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Pension Scheme : कर्मचारियों को न OPS और न NPS, सरकार ने निकाला बीच का रास्ता

कर्मचारियों के लिए जरूरी खबर। दरअसल सरकार की ओर से कर्मचारियों की नई और पुरानी पेंशन योजना को लेकर एक अपडेट आ रहा है। जिसमें एक रिपोर्ट के मुताबिक ये कहा जा रहा है कि कर्मचारी पुरानी व नई पेंशन योजना छोड़ सरकार ने बीच का रास्ता निकाला है। आइए जानें नीचे खबर में सरकार के नए रास्ते के बारे में विस्तार से...

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Pension Scheme : कर्मचारियों को न OPS  और न NPS, सरकार ने निकाला बीच का रास्ता

HR Breaking News, Digital Desk- नई और पुरानी पेंशन (OPS vs NPS) की खींचतान के बीच मोदी सरकार बड़ा फैसला करने वाली है. पुरानी पेंशन योजना की मांग और इस पर देशभर में बढ़ती तकरार को शांत करने के लिए केंद्र सरकार जल्‍द सरकारी कर्मचारियों के लिए गारंटी वाली पेंशन योजना पेश कर सकती है. माना जा रहा है कि यह ओपीएस और एनपीएस के बीच का रास्‍ता होगा, जिसमें न तो सरकार पर ज्‍यादा बोझ आएगा और कर्मचारियों को भी सुरक्षा की गारंटी मिलेगी.

फाइनेंशियल एक्‍सप्रेस के अनुसार, मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि नेशनल पेंशन सिस्‍टम (NPS) में बदलाव कर गारंटी वाली पेंशन योजना को जोड़ा जाएगा. हालांकि, यह पुरानी पेंशन योजना से काफी अलग होगा, लेकिन कर्मचारियों को अब रिटायरमेंट के बाद तय रकम पेंशन के रूप में दिए जाने का प्‍लान है. गौरतलब है कि एनपीएस में पेंशन की रकम तय नहीं होने को लेकर ही कर्मचारी विरोध कर रहे हैं और विपक्ष भी इस मुद्दे को लगातार भुनाने की कोशिश कर रहा है.


फिर कितनी मिलेगी पेंशन-


मामले से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि मोदी सरकार एनपीएस में बदलाव कर रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को गारंटी वाली पेंशन दिलाने की तैयारी में है. इसके तहत आखिरी वेतन की 50 फीसदी रकम पेंशन के रूप में दी जाएगी. जैसा कि पुरानी पेंशन योजना में था, लेकिन इसके लिए कर्मचारियों के बेसिक वेतन की 10 फीसदी रकम हर महीने एनपीएस में जमा की जाएगी.

मौजूदा योजना यानी एनपीएस के तहत कर्मचारी के रिटायर होने के बाद उसकी कुल रकम में से 60 फीसदी हिस्‍सा निकालने की छूट दी जाती है, जो पूरी तरह टैक्‍स फ्री होता है. शेष 40 फीसदी रकम से कर्मचारी को एन्‍युटी प्‍लान खरीदना होता है और इस पर मिलने वाले ब्‍याज को ही 12 हिस्‍सों में बांटकर हर महीने पेंशन के रूप में दिया जाता है. इस तरह एनपीएस की मौजूदा व्‍यवस्‍था के तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी के हाथ में उसके आखिरी वेतन की करीब 35 फीसदी रकम पेंशन के रूप में आती है.

रिटायरमेंट पर कितना पैसा निकाल सकेंगे-


अधिकारियों का मानना है कि एनपीएस में बदलाव के बाद रिटायरमेंट पर मिलने वाली एकमुश्‍त रकम भी घट जाएगी. कर्मचारी रिटायर होने पर सिर्फ अपने अंशदान यानी 10 फीसदी राशि को ही निकाल सकेगा. यह एनपीएस में जमा कुल रम का करीब 41.7 फीसदी हिस्‍सा होगा. शेष 58.3 फीसदी राशि से सरकार कर्मचारी के लिए एन्‍युटी प्‍लान खरीदेगी.

यह सरकार की ओर से कर्मचारी के खाते में 14 फीसदी के रूप में किए गए अंशदान की रकम है. इस तरह, रिटायर होने के बाद कर्मचारी को उसकी आखिरी सैलरी की 50 फीसदी रकम पेंशन के रूप में दी जाएगी. अगर एन्‍युटी से मिला रिटर्न 50 फीसदी से कम होगा तो इसकी भरपाई सरकार करेगी.

फिर भी सबसे बड़ी चुनौती बरकरार-


एनपीएस की योजना में बदलाव के बावजूद सबसे बड़ी समस्‍या महंगाई राहत और इंक्रीमेंट को लेकर रहेगी. अधिकारियों का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेंट के बाद महंगाई के सापेक्ष राहत दी जाती है और समय-समय पर इंक्रीमेंट का भी लाभ मिलता है. एनपीएस में रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन स्थिर रहती है और इसमें महंगाई राहत या इंक्रीमेंट का लाभ नहीं दिया जाता है.

इसका समाधान भी है-


अधिकारी ने बताया कि इस समस्‍या का भी समाधान निकाला जा सकता है. अगर हम एनपीएस की बाकी रकम से एन्‍युटी खरीदने के बजाए उसे खाते में रहने दें तो ज्‍यादा रिटर्न मिलेगा. अभी एन्‍युटी का रिटर्न 5 से 6 फीसदी तक है, जबकि एनपीएस में जमा पैसे पर 10 फीसदी से ज्‍यादा रिटर्न आता है. अगर हम पैसा निकालने के बजाए एनपीएस खाते में ही रहने दें तो ज्‍यादा ब्‍याज मिलेगा, जिससे समय-समय पर इंक्रीमेंट और महंगाई राहत के रूप में भी राशि को बढ़ाया जा सकेगा.