BANK NEWS : देश का पहला बैंक, जो 50 साल चला, जानें किसने की शुरूआत और क्यों हुआ बंद

HR Breaking News (डिजिटल डेस्क)। बैंक शब्द से हर कोई वाकिफ है और कहीं न कहीं हर कोई इससे जुड़ा हुआ भी है. इटली से आया ये नाम आज पूरी दुनिया में वित्तीय कामों को पूरा करने वाले Bank के तौर पर अपनी पहचान बना चुका है. बैंकिंग सेक्टर में भारत भी लगातार नए आयाम छू रहा है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला बैंक कौन सा था और कब हुई थी इसकी शुरुआत?, तो आपको बता दें देश में बैंकिंग का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है. भारत का पहला बैंक 'Bank Of Hindostan' था, जो 1770 में स्थापित किया गया था.
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देश में 1770 में पड़ी नींव
भारत में बैंक ऑफ हिंदोस्तान के नाम से पहला बैंक साल 1770 में अलेक्जेंडर एंड कंपनी द्वारा शुरू किया गया था. देश में 1770 में पड़ी नींव
भारत में बैंक ऑफ हिंदोस्तान के नाम से पहला बैंक साल 1770 में अलेक्जेंडर एंड कंपनी द्वारा शुरू किया गया था. ये कंपनी कोलकाता की एक अंग्रेजी एजेंसी थी, जिसने इसे करीब 50 साल सफलता के साथ संचालित किया. उसके बाद बैंक की वित्तीय स्थिति गड़बड़ाने लगी. इसकी मूल फर्म मेसर्स अलेक्जेंडर एंड कंपनी 1832 में भारी वित्तीय संकट में फंस गई, और फिर बैंक बंद हो गया.
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ब्रिटिश काल में होने लगा था विस्तार
इस बैंक के शुरू होने के कुछ सालों बाद ही एक और बैंक सामने आया था, जिसे देश का दूसरा सबसे पुराना बैंक माना जाता है इसका नाम बैंक ऑफ इंडिया था, जो 1786 में स्थापित किया गया था. हालांकि, यह 1791 तक ही चल सका था.
बैंक ऑफ हिंदोस्तान के बंद होने के पहले ही एक और बैंक भी अस्तित्व में आ चुका था. आजादी से पहले शुरू हुए इस बैंक ने भारत के बैंकिंग सेक्टर की तस्वीर बदलने का काम किया और आज देश का सबसे बड़ा बैंक है. जी हां, ब्रिटिश शासन काल के दौरान ही कोलकाता में 2 जून 1806 में 'बैंक ऑफ कलकत्ता' की स्थापना की गई और तीन साल बाद बैंक को अपना चार्टर प्राप्त हुआ. इसके बाद 2 जनवरी 1809 में इसे बैंक ऑफ बंगाल (Bank of Bengal) नाम दे दिया गया. यही बैंक आज देश का सबसे बड़ा बैंक है और इसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के नाम से जाना जाता है.
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ऐसे अस्तित्व में आया एसबीआई
Bank of Bengal एक अनूठी संस्था मानी जाती थी, जो बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित ब्रिटिश भारत का पहला संयुक्त स्टॉक बैंक था. इसके बाद इसका विस्तार शुरू हो गया. 15 अप्रैल 1840 में मुंबई में बैंक ऑफ बॉम्बे की स्थापना हुई, जबकि 1 जुलाई 1843 में शुरू हुए बैंक ऑफ मद्रास का 27 जनवरी 1921 को बैंक ऑफ बंगाल में विलय कर दिया गया. तीनों बैंक के विलय से इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया (Imperial Bank of India) सामने आया.
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देश आजाद होने तक इम्पीरियल बैंक अस्तित्व में रहा और आजादी के बाद भारत में साल 1955 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया को पार्लियामेंटरी एक्ट के तहत अधिग्रहित कर लिया. ऐसा करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्ट 1955 लाया गया था. 30 अप्रैल 1955 को बड़ा बदलाव किया गया और इम्पीरियल बैंक का नाम बदलकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank Of India) कर दिया गया. इसके बाद 2017 में एसबीआई में कई बैंकों का विलय कर दिया गया और ये देश का सबसे बड़ा बैंक बना.
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ये था देश का पहला कमर्शियल बैंक
एक ओर जहां बैंक ऑफ हिंदोस्तान देश का पहला बैंक था, तो भारत का पहला वाणिज्यिक बैंक 'अवध कमर्शियल बैंक (Oudh Commercial Bank) था, जो कि 1881 में फैजाबाद में स्थापित किया गया था. इसका निदेशक मंडल भी पूरी तरह से भारतीय था. बहरहाल, ये तो रही बात भारत में बैंक की शुरुआत की, लेकिन यहां ये बताना भी जरूरी है कि आखिर बैंक शब्द का इस्तेमाल पहली बार कब हुआ. दरअसल, इटली भाषा के इस शब्द को सबसे पहले 1157 में इस्तेमाल किया गया था, जब बैंक ऑफ बेनिस की स्थापना की गई थी.