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IPS Success Story : पिता का नहीं था सिर पर साया, मां ने मजदूरी कर बेटी को बनाया आईपीएस

पिता की मृत्यु के बाद माँ ने नहीं होने दी पिता की कमी , दिन रात मेहनत करके बेटी को पढ़ाया और बेटी ने भी IPS बन कर माँ का सीना किया गर्व से चौड़ा।  इस IPS की कहानी सुन ऑंखें हो जाएँगी नम

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HR Breaking News, New Delhi : हर साल लाखों उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा देते हैं. इनमें से कुछ ही सफल होकर मेरिट लिस्ट में जगह बना पाते हैं (UPSC Exam). उनमें से भी कुछ ऐसे होते हैं, जो अपनी जिंदगी में तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए इस मंजिल तक पहुंचते हैं. 2021 बैच की आईपीएस दिव्या तंवर ने की गिनती ऐसे ही अफसरों में की जाती है.

हरियाणा के महेंद्रगढ़ की रहने वाली दिव्या तंवर यूपीएससी परीक्षा के हर उम्मीदवार के लिए प्रेरणा हैं. उनकी मां बेशक कम पढ़ी-लिखी थीं लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को पढ़ाई करके आगे बढ़ते रहने के लिए हमेशा प्रेरित किया. दिव्या ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने के लिए किसी कोचिंग का सहारा नहीं लिया था. जानिए आईपीएस दिव्या तंवर की सक्सेस स्टोरी

पिता की मौत के बाद बिखरी जिंदगी
आईपीएस दिव्या तंवर ने नवोदय विद्यालय (Navodaya Vidayala) महेंद्रगढ़ से स्कूली शिक्षा हासिल की है. उनके घर की आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं थी. स्कूलिंग के दौरान पिता की मौत होने से उनके परिवार पर परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा था. दिव्या पढ़ाई में होशियार थीं और इसीलिए उनकी मां बबीता तंवर ने कभी उनकी पढ़ाई में रुकावट नहीं आने दी.

कॉलेज के बाद की तैयारी
दिव्या की मां ने सिलाई-कढ़ाई और मजदूरी करके अपने तीनों बच्चों, दिव्या, तनीषा और साहिल को उनके पैरों पर खड़े होने लायक बनाया. दिव्या ने बीएससी पास करने के बाद यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी थी. अपने घर के एक छोटे से कमरे में 10 घंटे पढ़ाई करके उन्हें सिविल सेवा परीक्षा (Civil Services Exam) की तैयारी की थी.


पहले अटेंप्ट में हुईं पास
आईपीएस दिव्या तंवर ने 21 साल की उम्र में 2021 में अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी (Youngest IPS Officer). इसमें 438वीं रैंक हासिल कर वह आईपीएस ऑफिसर बन गईं (IPS Divya Tanwar Rank). दिव्या के कई दोस्तों व रिश्तेदारों को भी यह जानकारी नहीं थी कि वे बंद कमरे में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही थीं.