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Success Story : एक समय नहीं थे खाने के भी पैसे, अब कमा रहा 18 करोड़ रुपये

अगर इंसान की मेहनत और लगन सच्ची हो तो कोई भी मुकाम आसानी से पाया जा सकता है। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है देबाशीष मजूमदार ने। जिनके पास एक समय पर खाने के भी पैसे नहीं थे। लेकिन आज वे 18 करोड़ रूपये कमा रहे है। 
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एक समय नहीं थे खाने के भी पैसे, अब कमा रहा 18 करोड़ रुपये

HR Breaking News, Digital Desk- आज हम आपको एक ऐसे सफल फूड एंटरप्रिन्योर की कहानी बताएंगे। ये बिजनेसमैन 18 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करता है। ये हैं देबाशीष मजूमदार।

मगर एक समय था जब उनके पास अपनी मां की सर्जरी के लिए पैसे नहीं थे। यहां तक कि एक बार देबाशीष के पास अपनी पत्नी के लिए जूते की एक नई जोड़ी खरीदने के लिए 200 रुपये तक नहीं थे। आगे जानिए बाकी डिटेल।

3.5 लाख रु से शुरू किया था बिजनेस-


 गुवाहाटी में मोमोमिया के मालिक, जिसे 2018 में 110 वर्ग फुट की दुकान से कोराबार शुरू किया था। देबाशीष ने 3.5 लाख रुपये के साथ अपना कारोबार शुरू किया था।

द बेटर इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 34 वर्षीय पश्चिम बंगाल के हाबड़ा में पले-बढ़े देबाशीष कहते हैं कि मुझे हमेशा यह जताया गया कि एक निम्न-मध्यम वर्गीय पृष्ठभूमि के बच्चे को बैंकर, इंजीनियर आदि बनने के लिए पढ़ाई करना बेस्ट है। हुआ भी यही वे एक बैंकर बन गये।


कब मिली पहली नौकरी- 


देबाशीष को वह दिन याद है जब उन्हें गुवाहाटी की एक कंपनी में ऑफिस असिस्टेंट के रूप में पहली नौकरी मिली थी। वे तारीख 26 नवंबर 2005 थी। उन्हें यह भी याद है कि उनकी पहली सैलेरी 1,800 रुपये थी। लेकिन पहले दिन के काम के बाद, वे घर गये और अपनी माँ से कहा कि मैं नौकरी छोड़ना चाहता हूँ। उनकी मां ने कहा तो वे नौकरी पर कायम रहे।


4 साल बाद छोड़ी नौकरी-


 चार साल बाद, 2009 में, जब देबाशीष ने चीफ अकाउंटेंट के रूप में कंपनी से इस्तीफा दे दिया। वह एक ऑफिस असिसटेंट से चीफ असिसटेंट तक पहुंचे थे। उन्होंने एक बैंकर के रूप में भी अपना करियर बनाया और एक अच्छा वेतन भी प्राप्त कर रहे थे, लेकिन वे कहते हैं भले ही बैंक की नौकरी में पैसा अच्छा था, लेकिन वे जो कर रहे थे उससे संतुष्ट नहीं थे। मैं एक बिजनेसमैन बनना चाहते थे।

2017 में शुरू किया बिजनेस-


 देबाशीष ने सबसे पहला बिजनेस 2017 में शुरू किया था, जो एक आइसक्रीम की दुकान थी। वे चल नहीं पाई और उन्हें उस समय लगभग 10 लाख रुपये का नुकसान हुआ। यह एक बहुत बड़ा नुकसान था। तब भी उनकी माँ और पत्नी ने उनका समर्थन किया। फिर उनके पास तब एक मोमो जॉइंट शुरू करने का विचार आया, जब वह गुवाहाटी में एक आउटलेट पर थे जहाँ उन्हें लगा कि वे बेहतर मोमोज परोस सकते हैं।

बदल गयी किस्मत-


 लगभग 3.5 लाख रुपये के लोन के साथ (जो कि 10 प्रतिशत की ब्याज दर पर था) उन्होंने आइसक्रीम की दुकान बंद करने के एक साल बाद 2018 में मोमोमिया लॉन्च किया। पहला साल मुश्किल भरा रहा, उनकी मासिक बिक्री लगभग 1.5 लाख रुपये तक रही। हालाँकि उनकी पत्नी ने उन्हें लगातार सपोर्ट किया। जल्द ही, बिजनेस में तेजी आई और देबाशीष ने 14 फरवरी 2021 को हरिद्वार में पहला फ्रैंचाइज़ी स्टोर खोला।

उस पहले फ्रैंचाइज़ी मॉडल ने उनके लिए इतना अच्छा काम किया कि एक साल में असम, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में ऐसे 55 फ्रैंचाइज़ी आउटलेट खोले गए।

आज, मोमोमिया 50 से अधिक आउटलेट्स में 200 से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है। देबाशीष का टर्नओवर 18 करोड़ रु है।