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Loan Guarantor : किसी का लोन गारंटर बनने से पहले जान लें ये नियम, नहीं तो बाद में पड़ेगा पछताना

लोन लेने वाले के साथ-साथ उसके लोन की गारंटी लेने वाले लोगों की भी कई जिम्‍मेदारियां होती हैं। कई बार भावनाओं में फंसकर या किसी की मदद करने के इरादे से लोन गारंटर बनने का फैसला गलत भी साबित हो सकता है। 
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Loan Guarantor : किसी का लोन गारंटर बनने से पहले जान लें ये नियम, नहीं तो बाद में पड़ेगा पछताना

HR Breaking News (डिजिटल डेस्क)। आपके किसी रिश्‍तेदार, दोस्‍त या किसी करीबी ने लोन लिया और आपसे कहा कि आप उसके लोन गारंटर बन जाएं. ऐसे में आप अपने संबन्‍धों के बारे में सोचकर फौरन तैयार हो जाते हैं. एक बार भी ये नहीं सोचते हैं कि लोन गारंटर बनना कोई मामूली बात नहीं होती. लोन लेने वाले के साथ-साथ उसके लोन की गारंटी लेने वाले लोगों की भी कई जिम्‍मेदारियां होती हैं. कई बार भावनाओं में फंसकर या किसी की मदद करने के इरादे से लोन गारंटर बनने का फैसला गलत भी साबित हो सकता है. इसलिए आपको लोन गारंटर की जिम्‍मेदारियां पहले जान लेनी चाहिए, फिर सोच समझकर कोई फैसला करना चाहिए. 

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लोन चुकाने की कानूनी जिम्‍मेदारी


इस मामले में एसबीआई के सेवानिवृत्‍त अधिकारी ए. के. मिश्रा बताते हैं कि भले ही आपकी नजर में लोन लेने वाले और लोन चुकाने वाले की जिम्‍मेदारियां अलग-अलग हों, लेकिन बैंक के लिए लोन गारंटर की भी कर्ज चुकाने की कानूनी जिम्‍मेदारी होती है. इसके लिए ही आपसे कागजों पर दस्‍तखत करवाए जाते हैं. डिफॉल्‍ट की स्थिति में बैंक पहले लोन लेने वाले को नोटिस भेजता है. जवाब न मिलने पर गारंटर को भी नोटिस भेजा जाता है. ऐसे में अगर कर्ज लेने वाला उस कर्ज को नहीं चुका पाता तो आपको उस लोन को चुकाने की जिम्‍मेदारी लेनी होगी. 

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आपका सिबिल स्‍कोर भी होता प्रभावित


लोन गारंटर बनने का एक ये भी नुकसान है कि अगर लोन लेने वाला अपना कर्ज नहीं चुका पाता है तो उसकी लोन की रकम आपकी क्रेडिट रिपोर्ट में लायबिलिटी के तौर पर दिखेगी. इससे आपका भी सिबिल स्‍कोर खराब होगा. सिबिल स्‍कोर खराब होने का पहला तो नुकसान ये है कि आप कभी खुद लोन लेना चाहेंगे तो आपको परेशानी हो सकती है. इसके अलावा ये भी संभव है कि आप  दोबारा जल्‍दी किसी के गारंटर नहीं बन पाएं.

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पीछे हटने के सीमित विकल्‍प


लोन गारंटर बनने के बाद अगर आप ये सोचते हैं कि आप अपनी इस जिम्‍मेदारी से आसानी से पीछे हट सकते हैं, तो आपको ये जान लेना चाहिए कि आपके पास पीछे हटने के सीमित विकल्‍प ही होते हैं. आप तभी पीछे हट सकते हैं, जब आपको इसके लिए बैंक की स्‍वीकृति मिले. बैंक या कोई अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थान आपको तभी स्‍वीकृति देगा, जब लोन लेने वाला व्‍यक्ति लोन चुकाने का कोई संतोषजनक विकल्‍प दे.

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क्‍या करना चाहिए


सबसे पहली बात कि आपको किसी के लोन की जिम्‍मेदारी लेने से पहले ये समझ लेना चाहिए कि वो व्‍यक्ति लोन चुकाने में किस हद तक सक्षम है. इसके अलावा आप लोन लेने वाले व्‍यक्ति को बीमा कंपनी से लोन प्रोटेक्शन पॉलिसी खरीदने के लिए तैयार करें. ऐसे में किसी तरह की अनहोनी होने पर उस लोन को चुकाने की जिम्‍मेदारी बीमा कंपनी की होगी. 

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कब पड़ती है लोन गारंटर की जरूरत
हालांकि हर लोन के लिए बैंक को गारंटर की जरूरत नहीं पड़ती है. कुछ विशेष स्थितियों में ही बैंक गारंटर की मांग करता है जैसे -

यदि लोन की रकम बहुत ज्यादा हो और डिफॉल्ट जोखिम ज्‍यादा लग रहा हो.
बैंक को कर्जदार के पर्याप्‍त डॉक्‍यूमेंट्स न मिल पाएं या  कर्जदार का निजी क्रेडिट स्कोर खराब हो.
यदि मुख्य कर्जदार की उम्र ज्‍यादा हो या पेशा जोखिम वाला हो. 

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यदि बैंक की नीतिगत जरूरत में लोन गारंटर शामिल हो.