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Bank Loan- जिन ग्राहकों का बैंक में लोन है बकाया, उनके लिए आई खुशखबरी

जिन ग्राहकों का बैंक में लोन बकाया है  उन ग्राहकों के लिए खुशखबरी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने वन टाइम लोन सेटलमेंट से संबंटधित एक जानकारी साझा कि है। बोर्ड ने बताया है कि अब बैंकों और वित्तीय संस्थानों को वन टाइम लोन सेटलमेंट और कर्ज माफी पर 10 फीसदी टीडीएस काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 
 
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जिन ग्राहकों का बैंक में लोन है बकाया, उनके लिए आई खुशखबरी

HR Breaking News, Digital Desk- सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने वन टाइम लोन सेटलमेंट से संबंटधित एक जानकारी साझा कि है। बोर्ड ने बताया है कि अब बैंकों और वित्तीय संस्थानों को वन टाइम लोन सेटलमेंट और कर्ज माफी पर 10 फीसदी टीडीएस काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सीबीडीटी ने बताया है कि इस साल के बजट में लाए गई नई धारा 194ए के तहत अब बोनस और राइट्स इश्यू जारी करने के लिए टीडीएस काटना जरूरी नहीं है।

यह नियम 1 जुलाई से लागू है सीबीडीटी ने बताया है कि यह नया सेक्शन 1 जुलाई, 2022 से लागू हो चुका है। बैंकों ने लोन सेटलमेंट और कर्ज माफी पर टीडीएस काटने के नियमों को लेकर आपत्ती जताई थी। बैंको का कहना था कि टैक्स से जुड़े इस लेन-देन के कारण उनका बोझ और बढ़ जाता है। सीबीडीटी ने अब स्थिती को साफ कर दिया है जिसके बाद अब बैंकों को राहत मिलेगी।

कुछ संस्थान को दायरे से बाहर रखा गया है सीबीडीटी के मुताबिक कई वित्तीय संस्थानों को इस प्रावधान से बाहर रखा गया है। इनमें पब्लिक फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन, शिड्यूल्ड बैंक, को-ऑपरेटिव बैंक, स्टेट फाइनेंशियल कॉर्पोरेशन, एसेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनीज समेत कई वित्तीय संस्थाएं शामिल हैं।

टीडीएस के मामले पर सीबीडीटी के स्पष्टीकरण के बाद बैंक अब राहत की सांस लेगें। अब बैंकों को टैक्स से जुड़े लेन-देन के लिए अतिरिक्त खर्चा नहीं करना पड़ेगा। सीबीडीटी ने जानकारी साझा करते हुए बताया है कि बैंकों ने बोर्ड से रिक्वेस्ट की थी कि बोनस और राइट्स शेयर से शेयरहोल्डर्स को किसी भी प्राकार का लाभ नहीं होता है, इसी कारण से यह निर्णय लिया गया है। 

एम्बैसी और हाई कमीशन को मिलेगा फायदा सीबीडीटी ने अपने गाइडलाइन में बताया है कि एम्बैसी और हाई कमीशन को भी सेक्शन 194आर के तहत छूट का फायदा मिलेगा। लेकिन इसमें भी एक कंडिशन लगाया गया है। नए सेक्शन के प्रावधानों के तहत यूनाइटेड नेशन के प्रिविलेज एंड इम्युनिटी एक्ट,

1947 के अंदर आने वाले किसी भी इंस्टट्यूशन की ओर से दिए जाने वाले किसी भी प्रकार के लाभ पर लागू नहीं होंगे। अब अगर एक कंपनी दूसरी कंपनी को गिफ्ट देती है, जैसे की अगर किसी व्यक्ति को कार गिफ्ट में मिल रही है तो वह सेक्शन 194आर के तहत काटे गए 10 फीसदी टीडीएस पर डिडक्शन क्लेम कर सकता है।