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Personal Loan पर लगेगा बेहद कम ब्याज, आपके लिए यें 7 चीजें जानना बेहद जरूरी

 पर्सनल लोन पर अब आपका लगेगा बेहद कम ब्याज। इसके लिए आपको 7 चीजों को जानना बहुत जरूरी है। आइए जानते है उन सात चीजों के बारे में विस्तार से। 
 
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HR Breaking News, Digital Desk- दुनियाभर के केंद्रीय बैंक (Central Bank) इस समय महंगाई पर काबू पाने के लिए प्रमुख ब्याज दरों (Interest Rate Hike) में इजाफा कर रहे हैं। भारत में भी आरबीआई (RBI) लगातार रेपो रेट (Repo Rate) में इजाफा कर रहा है। महंगाई के अधिक रहने के चलते यूएस फेड (US Fed) अगले हफ्ते फिर ब्याज दर बढ़ा सकता है। इसके बाद आरबीआई दरों में बदलाव करेगा।

सीधा सा अर्थ है कि लोन पर दरें और बढ़ने वाली हैं। पर्सनल लोन (Personal Loan) पर पहले से ही काफी अधिक ब्याज दर होती है। अब ब्याज दरें (Interest Rates) इतनी बढ़ गई हैं कि लोग पर्सनल लोन लेने से कतरा रहे हैं। लेकिन कई सारी चीजों का ध्यान रखकर आप पर्सनल लोन पर आकर्षक ब्याज दर पा सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।


आपकी जॉब-


आपकी जॉब किस तरह की है और आपका नियोक्ता कैसा है, इस पर भी पर्सनल लोन की ब्याज दर निर्भर करती हैं। कर्जदाता यहां यह देखता है कि क्या आपकी कंपनी समय पर वेतन देती है या नहीं। वित्तीय रूप से कमजोर कंपनी और अनियमित रुप से सैलरी का भुगतान करने वाली कंपनी के कर्मचारियों को लोन मिलने में समस्या आ सकती है। ऐसे लोगों को अपेक्षाकृत अधिक ब्याज दर पर लोन मिलता है।


आपकी आय-


आप संगठित क्षेत्र (Organised Sector) के कर्मचारी हैं और आपकी रेगुलर इनकम (Regular Income) है, तो आपको पर्सनल लोन पर बढ़िया डील पाने में मदद मिलेगी। इससे कर्जदाता आपकी समय पर ईएमआई चुकाने की क्षमता को लेकर आश्वस्त हो जाते हैं। अगर आपकी आय कम या अनियमित है, तो कर्जदाता आपको लोन तो दे देंगे, लेकिन उस पर ब्याज दर अपेक्षाकृत अधिक होगी।


सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर-


कोई भी लोन देते समय कर्जदाता सबसे पहले ग्राहक का क्रेडिट या सिबिल स्कोर (Credit Score or CIBIL Score) चेक करता है। ग्राहक का क्रेडिट स्कोर जितना अच्छा होगा, उसे उतनी ही अच्छी लोन डील (Loan Better Deal) मिलने की संभावना रहती है। आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) आपके पुराने लोन के पुर्नभुगतान की परफॉर्मेंस को दर्शाता है। अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) अच्छी है, तो आपका क्रेडिट स्कोर भी अच्छा होगा। पर्सनल लोन के लिए 750 क्रेडिट स्कोर पर्याप्त माना जाता है। अगर आपका क्रेडिट स्कोर इससे ज्यादा है, तो आपको पर्सनल लोन पर अपेक्षाकृत कम ब्याज दर मिल सकती है।


प्री-अप्रूव्ड लोन-


जानकारों का कहना है कि ग्राहक को लोन लेने के लिए सबसे पहले उस बैंक में जाना चाहिए, जहां उसका अकाउंट है, उस बैंक के पास पहले से ही ग्राहक की क्रेडिट हिस्ट्री मौजूद होती है। यहां आपको बड़ी राशि का लोन भी कम दर पर मिल जाएगा। आपके रिश्ते अपने बैंक से अच्छे हैं, तो आपको प्री-अप्रूव्ड लोन भी मिल सकता है।


क्रेडिट हिस्ट्री-


अगर आप अपने लोन पर कम ब्याज दर चाहते हैं, तो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री साफ-सुथरी होनी चाहिए। अगर आपके पास पहले कोई लोन है, तो कर्जदाता यह देखेगा कि क्या आप समय पर अपनी ईएमआई (EMI) दे रहे हैं या नहीं। अगर आप समय पर अपनी ईएमआई नहीं भरते हैं, तो नए लोन में आपको अच्छी ब्याज दर मिलने में दिक्कत हो सकती है। वहीं, अगर आपका पुराना लोन अधिक राशि का है, तो आपको नया लोन कम राशि का मिलेगा।


पुराने लोन्स-


अगर कर्जदाता को आपकी क्रेडिट हिस्ट्री में डिफॉल्ट्स नजर आते हैं, तो आपको कम ब्याज दर का लोन नहीं मिल पाएगा। अर्थात अगर आपने अपने पुराने लोन्स का पुनर्भुगतान (Repayment) समय पर नहीं किया है, तो कर्जदाता आपको बहुत ऊंचे ब्याज दर (High Interest Rate) वाला लोन देगा या वह आपकी लोन एप्लीकेशन (Loan Application) को रिजेक्ट भी कर सकता है।


डेट टू इनकम रेशियो-


भले ही आप एक नामी कंपनी में काम करते हों और आपकी सैलरी भी अच्छी-खासी हो, लेकिन आपका डेट टू इनकम रेशियो ठीक नहीं है, तो आपको कम ब्याज दर वाला लोन नहीं मिल पाएगा। मतलब यह कि आप सैलरी तो अच्छी पाते हैं, लेकिन उसका अधिकांश हिस्सा पुराने लोन के पुनर्भुगतान में चला जाता है। आपके सारे लोन पेमेंट्स को आपकी कुल सैलरी से डिवाइड करने पर डेट टू इनकम रेशियो (Debt to Income Ratio) निकलता है। डेट टू इनकम रेशियो जितना कम होगा आपको उतनी अच्छी लोन डील मिल पाएगी।