Income Tax Rules in Budget: केंद्र सरकार ने किए टैक्स नियमों में बदलाव, जानिए आम आदमी को फायदा या नुकसान
टैक्स पेयर्स के लिए बड़ी खबर। दरअसल क्रेंद्र सरकार ने टैक्स नियमों में कुछ बदलाव किए है। ऐसे में आज हम आपको अपनी इस खबर में ये बताने जा रहे है कि केंद्र सरकार के द्वारा बदले गए टैक्स नियमों के कारण आम आदमी को फायदा होगा या नुकसान। आइए जानते है नीचे खबर में।

HR Breaking News, Digital Desk- फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी, 2023 को बजट संसद में पेश करेंगी। यह इलेक्शन ईयर 2024 के पहले आखिरी फुल बजट होगा. इस बार बजट पर सैलरीड और मिडिल क्लास की खास निगाहें होंगी. क्योंकि इलेक्शन ईयर के पहले सरकार इसमें टैक्स पेयर्स के लिए बड़ी राहत का एलान कर सकती है.
इसके पहले 2014 में इनकम टैक्स की स्लैब में बदलाव हुआ था, जिसके बाद से इसे लेकर सिर्फ इंतजार ही रहा है. यह मोदी सरकार के सत्त में आने के बाद का 11वां बजट होगा. जानते हैं साल 2014 से 2022 के बीच बजट में टैक्स को लेकर क्या-क्या बदलाव हुए हैं. इससे आम आदमी को फायदा हुआ या जेब कटी.
बजट: साल 2014-
मोदी सरकार का पहला बजट जुलाई 2014 को तबके वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश किया था. बजट में टैक्स छूट सीमा को 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये किया गया था.
सीनियर सिटीजंस के लिए यह लिमिट 2.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये की गई थी. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80(सी) के तहत टैक्स डिडक्शन की लिमिट 1.1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की गई थी. जबकि होम लोन पर इंटरेस्ट के लिए डिडक्शन लिमिट 1.5 लाख से 2.5 लाख की गई.
बजट: साल 2015-
साल 2015 के बजट में हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर छूट की लिमिट 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया. सीनियर सिटीजंस के लिए यह लिमिट 20,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दी गई. बजट में वेल्थ टैक्स को खत्म कर दिया गया. 1 करोड़ रुपये से अधिक की सालाना आय वाले इंडिविजुअल्स पर सरचार्ज 10 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी किया गया.
बचत स्कीमों पर बढ़ा फायदा-
2025 में स्माल सेविंग्स सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश पर मिलने वाले ब्याज को टैक्स फ्री करने का एलान किया गया. एनपीएस में निवेश पर 50 हजार रुपये की टैक्स छूट की घोषणा भी हुई.
बजट: साल 2016-
2016 के बजट में 5 लाख से कम आय वालों के लिए टैक्स रिबेट 2000 से बढ़ाकर 5000 रुपये किया गया. रेंट देने वालों के लिए सेक्शन 80जीजी के तहत टैक्स छूट को 24,000 से बढ़ाकर 60,000 रुपये किया गया. 1 करोड़ रुपये से अधिक सालाना आय वाले इंडिविजुअल्स पर सरचार्ज 12 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी कर दिया गया.
बजट: साल 2017-
टैक्स पेयर्स को 12,500 रुपये का टैक्स रिबेट दिया गया. 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक की इनकम के लिए इनकम टैक्स रेट को 10 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया गया. 50 लाख से 1 करोड़ के बीच सालाना टैक्सेबल इनकम वाले लोगों पर 10 फीसदी का सरचार्ज लगाया गया. सालाना इनकम 3.5 लाख रुपये तक वालों के लिए सेक्शन 87ए के तहत टैक्स छूट को 5,000 रुपये से घटाकर 2,500 रुपये किया गया.
बजट: साल 2018-
इक्विटी से 1 लाख रुपये से अधिक के लांग टर्म कैपिटल गेंस (एलटीसीजी) पर 10 फीसदी टैक्स लगाया गया. वरिष्ठ नागरिकों की बैंक या पोस्ट ऑफिस जमा से 50,000 रुपये तक की ब्याज इनकम को टैक्स छूट दी गई, जो पहले 10,000 रुपये थी. वरिष्ठ नागरिकों के लिए मेडिकल खर्चों के लिए डिडक्शन 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया.
बजट: साल 2019-
आम चुनावों के चलते 2019 में पहले पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया. 5 लाख रुपये से कम आय वालों को जीरो टैक्स चुकाने का एलान हुआ. टैक्स रिबेट की लिमिट 2500 रुपये से बढ़ाकर 12500 रुपये हो गई. स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40000 रुपये से बढ़ाकर 50000 रुपये किया गया.
चुनावों के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पूर्ण आम बजट में 2 से 5 करोड़ आमदनी पर सरचार्ज 3 फीसदी और 5 करोड़ से ज्यादा की आय पर सरचार्ज 7 फीसदी बढ़ा दिया.
बजट: साल 2020-
साल 2020 के बजट में वैकल्पिक इनकम टैक्स स्लैब की घोषणा हुई. टैक्स पेयर्स के लिए पुराना परंपरागत इनकम टैक्स स्लैब और नया वैकल्पिक टैक्स स्लैब दोनों उपलब्ध हैं.
बजट: साल 2021-
75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनर्स को टैक्स रिटर्न फाइल करने की छूट मिली, बशर्ते उनकी कमाई पेंशन और बैंक से मिलने वाले ब्याज से होती हो. स्टार्टअप कंपनियों के लिए टैक्स हॉलीडे को 1 साल के लिए बढ़ाया गया.
बजट: साल 2022-
इस बजट में टैक्स को लेकर कोई एलान नहीं किया गया.