में अपर्याप्त फंड के चलते एक तिमाही में पहली बार चेक वापस होने पर 350 रुपये और उसके बाद 750 रुपये चार्ज लगता है. तकनीकी कारण से चेक बाउंस होने पर 50 रुपये चार्ज देना होगा. 

ICICI बैंक में चेक बाउंस चार्ज- 

आईसीआईसीआई बैंक में लोकल चेक डिपॉजिट की स्थिति में वित्तीय कारणों से चेक बाउंस होने पर 100 रुपये का चार्ज लगेगा. गैर-वित्तीय कारणों से महीने में पहली बार चेक रिटर्न होने पर 350 रुपये और उसके बाद 750 रुपये चार्ज देना होगा. आउट स्टेशन चेक बाउंस होने पर 150 रुपये अतिरिक्त देने होंगे.