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Employees Update- इन कर्मचारियों के लिए अब पैसा कमाना हुआ मुश्किल, जेब हो रही खाली

अब इन कर्मचारियों के लिए पैसा कमाना हुआ थोड़ा मुश्किल। आईबीएम (IBM) के एमडी ने कहा कि कंपनी में शामिल होने के समय कर्मचारी एक समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं कि वे सिर्फ आईबीएम के लिए काम करेंगे। इसी हफ्ते इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि अगर वे मूनलाइटिंग में शामिल पाए गए, तो उनकी नौकरी जा सकती है। आइए जानते है पूरी जानकारी। 
 
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इन कर्मचारियों के लिए अब पैसा कमाना हुआ मुश्किल, जेब हो रही खाली

HR Breaking News, Digital Desk- आईटी इंडस्ट्री (IT Industry) के कर्मचारियों के लिए अब एक साथ कई कंपनियों के लिए काम करना मुश्किल होता जा रहा है। इंफोसिस (Infosys) के बाद अब आईबीएम ने भी मूनलाइटिंग (Moonlighting) को अनैतिक करार दिया है। मूनलाइटिंग को लेकर उद्योग जगत में एक नई बहत छिड़ गई है।

एक के बाद एक कंपनियां कर्मचारियों को मूनलाइटिंग से रोक रही हैं। आईबीएम (IBM) के एमडी संदीप पटेल ने कहा कि कंपनी में शामिल होने के समय कर्मचारी एक समझौते पर हस्ताक्षर करते हैं कि वे सिर्फ आईबीएम के लिए काम करेंगे। उन्होंने कंपनी के एक कार्यक्रम के मौके पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘...लोग अपने बाकी समय में जो चाहें कर सकते हैं, लेकिन इसके बावजूद ऐसा (मूनलाइटिंग) करना नैतिक रूप से सही नहीं है।''


इंफोसिस ने भी दी है कर्मचारियों को चेतावनी-
इसी हफ्ते इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि अगर वे मूनलाइटिंग में शामिल पाए गए, तो उनकी नौकरी जा सकती है। इससे पहले विप्रो (Wipro) के चेयरमैन रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) ने मूनलाइटिंग पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने सीधे-सीधे इसे धोखाधड़ी करार दिया था। रिशद प्रेमजी ने टेक इंडस्ट्री में मूनलाइटनिंग यानी कंपनी के काम के अलावा दूसरे काम करने को धोखेबाजी बताया था। अब इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों को मेल लिखकर कड़ी चेतावनी दी है. 

क्या है मूनलाइटिंग?
ऑफिस के कामकाजी घंटों के बाद कर्मचारी द्वारा कोई दूसरी जॉब करना ही मूनलाइटिंग कहलाता है। एक कर्मचारी दिन में अपनी कंपनी में 9-5 की जॉब करता है। लेकिन वह एक्स्ट्रा पैसा कमाने के लिए रात में कोई दूसरी जॉब भी करता है। कोरोना महामारी के समय जब कर्मचारी ऑफिस की बजाय घर से काम करने लगे, तो मूनलाइटिंग का ट्रेंड बढ़ा। लोग एक्स्ट्रा पैसा कमाने के लिए जॉब के अलावा दूसरे प्रोजेक्ट्स पर भी काम करने लगे। कुछ लोग कई कंपनियों में एक साथ जॉब करने लगे।

रिशद की राय से सहमत हैं पटेल-


आईबीएम के एमडी ने कहा, ‘‘आप इस पर रिशद की राय जानते हैं ना? मैं रिशद की राय से इत्तेफाक रखता हूं।'' भारत में कंपनी की भर्ती योजनाओं के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान अपने घर से काम करने वाले कर्मचारी पूरी तरह वापस नहीं लौटे हैं। इसलिए आईटी कंपनियों ने मिश्रित या हाइब्रिड मॉडल अपनाया है। भारत में आईटी कंपनियां मूनलाइटिंग पर अलग-अलग राय दे रही हैं।


इंफोसिस ने भेजा था मेल-


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, इंफोसिस ने अपने कर्मचारियों को एक मेल लिखा। इस मेल का टाइटल नो टू टाइमिंग नो मूनलाइटिंग (No Two Timing No Moonlighting) था।

कंपनी ने मेल में कहा कि नियमों के अनुसार, कर्मचारियों को मूनलाइटिंग की अनुमति नहीं है। अगर कोई कर्मचारी ऐसा करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। उसे नौकरी से भी निकाला जा सकता है। इस तरह अब इंफोसिस के कर्मचारी ऑफिस के बाद किसी अन्य के लिए काम नहीं कर सकते।